चंडीगढ़, 20 अप्रैल:
पंजाब सरकार ने राज्य में पराली जलाने की समस्या पर प्रभावी अंकुश लगाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 500 करोड़ रुपये की समग्र एक्शन योजना तैयार की है। इस योजना के तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (सी.आर.एम.) मशीनों पर सब्सिडी दी जाएगी, ताकि वे पराली जलाने की बजाय वैज्ञानिक तरीकों से उसका निपटारा कर सकें।
इस संदर्भ में जानकारी साझा करते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड़ियां ने बताया कि किसानों को सब्सिडी पर सी.आर.एम. मशीनें मुहैया कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा रही है। किसान 22 अप्रैल से 12 मई, 2025 तक निर्धारित पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
स. खुड़ियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों को व्यक्तिगत स्तर पर सी.आर.एम. मशीनें खरीदने पर 50% तक और किसान समूहों, सहकारी संस्थाओं व ग्राम पंचायतों को 80% तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस नीति का उद्देश्य न केवल किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना है, बल्कि वातावरण को भी प्रदूषण से मुक्त बनाना है।
कृषि मंत्री ने बताया कि सब्सिडी प्राप्त मशीनों में सुपर एस.एम.एस., हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, सरफेस सीडर, ज़ीरो टिल ड्रिल, बेलर, रेक, श्रब मास्टर, रोटरी स्लैशर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, मल्चर, फसल रीपर और हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ शामिल हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन मशीनों की उपलब्धता से किसानों को पराली प्रबंधन में कारगर समाधान मिलेगा और खेतों में पोषण बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा पर्यावरण में धुएं के स्तर को कम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।
विभाग के प्रबंधकीय सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने बताया कि पंजाब ने पिछले वर्ष पराली प्रबंधन में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। राज्य सरकार ने 17,600 से अधिक सी.आर.एम. मशीनें व्यक्तिगत किसानों, सहकारी समितियों और पंचायतों को वितरित कीं, साथ ही 1,331 कस्टम हायरिंग सेंटर (सी.एच.सी.) स्थापित किए गए।
इन प्रयासों की बदौलत पराली जलाने की घटनाओं में 70% की उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2023 में जहां पराली जलाने के 36,663 मामले दर्ज हुए थे, वहीं पिछले सीजन में यह संख्या घटकर मात्र 10,909 रह गई।
कृषि मंत्री ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का भरपूर लाभ उठाएं और पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनें।