भारत-पाक सीमा पर तनाव उस समय चरम पर पहुंच गया जब पाकिस्तान की ओर से बारामूला से लेकर गुजरात के भुज तक ड्रोन हमले किए गए। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में कुल 26 स्थानों को निशाना बनाया गया, जिनमें सेना की चौकियों, नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और रडार बेस शामिल हैं।
हमले का सबसे पहला संकेत जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में मिला, जहां भारतीय रडार ने सीमापार से उड़ते ड्रोन को ट्रैक किया। इसके बाद पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक के बाद एक धमाके सुने गए। यह अब तक का सबसे समन्वित और योजनाबद्ध ड्रोन हमला माना जा रहा है।
भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया
भारतीय सेना और वायुसेना ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक्शन मोड में प्रवेश किया। सीमा पर तैनात एंटी-ड्रोन यूनिट्स को सक्रिय किया गया, और कई ड्रोन को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया गया। सेना की उत्तरी कमान ने स्पष्ट किया कि जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की चार लॉन्चिंग साइट्स को टारगेट कर नष्ट किया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान की सीमा के नजदीक स्थित कई आतंकी लॉन्च पैड्स पर भी हमला किया गया।
नागरिक इलाकों में अलर्ट
हमलों के बाद सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पंजाब और राजस्थान की सीमावर्ती पंचायतों को अस्थायी रूप से खाली कराया गया है। गुजरात में कच्छ क्षेत्र में नागरिकों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की उच्चस्तरीय बैठक
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई। इसमें RAW, IB और सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में जवाबी रणनीति और सीमा सुरक्षा को लेकर अहम निर्णय लिए गए।