भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़
जी हां भारत ने अपनी सैन्य ताकत को और भी मजबूत करते हुए एक बार फिर 'प्रलय' बैलिस्टिक मिसाइल का लगातार दो बार सफल परीक्षण कर दुनिया को अपनी तकनीकी क्षमताओं का लोहा मनवाया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित यह मिसाइल भारत की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को एक नया आयाम देती है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत इसकी 500 किलोमीटर तक की मारक क्षमता और लगभग 700 किलोग्राम वजनी युद्ध सामग्री ले जाने की क्षमता है, जो इसे बेहद खतरनाक और रणनीतिक रूप से अहम बनाती है। यह मिसाइल परंपरागत और रणनीतिक दोनों ही किस्म के विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। आइये समझते हैं इस 'प्रलय' मिसाइल को विस्तार से। 'प्रलय' एक टैक्टिकल क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-सरफेस बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे भारत की आवश्यकता को देखते हुए विकसित किया गया है। यह मिसाइल ठोस ईंधन पर आधारित है और इसे कम समय में लॉन्च किया जा सकता है। इसके डिजाइन में पृथ्वी मिसाइल की तकनीक और डिफेंस मिसाइल सिस्टम के उन्नत फीचर्स का समावेश है। इसका निर्माण इस तरह से किया गया है कि यह विभिन्न मौसमीय परिस्थितियों में भी उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य पर वार कर सकती है। प्रलय को मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है, जिससे इसकी तैनाती लचीलापन और तेजी प्रदान करती है। जुलाई 2025 में हुए दो लगातार सफल परीक्षण इस मिसाइल के परिपक्वता और परिचालन तैयारी को दर्शाते हैं। परीक्षणों में मिसाइल ने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को सटीकता के साथ नष्ट किया, जो इसकी मारक क्षमता और गाइडेंस सिस्टम की विश्वसनीयता को साबित करता है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण सेना को जल्द ही यह मिसाइल सौंपे जाने की ओर बड़ा कदम है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में इसे सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात कर दिया जाएगा। इस में कोई दो राय नहीं है कि इस से भारतीय सेना को खासे फायदे मिलेंगे। जैसे सीमा पर रणनीतिक बढ़त: चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के साथ सीमा पर बार-बार बढ़ते तनाव को देखते हुए, 'प्रलय' मिसाइल भारतीय सेना को एक मजबूत जवाबी कार्रवाई का हथियार देती है। इसकी लंबी दूरी की क्षमता सीमावर्ती इलाकों में सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकती है। उच्च सटीकता और त्वरित जवाब:यह मिसाइल "क्विक रिएक्शन" तकनीक पर आधारित है, यानी दुश्मन के हमले के बाद बेहद कम समय में जवाबी कार्रवाई की जा सकती है। इसका गाइडेड सिस्टम अत्यंत सटीक है, जिससे कोलेटरल डैमेज की संभावना बेहद कम होती है। सामरिक संतुलन और शक्ति प्रदर्शन:'प्रलय' जैसी मिसाइलें भारत को क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में मजबूत स्थिति में लाती हैं। इससे भारत की डिटरेंस रणनीति (निवारक क्षमता) को बल मिलता है और पड़ोसी देशों के आक्रामक इरादों पर अंकुश लगाया जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक: यह मिसाइल भारत में पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी है, जिससे 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को जबरदस्त मजबूती मिलती है। अंत में कह सकते हैं कि 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण न केवल भारत की सुरक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह सैन्य रणनीति और क्षेत्रीय स्थिरता की दृष्टि से भी अहम भूमिका निभाएगा। इसकी तैनाती से भारतीय सेना के पास अब एक ऐसा हथियार होगा, जो किसी भी आपात स्थिति में निर्णायक रूप से प्रयोग किया जा सकता है। आने वाले समय में प्रलय जैसी मिसाइलें भारत की सामरिक नीतियों को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगी।