‘युद्ध नशों विरुद्ध’: 146वें दिन, पंजाब पुलिस ने 414 स्थानों पर की छापेमारी; 103 नशा तस्कर किये काबू
आपरेशन के दौरान 69 ऐफआईआरज़ दर्ज, 21 किलोग्राम हेरोइन, 1 किलोग्राम अफ़ीम, 1.62 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद
‘डी-एडिकशन’ के हिस्से के तौर पर पंजाब पुलिस ने 81 व्यक्तियों को नशा छुड़ाओ इलाज करवाने के लिए किया राज़ी
चंडीगढ़, 25 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर राज्य में से नशीले पदार्थों के मुकम्मल ख़ात्मे के लिए चलाई गई जंग ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ को 146वें दिन भी जारी रखते हुये पंजाब पुलिस ने आज 414 स्थानों पर छापेमारी की, जिसके चलते राज्य भर में 69 ऐफआईआरज़ दर्ज करके 103 नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया गया है। इसके साथ, 146 दिनों में गिरफ़्तार किये गए कुल नशों के तस्करों की संख्या 23, 377 हो गई है।
इस छापेमारी के दौरान गिरफ़्तार किये गए नशा तस्करों के कब्ज़े में से 21.17 किलोग्राम हेरोइन, 1 किलो अफ़ीम, 8859 नशीली गोलियां/ कैपसूल/ टीके और 1.62 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद की गई है।
यह आपरेशन डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक ही समय चलाया गया।
जि़क्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा पुलिस कमीशनरों, डिप्टी कमीशनरों और सीनियर पुलिस सुपरडैंट को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए कहा गया है। पंजाब सरकार ने नशों के विरुद्ध जंग की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में 5 सदस्यीय कैबिनेट सब कमेटी का भी गठन किया है।
स्पैशल डीजीपी कानून और व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने जानकारी दी कि 86 गज़टिड अधिकारियों की निगरानी में 1300 से अधिक पुलिस कर्मचारियों वाली 180 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्य भर में छापेमारी की है। उन्होंने आगे कहा कि दिन भर चले इस आपरेशन के दौरान पुलिस टीमों ने 453 शक्की व्यक्तियों की जांच भी की है।
स्पेशल डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में से नशे के ख़ात्मे के लिए तीन-आयामी रणनीति - इनफोरसमैंट, डी- एडिकशन और प्रीवेन्शन (ईडीपी) - लागू की गई है और पंजाब पुलिस ने ‘डी-एडिकशन’ के हिस्से के तौर पर आज 81 व्यक्तियों को नशा छुड़ाओ और पुनर्वास इलाज करवाने के लिए राज़ी किया है।
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नकली बीजों की बिक्री गैर-जमानती अपराध होगी; मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट ने लगाई मुहर
सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी
चंडीगढ़, 25 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 पेश करने को मंजूरी दी।
इस संबंध में फैसला आज यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजाब के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025’ पेश करने को सहमति दी। सीड एक्ट 1966 की धारा 19 में शुरू से कोई संशोधन नहीं किया गया था, जिसके कारण जुर्माने से यह अपराध रुक नहीं रहा था। इसलिए मंत्रिमंडल ने ‘सीड एक्ट (अधिसूचित किस्मों के बीजों की बिक्री का नियमन)’ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए एक्ट में संशोधन और धारा 19ए जोडऩे के लिए एक विधेयक तैयार करने की मंजूरी दी। इससे जुर्माने में वृद्धि और इस अपराध को गैर-जमानती बनाया गया है।
इस प्रस्ताव के अनुसार, कंपनी को पहली बार अपराध करने पर एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये तक जुर्माना होगा, जबकि दोबारा अपराध करने पर दो से तीन साल की सजा और 10 से 50 लाख रुपये जुर्माना होगा। इसी तरह, डीलर/व्यक्ति को पहली बार अपराध पर छह महीने से एक साल की सजा और एक से पांच लाख रुपये जुर्माना, तथा दोबारा अपराध पर एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये जुर्माना होगा। पहले, पहली बार अपराध पर 500 रुपए जुर्माना और दूसरी बार 1000 रुपए जुर्माना व छह महीने की सजा थी।
उद्योगपतियों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए ढांचा विकसित करने में बड़ी राहत
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कैबिनेट ने राज्य में औद्योगिक/व्यावसायिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए जमीन (बिक्री या लीज पर) उपलब्ध कराने हेतु एक ढांचा विकसित करने को मंजूरी दी। इस कदम का उद्देश्य राज्य में निवेश को और बढ़ावा देना है। उल्लेखनीय है कि जमीन की मांग करने वाले निवेशकों के लिए जमीन के टुकड़ों की पहचान और प्रबंधन के लिए समयबद्ध प्रक्रिया की कमी थी। इसलिए दो-वर्षीय डिजिटल लैंड पूल, 200 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए निवेशक सुविधा, संभावना जांच, रिजर्व मूल्य निर्धारण, ई-नीलामी प्रक्रिया, लीज विकल्प, नीलामी समय-सीमा और अन्य विशेषताओं के साथ एक व्यापक प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है।
ग्रुप ‘डी’ भर्ती के लिए आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 37 वर्ष की
ग्रुप ‘डी’ की रिक्तियों के लिए आवेदकों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने पंजाब राज्य (ग्रुप डी) सेवा नियम, 1963 के नियम 5(बी) और 5(डी) में संशोधनों को मंजूरी दी, जिससे इन रिक्तियों के लिए आवेदन की आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 37 वर्ष कर दी गई। पंजाब में ग्रुप ‘डी’ सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयु सीमा 16 से 35 वर्ष थी, जबकि पी.सी.एस. नियम 1994 के अनुसार ग्रुप ए, बी और सी के लिए आयु सीमा 18 से 37 वर्ष थी। एकरूपता के लिए पंजाब राज्य ग्रुप-डी सेवा नियम 5(बी) में संशोधन कर नियुक्ति की आयु 18 से 37 वर्ष कर दी गई। नियम 5(डी) के तहत शैक्षिक योग्यता को आठवीं से दसवीं कर दिया गया है।
उद्योगपतियों के लिए एकमुश्त निपटारा योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने ब्याज-मुक्त ऋणों, सीड मार्जिन मनी, पंजाब राज्य एड टू इंडस्ट्रीज एक्ट 1935 और इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आई.आर.डी.पी.) के तहत ऋणों के निपटारे के लिए एकमुश्त निपटारा योजना (ओ.टी.एस.) लाने को मंजूरी दी। इसके तहत आई.आर.डी.पी. और पंजाब राज्य सहायता उद्योग अधिनियम 1935 के तहत ऋणों पर ब्याज और मूलधन पूरी तरह माफ होगा। इससे 208 से 1842 तक के मामले आएंगे, जिससे लगभग 3100 लाभार्थियों को करीब 65 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। योग्य इकाइयों को इस योजना का लाभ लेने के लिए अखबार में नोटिस प्रकाशित होने के 180 दिनों के भीतर अपने बकाया का भुगतान करना होगा।
पुन: टेंडर के लिए बोलियां मंगवाने हेतु समय सीमा में कार्योत्तर मंजूरी
मंत्रिमंडल ने रबी खरीद सीजन 2025-26 के लिए 46,000 एल.डी.पी.ई. काले पॉलिथीन कवरों की खरीद के लिए पुन: टेंडर में बोलियां मंगवाने हेतु समय सीमा में छूट की कार्योत्तर मंजूरी दी। रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के दौरान 30,000 करोड़ रुपए की गेहूं की सुरक्षित भंडारण, रखरखाव और संभाल सुनिश्चित करने के लिए एल.डी.पी.ई. कवरों की खरीद हेतु टेंडर की अवधि को टी+21 दिनों से घटाकर टी+14 दिन करने की कार्योत्तर मंजूरी मांगी गई। मानसून शुरू होने से पहले छिडक़ाव सुनिश्चित करने और खुले स्टॉक को मौसमी नुकसान से बचाने के लिए यह आवश्यक था।
पंजाब डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन नियमों में संशोधन*
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना 2024 के तहत भारत सरकार के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार कैबिनेट ने पंजाब डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डी.एम.एफ.) नियमों में संशोधनों को मंजूरी दी। इन संशोधनों से परियोजनाओं के कार्यान्वयन, शक्तियों और जिम्मेदारियों में सुधार, जैसे पांच-वर्षीय दृष्टिकोण योजना, डी.एम.एफ. फंडों के उपयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र, और डी.एम.एफ. से फंड स्थानांतरण पर प्रतिबंध में पारदर्शी दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य डी.एम.एफ. की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी व कुशल बनाना है।
श्री काली देवी/श्री राज राजेश्वरी जी मंदिर, पटियाला की सलाहकार प्रबंधकीय कमेटी में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने श्री काली देवी जी/श्री राज राजेश्वरी जी मंदिर, पटियाला की सलाहकार प्रबंधकीय कमेटी में संशोधनों को भी मंजूरी दी, जिससे इस कमेटी का चेयरमैन और सदस्य नामित करने का अधिकार मुख्यमंत्री को होगा। साथ ही, चेयरमैन, सचिव, सदस्यों और प्रबंधकीय कमेटी की वित्तीय शक्तियों में बदलाव को भी हरी झंडी दी गई।
पंजाब वैल्यू एडेड टैक्स नियम, 2005 में संशोधन को सहमति
कैबिनेट ने पंजाब वैल्यू एडेड टैक्स नियम, 2005 में संशोधन को भी मंजूरी दी, जिससे पंजाब वैट ट्रिब्यूनल का चेयरमैन और अन्य सदस्य पंजाब के अधिकारियों की तर्ज पर मकान भत्ता (एच.आर.ए.) और महंगाई भत्ता (डी.ए.) के हकदार होंगे।
‘पंजाब फूड ग्रेन्स ट्रांसपोर्टेशन पॉलिसी 2025’ को सहमति
कैबिनेट ने पंजाब में अनाज की परिवहन प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए ‘पंजाब फूड ग्रेन्स ट्रांसपोर्टेशन पॉलिसी 2025’ और ‘पंजाब लेबर एंड कार्टेज पॉलिसी 2025’ को मंजूरी दी। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार अपनी प्रांतीय खरीद एजेंसियों और एफ.सी.आई. के माध्यम से विभिन्न खरीद केंद्रों/मंडियों से अनाज की खरीद करती है। इस नीति के तहत 2025 में परिवहन का काम पारदर्शी ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से प्रतिस्पर्धी आधार पर दिया जाएगा।
582 पशु चिकित्सा अस्पतालों में 479 पशु चिकित्सा फार्मासिस्टों और 472 सफाई सेवकों की सेवाओं में विस्तार
पशुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिए बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने हेतु कैबिनेट ने राज्य भर के 582 पशु चिकित्सा अस्पतालों में 479 पशु चिकित्सा फार्मासिस्टों और 472 सफाई सेवकों की सेवाओं को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने की मंजूरी दी।
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मान सरकार की जीवनजोत 2.0 पहल ने सिर्फ एक हफ्ते में 168 बाल भिखारियों को बचाया: डॉ. बलजीत कौर
88 मजबूर बच्चों को सुरक्षित सरकारी आश्रय स्थलों में भेजा गया; बाल शोषण पर कड़ी कार्रवाई शुरू
पंजाब अब वैज्ञानिक रेस्क्यू, पुनर्वास और डीएनए पहचान मुहिम के जरिए भिखारी-मुक्त भविष्य की ओर बढ़ रहा है: मंत्री
चंडीगढ़, 25 जुलाई: मुख्यमंत्री स भगवंत मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार की प्रमुख पहल ‘प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0’ ने केवल एक सप्ताह में राज्यभर की सडक़ों और गलियों से 168 बाल भिखारियों को सफलतापूर्वक बचाया है। यह जानकारी आज सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट, जो लगभग 9 महीने पहले शुरू हुआ था, अब ‘जीवनजोत 2.0’ के रूप में अपग्रेड होकर और अधिक तेज़, सुदृढ़ व प्रभावशाली ढंग से चलाया जा रहा है। यह न केवल रेस्क्यू अभियानों तक सीमित है, बल्कि इसमें वैज्ञानिक पहचान, डीएनए परीक्षण, पुनर्वास और मुख्यधारा में एकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
125 छापेमारी, 168 बच्चे बचाए, 88 को सुरक्षित आश्रय
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि बड़े शहरों में 125 छापेमारी अभियानों के दौरान 168 बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया। इनमें से 80 बच्चों की पहचान उनके माता-पिता से होने के बाद उन्हें सुरक्षित रूप से परिजनों को सौंपा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे दोबारा सडक़ों पर न लौटें।
जिन 88 बच्चों की पहचान नहीं हो सकी, उन्हें सरकार द्वारा संचालित बाल देखभाल गृहों में भेजा गया है, जहाँ उन्हें शिक्षा, पोषण, आवास, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है।
वैज्ञानिक प्रक्रिया: सामाजिक रिपोर्ट, डीएनए जांच और अंतर-राज्यीय समन्वय
मंत्री ने बताया कि बच्चों की पृष्ठभूमि और आवश्यकताओं को समझने के लिए अब तक 25 सामाजिक जाँच रिपोर्टें तैयार की जा चुकी हैं। 16 बच्चों के डीएनए परीक्षण शुरू हो चुके हैं, जिनमें से 13 नमूने प्रयोगशाला को भेजे गए हैं।
इसके अतिरिक्त, 10 बच्चे अन्य राज्यों से संबंधित पाए गए हैं, जिनकी सुरक्षित वापसी के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
जीवनजोत प्रोजेक्ट सिर्फ बचाव नहीं - भविष्य को संवारने का प्रयास
"जीवनजोत प्रोजेक्ट केवल रेस्क्यू तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य इन बच्चों का भविष्य दोबारा उज्जवल बनाना है," मंत्री ने कहा।
उन्होंने बताया कि कई बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है, 30 बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया गया है, और 58 बच्चे अब भी सरकारी संरक्षण में हैं, जिनके लिए दीर्घकालिक देखभालकर्ता तलाशे जा रहे हैं।
अयोग्य माता-पिता, तस्करों और गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई
डॉ. बलजीत कौर ने चेतावनी दी कि यदि कोई अभिभावक या संरक्षक बच्चे को दोबारा भीख मांगने को मजबूर करेगा, तो उसे "अयोग्य संरक्षक" घोषित कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसी प्रकार, जिन गिरोहों या मानव तस्करों द्वारा बच्चों से जबरन भीख मंगवाई जा रही है, उनके खिलाफ भी कड़े पुलिस और कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
बालिग भिखारियों के लिए ‘आश्रय केंद्र’
मंत्री ने बताया कि सरकार शीघ्र ही लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, मोहाली और बठिंडा जैसे बड़े शहरों में ‘आश्रय केंद्र’ स्थापित करेगी, जहाँ बालिग भिखारियों को आवास, परामर्श और कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे बच्चों को भीख मांगने को मजबूर न कर सकें।
जनता से अपील: चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल करें
अंत में मंत्री ने आमजन और मीडिया से अपील की:
"यदि आप किसी बच्चे को भीख मांगते देखें, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल करें। आपकी एक कॉल एक बच्चे की जिंदगी बदल सकती है।"
उन्होंने कहा कि ‘प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0’ के ज़रिए मान सरकार एक ऐसे पंजाब की नींव रख रही है, जहाँ हर बच्चा स्कूल में हो, सडक़ों पर नहीं।
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मुख्य मंत्री ने पर्यावरण विशेषज्ञों की कमेटी को बग्गा कलां और अखाड़ा सी.बी.जी. प्लांटों की जांच करने के लिए कहा
कमेटी से समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट मांगी
पर्यावरण प्रदूषण को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति दोहराई
चंडीगढ़, 25 जुलाई: पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पर्यावरण विशेषज्ञों की कमेटी को बग्गा कलां और अखाड़ा सी.बी.जी. प्लांटों की गहन जांच करने और समयबद्ध तरीके से अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा।
मुख्य मंत्री ने लुधियाना के दोनों गांवों के निवासियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विश्वविद्यालयों और अन्य प्रतिनिधियों से बनी विशेषज्ञ कमेटी को गांववासियों से मुलाकात करनी चाहिए और इन प्लांटों की स्थापना से संबंधित सभी बिंदुओं का मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि कमेटी और गांववासी स्थानीय निवासियों द्वारा उठाई जा रही हर चिंता की सावधानीपूर्वक जांच करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कमेटी को प्लांटों से संबंधित रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से सौंपनी चाहिए ताकि इस पर उचित कार्रवाई की जा सके।
मुख्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार किसी भी उल्लंघन की अनुमति नहीं देगी और गांववासियों के हितों की रक्षा किए बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने पंजाब में प्रदूषण नियंत्रण के प्रति राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि प्रदूषण नियमों के किसी भी उल्लंघन के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। भगवंत सिंह मान ने गांववासियों को स्पष्ट किया कि प्लांट पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होगा और किसी को भी नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य मंत्री ने आगे कहा कि किसी भी नियम तोडऩे वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और राज्य सरकार राज्य के जल और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। गांव घुंगराली में गांववासियों की सहमति से स्थापित किए गए प्लांट का उदाहरण देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार लोगों की सहमति से फैसले लिए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार राज्य और इसके लोगों के हितों की रक्षा के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
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भगवंत सिंह मान द्वारा बठिंडा में 11 अनमोल जिंदगियाँ बचाने वाले चार पुलिस कर्मियों को 'मुख्यमंत्री रक्षक पदक' देने की घोषणा
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस कर्मियों को किया गया सम्मानित
चंडीगढ़, 25 जुलाई: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 23 जुलाई को सरहिंद नहर में कार गिरने से हुए हादसे में 11 लोगों की जान बचाने वाले चार जाँबाज़ पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री ने आज यहां अपनी सरकारी आवास पर पी सी आर टीम के चार सदस्यों - ए.एस.आई. राजिंदर सिंह, ए.एस.आई. नरिंदर सिंह, कांस्टेबल जसवंत सिंह और कांस्टेबल हरपाल कौर - को उनकी बहादुरी और शानदार सेवा के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया।
इस अवसर पर पुलिसकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके साहस की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों ने समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ लोगों की सेवा कर पंजाब पुलिस की गौरवशाली परंपरा को बनाए रखा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत सक्रिय हुई और पाँच बच्चों समेत सभी 11 पीडि़तों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया - यह बेहद गर्व और संतोष की बात है।
पुलिस कर्मियों की वीरता को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि ए.एस.आई. नरिंदर सिंह ने डूबती कार से परिवार को बाहर निकालने के लिए नहर में छलांग लगा दी। इतना ही नहीं, कांस्टेबल जसवंत सिंह, जो तैरना भी नहीं जानते थे, उन्होंने भी नरिंदर सिंह का साथ दिया और अपनी जान की परवाह किए बिना पूरे परिवार की जान बचाई।
मुख्यमंत्री ने पी सी आर टीम के अन्य सदस्यों और उन नागरिकों की भी भरपूर सराहना की, जिन्होंने पीडि़तों को बचाने में बढ़-चढक़र सहायता की।
इस घटना को अद्भुत साहस और पेशेवर प्रतिबद्धता का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने बठिंडा के एस.एस.पी. अवनीत कोंडल और उनकी पूरी टीम को भी बधाई दी, जिन्होंने मानवता की एक मिसाल कायम की।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह के दौरान इन जाँबाज़ पुलिस कर्मियों को 'मुख्यमंत्री रक्षक पदक' से सम्मानित किया जाएगा।
भगवंत सिंह मान ने आशा व्यक्त की कि इस साहसिक और अनुकरणीय कार्य से बाकी पुलिस कर्मी भी प्रेरणा लेंगे और राज्यवासियों की सेवा इसी भावना और समर्पण के साथ करते रहेंगे।