मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब में माथा टेका
* प्रदेश की शांति, प्रगति और खुशहाली के लिए की अरदास
चमकौर साहिब (रोपड़), 2 अगस्त: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब में माथा टेका और प्रदेश में शांति, प्रगति और खुशहाली के लिए अरदास की।
मुख्यमंत्री ने यह भी अरदास की कि प्रदेश में शांति और भाईचारे की भावना दिन-प्रतिदिन मजबूत हो और पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे पंजाब के लोगों की सेवा करने और अभूतपूर्व विकास व प्रगति के नए युग की शुरुआत करने का अवसर मिलने पर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार लोगों की सेवा के लिए महान सिख गुरुओं की शिक्षाओं पर चल रही है और प्रदेश के विकास की गति को और तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार को महान सिख गुरुओं की शिक्षाओं से जिम्मेदारी और सेवा की भावना प्राप्त होती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वाहेगुरु के आशीर्वाद से पंजाब हर क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। भगवंत सिंह मान ने अपनी यात्रा को विशेष बताते हुए कहा कि यह वह पवित्र स्थान है, जहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों ने शहादत दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पवित्र भूमि के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगी और इसके लिए सभी आवश्यक प्रयास जारी हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी, क्योंकि सरकार इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व वाले स्थान को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस संबंध में सुविचारित योजना पहले ही तैयार हो चुकी है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने योजनाबद्ध और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में पहले ही एक नई और प्रगतिशील लैंड पूलिंग नीति पेश की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों सहित सभी हितधारकों की राय ली जाएगी और इसे ध्यान में रखा जाएगा। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि यह लोगों की सरकार है और सरकार द्वारा हर निर्णय जनता से सलाह-मशविरा करके ही लिया जाता है।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीते समय में कांग्रेस के नेता गैंगस्टरों का समर्थन करते रहे हैं, जिससे असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहन मिलता रहा। उन्होंने कहा कि अब उन कांग्रेस नेताओं के परिवारों को इन गुंडा तत्वों की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं को अतीत में किए गए कार्यों के परिणामों का सामना करना पड़ रहा है।
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स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजऱ पंजाब में सुरक्षा में किया विस्तार
पंजाब पुलिस द्वारा समाज विरोधी तत्वों पर नजऱ रखने के लिए पखवाड़ा विशेष मुहिम शुरू
सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को संदिग्ध तत्वों पर पैनी नजऱ रखने और किसी की तरफ से भी सुरक्षा उल्लंघन की सूरत में तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश: विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला
युद्ध नशों विरुद्ध के 154वें दिन पुलिस द्वारा 107 नशा तस्कर गिरफ़्तार; 14 किलो हेरोइन बरामद
नशा छुड़ाने सम्बन्धी यत्नों के हिस्से के तौर पर पंजाब पुलिस ने 68 व्यक्तियों को नशा छोडऩे का इलाज लेने के लिए राज़ी किया
चंडीगढ़, 2 अगस्त: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों अनुसार आगामी स्वतंत्रता दिवस-2025 के शांतिपूर्ण जश्नों को यकीनी बनाने के लिए पंजाब पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी है और आपराधिक और समाज विरोधी तत्वों पर नजऱ रखने के लिए विशेष पखवाड़ा मुहिम शुरू की है।
डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों अनुसार सभी सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को अपने-अपने जिलों में सुरक्षा उपायों में विस्तार करने, गश्त बढ़ाने और रात के अभ्यान को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस सम्बन्धी विवरण देते हुये विशेष डीजीपी कानून और व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने कहा कि इन दो हफ़्तों में सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ नियमित तौर पर अलग-अलग कार्यवाहियां करेंगे जिसमें आतंकवाद / गैंगस्टर विरोधी कार्यवाहियां, जेलों की जांच, रणनीतिक स्थानों पर नाके लगाना, तलाशी अभ्यान आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को संदिग्ध गतिविधियों और व्यक्तियों पर नजदीकी नजऱ रखने और किसी की तरफ से भी सुरक्षा उल्लंघन की स्थिति में तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
विशेष डीजीपी ने सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने और अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निगरानी और गश्त तेज करने के निर्देश भी जारी किये हैं। उन्होंने आगे बताया कि सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में पुलिस चौकियों की संख्या बढ़ाने और हरेक नाके पर अधिक से अधिक वाहनों की जांच यकीनी बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों को घटाने में मदद मिलेगी।
बताने योग्य है कि पुलिस टीमों ने 154वें दिन नशों के विरुद्ध अपनी घेराबन्दी और खोज मुहिम (कासो) जारी रखते हुये आज 481 स्थानों पर छापेमारी की, जिससे राज्य भर में 80 ऐफआईआरज़ दर्ज करने के बाद 107 नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया गया। इससे 154 दिनों के अंदर गिरफ़्तार किये कुल नशा तस्करों की संख्या 24,325 हो गई है।
विशेष डीजीपी ने कहा कि इस छापेमारी के नतीजे के तौर पर गिरफ़्तार किये गए नशा तस्करों के कब्ज़े में से 13.9 किलो हेरोइन, 500 ग्राम अफ़ीम और 34,820 रुपए की ड्रग मनी बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि 87 गज़टिड अधिकारियों की निगरानी अधीन 1300 से अधिक पुलिस मुलाजिमों वाली 180 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्य भर में छापेमारी की और दिन भर चले इस आपरेशन के दौरान 511 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की।
विशेष डीजीपी ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में से नशों के ख़ात्मे के लिए तीन-आयामी रणनीति - इनफोरसमैंट, डी-अडिकशन और प्रीवैंशन (ईडीपी) - लागू की गई है और पंजाब पुलिस ने इस रणनीति के हिस्से के तौर पर 68 व्यक्तियों को नशा छोडऩे और पुनर्वास का इलाज लेने के लिए राज़ी किया है।
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’बिक्रम सिंह मजीठिया के विरुद्ध दर्ज एफआईआर की जांच को आगे बढ़ाते हुये विजीलैंस ब्यूरो ने गिलको डिवैलपरों से सम्बन्धित क्षेत्रों की तलाशी ली’
गिलको डिवैलपरों और बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़ी इकाईयों के बीच करोड़ों के संदिग्ध वित्तीय लेन-देन का पर्दाफाश; कई दस्तावेज़, इलेक्ट्रानिक उपकरण और अन्य सबूत किये ज़ब्त
चंडीगढ़, 2 अगस्त: बिक्रम सिंह मजीठिया के विरुद्ध पंजाब विजीलैंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन फ्लाइंग स्क्वाड, ऐसएऐस नगर में दर्ज एफआईआर नंबर 22 तारीख़ 25- 06- 2025 की जांच को आगे बढ़ाते हुए विजीलैंस ब्यूरो, पंजाब ने शनिवार, 02-08-2025 को गिलको डिवैलपरों के साथ जुड़ी तीन जायदादों पर छापेमारी और तलाशी ली।
तलाशी के दौरान विजीलैंस ब्यूरो ने गिलको डिवैलपरों और बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ जुड़ी इकाईयों के बीच करोड़ों के संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के विवरणों का खुलासा किया है। इस सम्बन्ध में आगे जांच जारी है।
आज यहाँ यह खुलासा करते हुए राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब और चंडीगढ़ में तलाशी ली गई। उन्होंने आगे कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गिलको डिवैलपरों और कुछ इकाईयों के बीच कुछ संदिग्ध वित्तीय सम्बन्ध और लेन-देन सामने आए थे। इनकी बारीक सी जांच की गई। इन लेन-देन की और गहराई से जांच करने और सम्बन्धित सबूत इकठ्ठा करने के लिए, विजीलैंस ब्यूरो ने कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया अनुसार यह तलाशियाँ ली हैं।
चल रही तलाशियों में कई दोषपूर्ण दस्तावेज़, इलेक्ट्रानिक उपकरण और अन्य सबूत ज़ब्त किये गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि तलाशी कार्यवाहियां कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार सख़्ती से की गई थीं और तलाशी अभी भी जारी है। प्रवक्ता ने कहा कि उपरोक्त तलाशी के दौरान इलेक्ट्रानिक यंत्र और सम्बन्धित दस्तावेज़ भी ज़ब्त किये गए हैं।
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अनुसूचित जाति आयोग द्वारा पुलिस कमिश्नर, अमृतसर को तलब किया गया
चंडीगढ़, 2 अगस्त: पंजाब राज्य अनुसूचित जातियाँ आयोग के चेयरमैन सरदार जसवीर सिंह गढ़ी ने एक मामले में पुलिस कमिश्नर, अमृतसर, श्री गुरप्रीत सिंह भुल्लर को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई के अवसर पर उपस्थित होकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब राज्य अनुसूचित जातियाँ आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीमती परविंदर कौर, पत्नी श्री भूषण कुमार, निवासी मकान नंबर 610, गली नंबर 4, शहीद उधम सिंह कॉलोनी, शहरवार गेट, जिला अमृतसर ने दिनांक 17 मार्च 2025 को आयोग को लिखित शिकायत दी थी कि एक व्यक्ति द्वारा उन्हें जातिसूचक गालियाँ दी जा रही हैं, घर से बाहर काम पर जाते समय अश्लील बातें कही जाती हैं तथा अवैध रूप से वीडियो बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में पंजाब राज्य अनुसूचित जातियाँ आयोग द्वारा ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, पंजाब के निदेशक से भी जांच करवाई गई, किंतु आज तक इस मामले में दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि आयोग के चेयरमैन द्वारा आदेश दिए गए हैं कि पुलिस कमिश्नर, अमृतसर, श्री गुरप्रीत सिंह भुल्लर दिनांक 04 अगस्त 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर तथ्यों पर आधारित पूर्ण रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।
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अनुसूचित जाति आयोग द्वारा एस.एस.पी. साहिबजादा अजीत सिंह नगर को तलब किया गया
चंडीगढ़, 2 अगस्त: पंजाब राज्य अनुसूचित जातियाँ आयोग के चेयरमैन सरदार जसवीर सिंह गढ़ी ने एक मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, साहिबजादा अजीत सिंह नगर को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई के अवसर पर उपस्थित होकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब राज्य अनुसूचित जातियाँ आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि डॉ. संदीप कौर, सहायक निदेशक, भौतिक/ऑडियो फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला, पंजाब, फेज-4, मोहाली (जिला एस.ए.एस. नगर) ने दिनांक 20 जनवरी 2025 को लिखित शिकायत दी थी कि उनके कार्यालय प्रमुख श्री अश्वनी कालिया द्वारा उनके प्रति जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया, जिसके संबंध में जिला अटॉर्नी द्वारा भी मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन इस विषय में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है और तथ्यों पर आधारित पूर्ण रिपोर्ट सहित एस.एस.पी. साहिबजादा अजीत सिंह नगर, श्री हरमनदीप सिंह हंस को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं।
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पंजाब सरकार द्वारा सामान्य तबादलों/तैनाती की तय समय-सीमा में बढ़ोतरी
चंडीगढ़, 2 अगस्त:
पंजाब सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा आज एक पत्र जारी कर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के सामान्य तबादलों/तैनाती से संबंधित निर्देशों एवं समय-सीमा में विस्तार की जानकारी दी गई है।
जारी पत्र के अनुसार, कार्मिक विभाग द्वारा पहले जारी पत्र संख्या 07/01/2014-1पी.पी.2(3पी.पी.2)/382-385 दिनांक 05.06.2025 की निरंतरता में, पंजाब सरकार ने राज्य के समस्त विभागों/संस्थानों में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के सामान्य तबादलों एवं तैनातियों की जो समय-सीमा पहले 23.06.2025 से 01.08.2025 निर्धारित की थी, उसे अब बढ़ाकर 20.08.2025 तक कर दिया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि 20.08.2025 के बाद सामान्य तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा और इसके उपरांत कोई भी तबादला/तैनाती केवल कार्मिक विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति दिनांक 23.04.2018 में किए गए प्रावधानों के अनुसार ही की जा सकेगी।
यह पत्र राज्य के समस्त विभागों के प्रमुखों, डिवीजनों के आयुक्तों, जिलों के उपायुक्तों एवं उप-मंडल मजिस्ट्रेटों, राज्य के सभी बोर्डों/निगमों के चेयरमैन/प्रबंध निदेशकों को संबोधित किया गया है।
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एनपीएस कर्मचारियों को पारिवारिक अथवा दिव्यांगता पेंशन प्राप्त करने संबंधी विकल्प चुनने की शर्त वित्त विभाग ने वापिस ली: हरपाल सिंह चीमा
सभी एनपीएस कर्मचारी अब बिना कोई विकल्प चुने इस अतिरिक्त सुविधा के पात्र होंगे
फैसले का उद्देश्य कर्मचारी की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में परिवार को होने वाली परेशानी को कम करना
चंडीगढ़, 2 अगस्त: राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के परिवारों की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज घोषणा की कि वित्त विभाग (एफ.डी.) ने न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आने वाले कर्मचारियों को पारिवारिक या दिव्यांगता (इनवैलिड) पेंशन लेने के संबंध में विकल्प चुनने की अनिवार्य शर्त को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन परिवारों की अनावश्यक परेशानी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिनके सदस्य सेवा के दौरान दिवंगत हो जाते हैं, क्योंकि अधिकांश ने औपचारिक रूप से यह विकल्प नहीं चुना होता।
यहाँ जारी एक प्रेस वक्तव्य में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पहले 8 अक्तूबर 2021 के वित्त विभाग के निर्देशों द्वारा एनपीएस कर्मचारियों को, जो सेवा के दौरान दिव्यांग हो जाते हैं या जिनकी मृत्यु हो जाती है, पारिवारिक या दिव्यांगता (इनवैलिड) पेंशन के रूप में अतिरिक्त राहत प्रदान की गई थी। हालांकि, इन निर्देशों की शर्त 6 के अनुसार वर्तमान और नव-नियुक्त दोनों प्रकार के कर्मचारियों को एक निर्धारित समय के भीतर यह विकल्प चुनना आवश्यक था कि वे पारिवारिक/दिव्यांगता (इनवैलिड) पेंशन चाहते हैं या एनपीएस योजना के लाभ। उन्होंने कहा कि यह शर्त उन परिवारों के लिए बहुत कठिनाई पैदा कर रही थी, जो इस आवश्यकता से अनजान थे या प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए वित्त विभाग ने 27 जून 2025 को अधिकारिक रूप से इन निर्देशों की शर्त 6 को हटा दिया है। उन्होंने बताया कि यह फैसला, जो पहले केवल पंजाब सरकार के एनपीएस कर्मचारियों पर लागू होता था, अब बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और राज्य स्वायत्त संस्थाओं (एसएबी) में कार्यरत एनपीएस कर्मचारियों को भी शामिल करते हुए विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि अब सभी एनपीएस कर्मचारी औपचारिक रूप से विकल्प चुने बिना इस अतिरिक्त सुविधा के पात्र होंगे।
गौरतलब है कि 8 अक्तूबर 2021 के निर्देशों को 23 जनवरी 2024 को "डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइज़ेज़ एंड डिसइन्वेस्टमेंट (डीपीईडी)" के पत्र के माध्यम से पंजाब सरकार के अधीन बोर्डों, निगमों, पीएसयू और एसएबी पर भी लागू कर दिया गया था।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार का उद्देश्य इस शर्त को हटाकर कर्मचारियों और उनके परिवारों को बिना अड़चन लाभ प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना है कि कठिन समय में उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि यह फैसला आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की अपने कर्मचारियों की भलाई और सहयोगपूर्ण कार्य वातावरण बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।