एयर इंडिया के विमान दुर्घटना को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के बाद पायलट संघ ने गंभीर आपत्ति जताई है। संघ का आरोप है कि रिपोर्ट में कई तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है और पूरी ज़िम्मेदारी पायलटों पर डालकर उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। संघ ने मांग की है कि जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्य आधारित होनी चाहिए।
क्या कहती है AAIB की रिपोर्ट?
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 2 जुलाई 2025 को मुंबई से दिल्ली आ रही फ्लाइट में खराब मौसम और तकनीकी गड़बड़ी के बावजूद पायलटों द्वारा 'गलत निर्णय' लिए गए, जिससे विमान रनवे पर फिसल गया और उसमें आग लग गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पायलट समय पर वैकल्पिक एयरपोर्ट की ओर मोड़ लेते, तो हादसे को टाला जा सकता था।
पायलट संघ की आपत्ति
इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) और इंडियन पायलट्स गिल्ड (IPG) ने संयुक्त बयान में कहा कि AAIB की रिपोर्ट "पूर्व निर्धारित निष्कर्षों पर आधारित" प्रतीत होती है। बयान में यह भी कहा गया, "हादसे के समय मौसम अत्यधिक खराब था और ग्राउंड कंट्रोल से मदद नहीं मिली। रिपोर्ट में एयर ट्रैफिक कंट्रोल, टेक्निकल स्टाफ और विमान की पुरानी मरम्मत संबंधी जानकारी को दरकिनार कर दिया गया है।"
पायलट संघों ने मांग की कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वतंत्र जांच कमेटी गठित की जाए जिसमें विदेशी एविएशन विशेषज्ञ भी शामिल हों।
पारदर्शी जांच की आवश्यकता
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब भारत में विमानन सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पिछले दो वर्षों में तकनीकी गड़बड़ियों और पायलटों की थकान को लेकर कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में पायलट संघों की यह मांग सामने आई है कि किसी भी हादसे की जांच सिर्फ किसी एक पक्ष की गलती बताकर पूरी नहीं की जा सकती।