मुख्यमंत्री मान ने कैप्टन को करवाया याद; गुटका साहिब की सौगंध उठाने के बाद भी आप नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई से हिचकते रहे
कहा; भतीजे ने प्रदेश में नशा लाया और चाचा ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में इस कारोबार को फलने-फूलने में मदद की
नशा तस्करों के मानवाधिकारों को लेकर भाजपा नेता की चिंता पर उठाए सवाल
नशा तस्कर की गिरफ्तारी पर कांग्रेस और भाजपा को अपना रुख स्पष्ट करने की दी चुनौती
कहा; कैप्टन और उनके 'चहेते' भतीजे ने पंजाब में नशे के कारोबार को सरपरस्ती दी
चंडीगढ़, 26 जुलाई: पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि भाजपा नेता पवित्र गुटका साहिब की सौगंध उठाने के बावजूद नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहे।
मुख्यमंत्री ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की नशा तस्करों के मानवाधिकारों प्रति स्पष्ट चिंता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए ऐसी चिंता क्यों नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि जब कैप्टन और उनके भतीजे के राज के दौरान आम लोगों के बेटे नशे के कारण दर्दनाक मौतें मर रहे थे, तब शाही ठाठ-बाट वाला महाराजा शानदार पार्टियों में व्यस्त रहा।
भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि ऐसे नेताओं ने अपनी लापरवाही और मिलीभगत के ज़रिये पीढ़ी दर पीढ़ी नरसंहार को संभव बनाकर पंजाब को तबाह कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शासन को 'उत्तर काटो मैं चढ़ां' के खेल की तरह समझा, नशे के व्यापार को बचाते हुए और उसे प्रोत्साहित करते हुए सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा की। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के हाथ पंजाब के नौजवानों के खून से रंगे हुए हैं, जो उनकी साज़िशों का शिकार हुए। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा, "उन्होंने नशों को बेरोक-टोक बढऩे-फूलने की इजाज़त देकर युवा पीढ़ी को बलि का बकरा बनाया।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब के लोगों ने अब इन नेताओं की दोहरी हकीकत देख ली है — हालांकि अफ़सोस की बात है कि भारी नुकसान के बाद लोगों को सच्चाई का पता लगा। उन्होंने कहा कि भाजपा संभवत: कैप्टन की हालिया टिप्पणियों को निजी राय मानकर खारिज करने और उनसे दूरी बनाने की कोशिश करेगी। भगवंत सिंह मान ने चेतावनी दी कि पंजाब के लोग कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके सहयोगियों को राज्य और इसके नागरिकों से किए विश्वासघात के लिए कभी माफ नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह त्रासदी है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरनजीत सिंह चन्नी से लेकर रवनीत बिट्टू, प्रताप सिंह बाजवा और सुखपाल सिंह खैहरा तक कई नेता एक नशा तस्कर के खिलाफ पंजाब सरकार की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वही व्यक्ति है, जिसने राज्य में चिट्टा लाया, अपनी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करके नशे सप्लाई किए और पंजाब की जवानी को बर्बाद करने में बड़ी भूमिका निभाई। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि नशों का व्यापार अकाली शासन के दौरान बढ़ा-फूला, खास तौर पर जब बिक्रम सिंह मजीठिया शासन में थे। उन्होंने कहा कि यह कारोबार उस समय और फैला, जब अकाली नेता के चाचा जी कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने।
मुख्यमंत्री ने इन सभी नेताओं पर नशा तस्करों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने पंजाब को बर्बाद करने की कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राज्य के लोग इन्हें उनके पाखंड और विश्वासघात के लिए कभी माफ नहीं करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कांग्रेस और भाजपा को नशे के मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने की चुनौती दी, क्योंकि इन पार्टियों के नेता अब एक बदनाम नशा तस्कर का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उनकी सरकार ने "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम के तहत नशों के खिलाफ जंग शुरू की है और नशों के नेटवर्क की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में राज्य को लूटने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार ने यह प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य की दौलत लूटने वाला चाहे कोई भी हो, उसे सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
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अमृतसर में एक नाबालिग समेत चार तस्कर काबू; 6 किलोग्राम हेरोइन बरामद
— सरहदी गांव से तस्करी करने वाला मुख्य दोषी सरबजीत उर्फ जोबन बदनाम तस्कर राणा से सीधे संपर्क में था: डीजीपी गौरव यादव
— इस मामले में आगे-पीछे के संबंध स्थापित करने के लिए और जांच जारी है: सीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर
चंडीगढ़/अमृतसर, 26 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चलाई गई व्यापक मुहिम दौरान सरहद पार से चल रहे नार्को-तस्करी नेटवर्क को करारा झटका देते हुए, कमिश्नरेट पुलिस अमृतसर ने पाकिस्तान आधारित तस्करों से जुड़े संगठित हेरोइन तस्करी कार्टेल के नाबालिग समेत चार तस्करों को गिरफ्तार करके इस कार्टेल का पर्दाफाश किया है। पुलिस द्वारा उनके कब्जे में से 6.1 किलो हेरोइन बरामद की गई है। यह जानकारी आज यहां डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान सरबजीत सिंह उर्फ जोबन (29) निवासी गांव धनोआ, अमृतसर, धरम सिंह उर्फ हैप्पी (32) और कुलबीर सिंह उर्फ गुरदीप सिंह उर्फ थॉमस (24) दोनों निवासी अजनाला, अमृतसर और एक 17 वर्षीय नाबालिग के रूप में हुई है। हेरोइन बरामद करने के अलावा, पुलिस टीमों ने उनके दो मोटरसाइकिल, जिनका इस्तेमाल वे नशीले पदार्थों की खेप डिलीवर करने के लिए कर रहे थे, भी जब्त कर लिए हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता लगा है कि मुख्य दोषी सरबजीत उर्फ जोबन, जो कि सरहदी क्षेत्र के एक गांव से तस्करी का धंधा कर रहा था, सरहद पार के बदनाम तस्कर राणा से सीधे संपर्क में था। उन्होंने बताया कि उसे एक नाबालिग समेत गिरफ्तार किया गया है और इनके पास से 1 किलो हेरोइन बरामद हुई है।
डीजीपी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों से पूछताछ उपरांत अजनाला से दो और तस्करों - धरम सिंह और कुलबीर सिंह - को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से 5 किलोग्राम से अधिक हेरोइन जब्त की गई।
और जानकारी साझा करते हुए पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर सरबजीत उर्फ जोबन पाकिस्तान आधारित तस्करों, जो खेपें पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे थे, द्वारा बताए गए ठिकानों से खेपें प्राप्त करता था। पूछताछ दौरान दोषी सरबजीत ने खुलासा किया कि वह एक खेप में 4-5 किलो हेरोइन डिलीवर करता था और वह हथियारों की खेपें भी डिलीवर कर चुका है।
सीपी ने बताया कि जांच से यह भी पता लगा है कि गिरफ्तार किया गया नाबालिग पाकिस्तान आधारित तस्कर राणा के सीधे संपर्क में था। उन्होंने बताया कि इस मामले के आगे-पीछे के संबंध स्थापित करने के लिए और जांच जारी है।
इस संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें एफआईआर नंबर 45 दिनांक 24-07-2025 को एनडीपीएस एक्ट की धारा 21-सी और 29 अधीन अमृतसर के पुलिस स्टेशन एयरपोर्ट में दर्ज की गई है और एफआईआर नंबर 142 दिनांक 23-07-25 को एनडीपीएस एक्ट की धारा 21-सी, 25 और 29 अधीन अमृतसर के पुलिस स्टेशन छेहर्टा में दर्ज की गई है।
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शिक्षा विभाग में क्रांतिकारी बदलाव की ओर बढ़ाए कदम - हरजोत सिंह बैंस
- जल्द भेजा जाएगा शिक्षकों का तीसरा बैच फिनलैंड, आधुनिक शिक्षा प्रणाली से होगा प्रशिक्षण
- पटियाला में शिक्षा मंत्री ने स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों से किया सीधा संवाद
- "हमारी सरकार ने कभी किसी शिक्षक यूनियन के सदस्य से भेदभाव नहीं किया": हरजोत सिंह बैंस
चंडीगढ़ / पटियाला, 26 जुलाई: पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने आज पटियाला जिले के सरकारी स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों से सीधा संवाद कर शिक्षा विभाग में आ रहे सकारात्मक बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने घोषणा की कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों से जोडऩे के लिए जल्द ही तीसरा बैच फिनलैंड भेजा जाएगा।
संवाद की शुरुआत में सभी उपस्थित लोगों ने राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से हुई 7 मासूम बच्चों की मौत पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी।
श्री बैंस ने कहा कि पिछली सरकारों की गलत नीतियों ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया था। पूर्ववर्ती सरकारें केवल 'ट्रांसफर' और 'टेंडर' जैसे मुद्दों में उलझी रहीं, जबकि मौजूदा सरकार ने 'टीचर्स' और 'स्टूडेंट्स' की बेहतरी और बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण को अपनी प्राथमिकता बनाया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में स्कूली शिक्षा प्रणाली को देश में सर्वोत्तम बनाने के पीछे शिक्षकों की मेहनत और उनके सुझावों की अहम भूमिका है। सरकार ने हर शिक्षक संगठन की बात को गंभीरता से सुना है और किसी के साथ पक्षपात नहीं किया।
शिक्षा मंत्री, जिनके पास उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण, भाषा विभाग और जनसंपर्क विभाग की भी जिम्मेदारी है, ने कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों को अपने सुझाव और समस्याएं ईमेल के ज़रिये भेजने का आग्रह भी किया, जिससे कोई भी शिक्षक बिना झिझक अपनी बात साझा कर सके।
इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार स्कूलों में विद्यार्थियों को नशा मुक्त और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए शिक्षकों के साथ मिलकर नई पहलें शुरू कर रही है। उन्होंने ‘उलीके प्रोग्राम’ जैसी योजनाओं के बारे में भी शिक्षकों को जानकारी दी।
इस अवसर पर नाभा के विधायक श्री गुरदेव सिंह देव मान, एसडीएम पातड़ां अशोक कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी शालू मेहरा और डिप्टी डीईओ डॉ. रविंदरपाल सिंह ने शिक्षा मंत्री का स्वागत किया।
कार्यक्रम में शिक्षकों ने "दुवल्ली संवाद" पहल की सराहना करते हुए इसे राज्य की शिक्षा प्रणाली को देश में नंबर-1 बनाने की दिशा में अहम कदम बताया। शिक्षकों ने विदेश और आईआईएम स्तर पर प्रशिक्षण, मिशन समर्थ, बैग-लेस स्कूल, नशा विरोधी अभियान सहित कई मुद्दों पर अपने सुझाव भी साझा किए।
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पंजाब सरकार द्वारा 16 विशेष छापों के दौरान 4 बच्चों को रेस्क्यू किया गया: डॉ. बलजीत कौर
अभियान की शुरुआत से अब तक (10 दिनों में) कुल 192 बच्चों को बचाया गया: डॉ. बलजीत कौर
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई: सामाजिक सुरक्षा मंत्री
भीख मंगवाने के लिए बच्चों के शोषण पर 5 से 20 वर्ष तक की कैद का प्रावधान
चंडीगढ़, 26 जुलाई: मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सडक़ों पर भीख मांगते बच्चों को सुरक्षित और भविष्य-निर्माण योग्य जीवन की ओर ले जाने हेतु चलाए जा रहे "जीवनजोत" अभियान के तहत तेज़ और निरंतर कार्रवाइयों को और तेज़ गति दी है। यह जानकारी आज सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर द्वारा दी गई।
उन्होंने बताया कि आज 16 ज़िलों में जिला बाल सुरक्षा टीमों द्वारा चलाए गए विशेष छापों के दौरान 4 भीख मांगते बच्चों को रेस्क्यू किया गया। ये छापे बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में मारे गए।
फाजिल्का और पटियाला से 2-2 बच्चों को बचाया गया। फाजिल्का के दो बच्चों को दस्तावेज़ जांच और माता-पिता की काउंसलिंग के बाद घर भेज दिया गया है। बाकी दो बच्चों की पहचान और जांच प्रक्रिया अभी जारी है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पहले 10 दिनों के दौरान कुल 192 बच्चों को रेस्क्यू करके उनकी देखभाल हेतु आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने ऐसे माता-पिता या अज्ञात व्यक्तियों को चेतावनी दी जो बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की उम्र,शिक्षा और मानसिक विकास के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध संबंधित कानूनों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही होगी।
उन्होंने कहा कि जो कोई भी—चाहे वह माता-पिता हों या अन्य कोई व्यक्ति—यदि बच्चों को भीख मंगवाने के लिए मजबूर करता पाया गया, तो न केवल उन्हें "अयोग्य संरक्षक" घोषित किया जाएगा, बल्कि कानून के तहत 5 से 20 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि "जीवनजोत" परियोजना केवल बच्चों को भीख मांगने से रोकने का प्रयास नहीं है, बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा, भोजन, आवास और सम्मानजनक जीवन देने की एक संकल्पित पहल है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वे बच्चों को भीख न दें और यदि किसी भी बच्चे को भीख मांगते देखें तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना दें।
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अब सेवा केंद्रों और डोर स्टेप डिलीवरी के ज़रिए मिल रही हैं आर.सी., ड्राइविंग लाइसेंस और राजस्व विभाग की सेवाएं
* अमन अरोड़ा द्वारा संबंधित अधिकारियों को सेवाओं के सुचारु क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश
* बेवजह आपत्ति लगाकर नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर कटवाने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश
* सुशासन मंत्री द्वारा सेवा केंद्रों और डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से शुरू की गई राजस्व और परिवहन विभाग की नई सेवाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
चंडीगढ़, 26 जुलाई: पंजाब के सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि नागरिक-केन्द्रित शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने पंजीकरण प्रमाणपत्र (आर.सी.) और ड्राइविंग लाइसेंस (डी.एल.) समेत परिवहन विभाग की 30 सेवाएं सेवा केंद्रों और डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से उपलब्ध करवा दी हैं, जिससे अब लोगों को यह सेवाएं प्राप्त करने के लिए आर.टी.ओ. कार्यालय जाने या एजेंटों पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है।
श्री अमन अरोड़ा ने यहां मैगसीपा से वरिष्ठ अधिकारियों और सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सेवा केंद्रों और डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से हाल ही में शुरू की गई राजस्व और परिवहन विभाग की सेवाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
उल्लेखनीय है कि राजस्व विभाग की छह सेवाएं, जिनमें डीड पंजीकरण, वंशानुगत अधिकार के आधार पर इंतकाल, रजिस्टर्ड डीड के आधार पर इंतकाल, फर्दबदल (रिकॉर्ड में सुधार), रपट, सब्सक्रिप्शन और डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द की प्रति के लिए आवेदन करना शामिल हैं, के अलावा परिवहन विभाग की 30 सेवाएं सेवा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि "भगवंत मान सरकार
तुहाडे द्वार" योजना के तहत नागरिक हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल करके घर बैठे ही ये सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
श्री अमन अरोड़ा ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को इस पहल के सुचारू रूप से क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने और इन सेवाओं के संदर्भ में बेवजह आपत्तियां लगाकर नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर कटवाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
श्री अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार जनसेवाओं को अधिक सुलभ और नागरिक-हितैषी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल हज़ारों नागरिकों को लाभ पहुंचाएगी, उनकी परेशानियों को कम करेगी और उनके अनुभव को बेहतर बनाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए अनावश्यक खर्च और नागरिकों की परेशानी को घटाकर उन्हें नागरिक-केन्द्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को सेवा केंद्रों और डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से इन सेवाओं की उपलब्धता के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए।
श्री अमन अरोड़ा ने लोगों से इस पहल का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि नागरिक अब 1076 हेल्पलाइन नंबर डायल कर घर बैठे ही ये सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें अब कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी सेवाओं के लिए सुविधा शुल्क अब 120 रुपए से घटाकर मात्र 50 रुपए कर दिया गया है।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व श्री अनुराग वर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी श्री डी.के. तिवारी, प्रशासनिक सचिव परिवहन श्री वरुण रूज़म, सचिव राजस्व विभाग सोनाली गिरी, निदेशक सुशासन एवं आई.टी. श्री अमित तलवार, और राज्य परिवहन आयुक्त श्री जसप्रीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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'युद्ध नशों विरुद्ध': 147वें दिन पंजाब पुलिस ने 362 स्थानों पर की छापेमारी; 113 नशा तस्कर काबू
— ऑपरेशन के दौरान 72 एफआईआर दर्ज, 6.1 किलोग्राम हेरोइन, 1 किलोग्राम अफीम, एक लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद
— 'डी-एडिक्शन' के तहत पंजाब पुलिस ने 77 लोगों को नशा छुड़वाने हेतु इलाज के लिए किया राज़ी
चंडीगढ़, 26 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य से नशे के समूल अंत हेतु आरंभ किए गए ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के तहत आज 147वें दिन पंजाब पुलिस ने राज्य भर में 362 स्थानों पर छापेमारी की। इस अभियान के तहत पुलिस ने 72 एफआईआर दर्ज करते हुए 113 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही अब तक 147 दिनों में गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 23,527 हो चुकी है।
इस छापेमारी के दौरान गिरफ्तार तस्करों के कब्जे से 6.1 किलोग्राम हेरोइन, 1.7 किलोग्राम अफीम, 3115 नशीली गोलियां/कैप्सूल/टीके तथा 1.02 लाख रुपए की ड्रग मनी जब्त की गई।
यह विशेष ऑपरेशन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशानुसार राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस कमिश्नरों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने इस युद्ध की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी भी गठित की है।
स्पेशल डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि 75 गैज़ेटेड अधिकारियों की निगरानी में 1100 से अधिक पुलिसकर्मियों की 180 से अधिक टीमें गठित कर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि इस दिन भर चले ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीमों ने 456 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की।
स्पेशल डीजीपी ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने नशों के खात्मे के लिए तीन-स्तरीय रणनीति — प्रवर्तन (इन्फोर्समेंट), पुनर्वास (डी-एडिक्शन) और रोकथाम (प्रिवेंशन) — लागू की है। इसी रणनीति के तहत पंजाब पुलिस ने आज 77 व्यक्तियों को नशा छोडऩे और पुनर्वास इलाज हेतु सहमत किया।
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गुरमीत सिंह खुड्डियां द्वारा मेगा फूड पार्क का निरीक्षण; अधिकारियों को कृषि विकास पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश
* कृषि मंत्री ने प्रमुख फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के प्रतिनिधियों से की बातचीत
चंडीगढ़/लुधियाना, 26 जुलाई: राज्य के किसानों और कृषि उद्यमियों को अधिक सहयोग देने के उद्देश्य से पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने लुधियाना के लाडोवाल स्थित मेगा फूड पार्क का दौरा किया और वहां स्थापित आधारभूत सुविधाओं एवं औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया।
उन्होंने पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (पी ए आई सी) के चल रहे एवं प्रस्तावित परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की और अधिकारियों को कृषि क्षेत्र के समग्र विकास एवं समृद्धि को प्रोत्साहित करने वाली पहलों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री ने गॉदरेज टायसन फूड्स, डेलमॉन्ट फूड्स, आनंद करतार बेकरी, एसजीएम बायोफूड्स, इस्कॉन बालाजी फूड्स और संत फूड्स जैसे प्रमुख फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इन प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार द्वारा दी जा रही रियायतों और प्रोत्साहनों पर संतोष व्यक्त किया।
कृषि मंत्री ने साइलेंज और चारा प्रोसेसिंग कॉम्प्लेक्स का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने फसल कटाई, प्रोसेसिंग और बेलिंग के लिए नवीनतम कृषि मशीनरी और तकनीकों का निरीक्षण किया। एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत अल्फाल्फा (लूसर्न) की खेती और हे-मेकिंग (फूस बनाना) का प्रदर्शन किया गया, जिसमें डेयरी फार्मों, घोड़ों और पशुपालन के लिए इसके पोषण लाभ और बढ़ती घरेलू व निर्यात मांग को उजागर किया गया।
अधिकारियों ने मंत्री को भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें हर मौसम में कटाई योग्य और उन्नत तकनीकों के साथ बरसाती मक्का और नेपियर घास की खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया।
कैबिनेट मंत्री ने पंजाब एग्रो की आधुनिक और टिकाऊ कृषि समाधानों तथा उन्नत बुनियादी ढांचे के विकास में अग्रणी प्रयासों की सराहना की और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों और कृषि उद्यमियों को लाभ पहुंचाने वाली वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं को पूरा समर्थन देगी।
इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण विभाग की प्रमुख सचिव राखी गुप्ता भंडारी, पी ए आई सी की एमडी हरगुणजीत कौर, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कृषि-उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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पंजाब ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पर बहु-राज्य कार्यशाला आयोजित की
* सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अमित तलवाड़ ने सरकारी विभागों में योजनाबद्ध डेटा सुरक्षा ढांचे पर दिया जोर
चंडीगढ़, 26 जुलाई: नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), पंजाब द्वारा डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डी पी डी पी) एक्ट पर एक व्यापक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने इस नए कानून के कार्यान्वयन से संबंधित रणनीतियों पर चर्चा की।
सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक श्री अमित तलवाड़ ने सत्र का उद्घाटन किया और सरकारी विभागों में योजनाबद्ध डेटा सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला के दौरान सरकारी आईटी एप्लिकेशन और डिजिटल सेवाओं में डी पी डी पी एक्ट की अनुपालना के व्यावहारिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
एनआईसी मुख्यालय से डिप्टी डायरेक्टर जनरल प्रशांत कुमार मित्तल ने डी पी डी पी एक्ट के प्रावधानों और नियमों पर तकनीकी जानकारी साझा की और अधिकारियों को प्राइवेसी गवर्नेंस और कार्यान्वयन प्रोटोकॉल के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम में सरकारी प्रणालियों के लिए डेटा न्यूनता, सहमति प्रबंधन और सुरक्षित प्रोसेसिंग से संबंधित आवश्यकताओं पर प्रस्तुतियाँ दी गईं।
स्टेट इन्फॉर्मेटिक्स ऑफिसर विवेक वर्मा (पंजाब), सरबजीत सिंह (हरियाणा) और रमेश गुप्ता (चंडीगढ़) ने अपनी तकनीकी टीमों के साथ कार्यशाला में भाग लिया, जो पूरे क्षेत्र में डेटा सुरक्षा के मानकीकरण की दिशा में सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।
इस सत्र में डेटा गवर्नेंस एवं रणनीति प्रभाग के प्रमुख मुकेश गुप्ता और सलाहकार आकाश अग्रवाल ने गोपनीयता ढांचे के कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस दौरान अधिकारियों ने कार्यान्वयन की चुनौतियों और सरकारी डेटा प्रबंधन हेतु सर्वोत्तम व्यवहारों पर भी चर्चा की।
तकनीकी सत्रों में प्रबंधन कार्यप्रवाह, अनुपालन आवश्यकताएं और मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे में गोपनीयता सुरक्षा के एकीकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विचार किया गया। इस कार्यशाला ने अधिकारियों को सरकारी प्रणालियों में डी पी डी पी प्रावधानों को लागू करने से जुड़े व्यावहारिक प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत में व्यापक डेटा सुरक्षा ढांचे को लागू करने के संदर्भ में राज्य सरकार की विस्तृत तैयारी का हिस्सा था। अधिकारियों ने सार्वजनिक डिजिटल सेवाओं और नागरिक-केंद्रित एप्लिकेशनों में नैतिक डेटा हैंडलिंग के प्रति सामूहिक जिम्मेदारियों पर विचार साझा किया।
स्टेट इन्फॉर्मेटिक्स ऑफिसर विवेक वर्मा के नेतृत्व में गठित प्रबंधन समिति में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ऊषा राय, दिनेश शर्मा, संजय साहनी और पंकज जैन शामिल थे, जिन्होंने इस बहु-प्राधिकृत प्रशिक्षण पहल में समन्वय स्थापित किया।
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शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा शिक्षा गुणवत्ता को ऊंचा उठाने हेतु शिक्षकों से संवाद
शिक्षकों से प्राप्त सुझावों के आधार पर स्कूली शिक्षा में सुधार किए जाएंगे
कंप्यूटर लैबों के नवीनीकरण हेतु 400 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा
चंडीगढ़/संगरूर, 26 जुलाई: पंजाब सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और स्तर को और अधिक ऊंचा उठाने के उद्देश्य से एक विशेष प्रयास के तहत पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डी आई ई टी ), संगरूर में "शिक्षकों से संवाद" के ज़रिए शिक्षकों से सुझाव और फीडबैक प्राप्त किया।
स हरजोत सिंह बैंस ने आज संगरूर ज़िले के स्कूल प्रमुखों से विशेष बातचीत करते हुए उनसे बहुमूल्य सुझाव लिए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता तथा स्कूलों के ढांचागत संसाधनों में और सुधार किया जा सके।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की नीति दिखावे की नहीं, बल्कि परिणाम केंद्रित है। उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान का पूरा विश्वास दिलाते हुए 400 करोड़ रुपये की लागत से कंप्यूटर लैबों के नवीनीकरण की योजना की घोषणा की। साथ ही बताया कि स्कूलों में इंटरएक्टिव पैनल लगाए जा रहे हैं और शिक्षकों के तीसरे बैच को प्रशिक्षण हेतु विदेश भेजा जाएगा, जिसकी चयन प्रक्रिया केवल मेरिट आधारित होगी।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी बताया कि लेक्चररों की पदोन्नति, 400 नए प्रिंसिपलों की नियुक्ति तथा स्कूलों में बैठने और सफाई की सुविधाओं में सुधार जैसी कई प्राथमिक पहलें की गई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के लिए शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (एन ए एस ) 2024 में पंजाब ने शानदार प्रदर्शन करके राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।
मंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी स्कूलों के 845 विद्यार्थियों ने एन ई ई टी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) में सफलता हासिल की है और 265 विद्यार्थियों ने जे ई ई (ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन मेंस) क्लियर कर स्कूल शिक्षा विभाग की शैक्षणिक उत्तमता बाबत प्रतिबद्ध साबत की है।
शिक्षकों को बधाई देते हुए स हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा को और बेहतर बनाने और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य हेतु 'स्कूल ऑफ एमिनेंस', 'स्कूल ऑफ हैप्पीनेस' और 'स्कूल ऑफ ब्रिलियंस' जैसी पहलें शुरू की गई हैं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शिक्षकों को सिंगापुर, फिनलैंड और अहमदाबाद की प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में तकनीकी एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने "शिक्षकों से संवाद" पहल को ऐसा मंच बताया जहाँ शिक्षकों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए उनके सुझावों को प्राथमिकता दी जाती है और शिक्षा में संयुक्त सुधार के लिए प्रयास किए जाते हैं।
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अमृतसर में सीमा पार से चल रहे नारकोटिक्स तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़; चार किलो हेरोइन समेत 4 व्यक्ति गिरफ्तार
— गिरफ्तार आरोपी पाकिस्तान आधारित तस्कर शाह के सीधे संपर्क में थे, खेपों की डिलीवरी के लिए करते थे ऑटो-रिक्शा का इस्तेमाल: डीजीपी गौरव यादव
चंडीगढ़/अमृतसर, 26 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए चलाई जा रही व्यापक मुहिम के दौरान, काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) अमृतसर ने पाकिस्तान आधारित सीमा पार से नशा तस्करी करने वाले मॉड्यूल के चार सदस्यों को 4 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस संबंध में जानकारी आज यहां पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान रणजीत सिंह और करन मसीह (दोनों निवासी अटारी, अमृतसर) तथा मनप्रीत सिंह और अजयपाल सिंह (दोनों निवासी जंडियाला गुरु, अमृतसर) के रूप में हुई है। हेरोइन की बरामदगी के अलावा, पुलिस टीमों ने आरोपियों के ऑटो-रिक्शा (पी बी 02 डी एन5173) को भी जब्त किया है, जिसका इस्तेमाल आरोपी खेप प्राप्त करने और उसकी डिलीवरी के लिए कर रहे थे।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी पाकिस्तान आधारित तस्कर ‘शाह’ के निर्देशों पर काम कर रहे थे, जो सरहद पार से नशीले पदार्थों की खेप ड्रोन के माध्यम से भेज रहा था। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी प्रदेश में अन्य पार्टियों को नशीले पदार्थों की आगे डिलीवरी कर रहे थे।
इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए डीजीपी ने बताया कि सीआई अमृतसर की टीमों को अमृतसर के गांव अटारी के निकट भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र से नशीली खेप आने की गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, पुलिस टीमों ने अमृतसर-अटारी जी.टी. रोड स्थित बस स्टॉप कठानियां के पास चारों आरोपियों को उस समय रोका, जब वे अपने ऑटो-रिक्शा पर खेप पहुंचाने जा रहे थे और उनके पास से नशीले पदार्थ बरामद किए।
डीजीपी ने कहा कि इस नेटवर्क से जुड़े आगे-पीछे के संबंधों की गहराई से जांच की जा रही है।
इस संबंध में एफआईआर नंबर 40 दिनांक 25-07-2025 को थाना स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सैल, अमृतसर में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं 21, 25 और 29 के तहत दर्ज की गई है।
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मान सरकार द्वारा बड़ी राहत: 2634 लाभार्थियों को 13.43 करोड़ रुपये जारी - डॉ. बलजीत कौर
"पंजाब के 15 जिलों में बेटियों की शादी के लिए आशीर्वाद योजना के तहत राहत राशि जारी"
कम आय वाले परिवारों को 51 हजार रुपये की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता
चंडीगढ़, 26 जुलाई: सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान आशीर्वाद योजना के अंतर्गत पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 2634 लाभार्थियों के लिए 13.43 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
अधिक जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि यह लाभ अमृतसर, बरनाला, फरीदकोट, श्री फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, लुधियाना, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, पठानकोट, रूपनगर, एस.ए.एस. नगर, संगरूर, मालेरकोटला और तरनतारन जिलों के लाभार्थियों को मिलेगा। यह राशि आशीर्वाद पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि इस राशि के माध्यम से ज़िला अमृतसर के 699, बरनाला के 38, फरीदकोट के 46, श्री फतेहगढ़ साहिब के 96, गुरदासपुर के 91, होशियारपुर के 225, लुधियाना के 343, श्री मुक्तसर साहिब के 70, पटियाला के 357, पठानकोट के 72, रूपनगर के 301, एस.ए.एस. नगर के 46, संगरूर के 55, मालेरकोटला के 38 और तरनतारन के 157 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि आशीर्वाद योजना के अंतर्गत कम आय वाले परिवारों की बेटियों की शादी के लिए 51,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (ष्ठक्चञ्ज) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक पंजाब राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए, जिसका परिवार गरीबी रेखा से नीचे आता हो और जो अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग या अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हो। परिवार की वार्षिक आय 32,790 रुपये से कम होनी चाहिए। ऐसे परिवारों की अधिकतम दो बेटियों को यह लाभ दिया जा सकता है।
अंत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार सामाजिक न्याय को सुदृढ़ करते हुए प्रत्येक वर्ग के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित
कारगिल युद्ध में सैनिकों की महान शहादत युवाओं को सदैव देशसेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी — भगवंत सिंह मान
कारगिल युद्ध में पंजाबियों की महान कुर्बानियों को याद किया
चंडीगढ़, 26 जुलाई: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान शहीद सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान सेना के जांबाज़ योद्धाओं की महान शहादत हमारे युवाओं को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर निस्वार्थ भाव से राष्ट्र सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करती रहेगी।
शहीदों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने यहाँ बोगनविलिया गार्डन स्थित युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वाले पंजाब के बहादुर जवानों को नमन कर श्रद्धांजलि दी।
साल 1999 के कारगिल युद्ध को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस युद्ध के दौरान समूचे देश ने देशभक्ति के जज़्बे के साथ एकजुटता का परिचय दिया था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत की सशस्त्र सेनाओं की अद्वितीय वीरता का प्रतीक है क्योंकि इस युद्ध में हमारे सैनिकों ने बलिदान, पराक्रम और बहादुरी की बेमिसाल गाथा लिखी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने तमाम चुनौतियों के बावजूद जुलाई 1999 में कारगिल, द्रास और बटालिक क्षेत्रों में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया। भगवंत मान ने कहा कि भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाई गई अद्वितीय बहादुरी का ऐसा उदाहरण विश्व इतिहास में कहीं नहीं मिलता, जो हमारे युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होकर मातृभूमि की सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश अपने जांबाज़ सपूतों का सदैव ऋणी रहेगा जो कठोर गर्मी और कड़ाके की सर्दी में भी देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों के अनुकरणीय योगदान के सम्मानस्वरूप राज्य सरकार द्वारा ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास हमारे सैनिकों द्वारा की जा रही देश सेवा के प्रति एक विनम्र प्रयास है।
इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स और महाराजा रणजीत सिंह आम्र्ड फोर्सेज प्रेपरेटरी इंस्टिट्यूट एवं माई भागो आम्र्ड फोर्सेज प्रेपरेटरी इंस्टिट्यूट, मोहाली के कैडेट्स के साथ संक्षिप्त बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने हेतु प्रोत्साहित किया। भगवंत मान ने कहा कि वे बाकी युवाओं के भीतर भी देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने हेतु रोल मॉडल बन सकते हैं।
पी.ए.पी. बैंड के साथ पी.ए.पी. ग्रुप के कमांडर डी.एस.पी. देवेंद्र सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रभावशाली ढंग से गार्ड ऑफ ऑनर के जरिए सलामी दी गई। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ व सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री महिंदर भगत, सचिव जी. बालामुरुगन और निदेशक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) भूपिंदर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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पंजाब में औद्योगिक नीति में सुधार के लिए छह और सेक्टोरल कमेटियों की अधिसूचना: कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा
एलटी फूड्स (दावत राइस) के अशोक अरोड़ा और इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड के ए.एस. मित्तल नवगठित समितियों के चेयरमैनों में शामिल
चंडीगढ़/लुधियाना, 26 जुलाई, 2025: राज्य की औद्योगिक नीति को सुदृढ़ बनाने और व्यापार सुगमता में सुधार के लिए उद्योग विशेषज्ञों से सुझाव एकत्र करने की पंजाब सरकार की पहल के तहत, पंजाब के कैबिनेट मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने आज छह और क्षेत्रीय समितियों के गठन की घोषणा की।
उन्होंने यह घोषणा शनिवार को लुधियाना के जिला प्रशासनिक परिसर स्थित बचत भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में की। समितियों के चेयरमैन इस प्रकार हैं: राजेश खरबंदा (स्पोट्र्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन एवं निविया स्पोट्र्स, जालंधर के मैनेजिंग डायरेक्टर)- स्पोट्र्स/लेदर गुड्स कमेटी, अश्वनी कुमार (फियो इंडिया के अध्यक्ष, विक्टर फोर्जिंग्स, जालंधर)- मशीन/हैंड्स टूल कमेटी, अशोक अरोड़ा (एलटी फूड्स (दावत चावल)- फ़ूड प्रोसेसिंग एंड डेयरी कमेटी, गुरजिंदर सिंह (बेस्ट वेस्टर्न होटल्स)- टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी कमेटी, ए.एस. मित्तल (इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड, होशियारपुर)- हैवी मशीनरी कमेटी, नरेश तिवारी (प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं विर्गो पैनल्स, होशियारपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर) - फर्नीचर एंड प्लाई इंडस्ट्री कमेटी।
इन समितियों में विविध औद्योगिक क्षेत्रों के सदस्य शामिल हैं और ये क्षेत्र-विशिष्ट नीतिगत उपायों की सिफारिश करने के लिए थिंक टैंक के रूप में कार्य करेंगी। नई समितियां खेल/चमड़े के सामान, मशीन/हाथ के उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी, पर्यटन एवं आतिथ्य, भारी मशीनरी, और फर्नीचर एवं प्लाई उद्योग पर केंद्रित हैं।
श्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक समिति का मुख्य कार्य समितियों का उद्देश्य पंजाब के विशिष्ट औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ संरचनात्मक और वित्तीय संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, अपने विशिष्ट क्षेत्र के लिए एक अनुकूलित औद्योगिक ढांचे/नीति हेतु सरकार को इनपुट का एक संरचित सेट प्रदान करना होगा। इसके लिए, समिति को देश के अन्य सभी संबंधित राज्यों की नीतियों और ढांचे का परीक्षण करना होगा और इस प्रकार पंजाब के लिए एक 'बेस्ट-इन-क्लास' पालिसी फ्रेमवर्क विकसित करना होगा। समितियां 1 अक्टूबर 2025 तक लिखित रूप में ये सिफारिशें प्रस्तुत करेंगी।
प्रत्येक समिति में एक चेयरमैन और उद्योग जगत से कुछ सदस्य होंगे। हालांकि, सरकार के विवेकानुसार और सदस्य जोड़े जा सकते हैं। सदस्यों का आकार, पैमाना और भौगोलिक स्थिति विविध होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चर्चा के दौरान सभी विचारों को सामने रखा जाए। सदस्य समग्र क्षेत्र के विभिन्न उप-खंडों का भी प्रतिनिधित्व करेंगे।
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, प्रत्येक समिति को सचिवालयी सहायता समिति के सदस्य-सचिव द्वारा प्रदान की जाएगी, जो समिति की बैठकों के आयोजन और कार्यवृत्त तैयार करने के भी प्रभारी होंगे। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के जिला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर (जीएम डीआईसी) और पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (पीबीआईपी) के संबंधित क्षेत्र अधिकारी आवश्यकतानुसार समिति को प्रासंगिक प्रशासनिक सहायता प्रदान करेंगे।
इससे पहले, स्पिनिंग एंड वीविंग कमेटी, अपैरलज़ कमेटी और डाइंग एंड फर्निशिंग कमेटियां गठित की गई थीं।