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हरियाणा

Haryana Latest News July 30, 2025

July 30, 2025 05:52 AM

दिल्ली के विज्ञान भवन की तर्ज पर बनेगा ग्रेटर फरीदाबाद का कन्वेंशन सेंटर - राज्य मंत्री राजेश नागर

- राज्य मंत्री राजेश नागर ने ग्रेटर फरीदाबाद में बन रहे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के निर्माण कार्य का लिया जायजा

 चंडीगढ़, 29 जुलाई - हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री श्री राजेश नागर ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र ग्रेटर फरीदाबाद में बन रहे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने यहां चल रहे कार्य की सामग्री और व्यवस्थाओं की जानकारी ली। 

श्री नागर ने बताया कि यह सेंटर करीब 427 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है जो कि दिल्ली के विज्ञान भवन की तर्ज पर बनेगा। इसमें 2200, 1000 और 350 लोगों की क्षमता के तीन अलग - अलग हॉल होंगे। जिसमें विभिन्न प्रकार के आयोजन हो सकेंगे। इस केंद्र पर बच्चों के लिए गेमिंग सेंटर भी बनाया जाएगा। वहीं करीब 1000 कार की पार्किंग की व्यवस्था भी होगी। 

राज्य मंत्री श्री नागर ने कहा कि इस इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के बन जाने के बाद ग्रेटर फरीदाबाद की तरफ बड़े उद्यमियों का रुख होगा, जिसका लाभ हमारे क्षेत्र को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस कन्वेंशन सेंटर पर आने वाले समय में बड़े एकेडमिक्स और इंस्टीट्यूशनल कार्यक्रम होंगे। जिससे लोगों की कनेक्टिविटी फरीदाबाद के साथ जुड़ेगी। 

श्री नागर ने कहा कि उन्होंने विकास कार्यों का जायजा लिया है और व्यवस्थाओं के बारे में जरूरी निर्देश भी अधिकारी और ठेकेदार को दिए गए हैं।

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आबादी अनुसार पूरे राज्य में फायर स्टेशनों की जरूरत का किया जाए मूल्यांकन - नायब सिंह सैनी

 दुर्गम क्षेत्रों में सड़क सुविधा पहुंचाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी - मुख्यमंत्री

 भले एक घर हो, संबंधित विभाग मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए करे आवश्यक कार्रवाई

 विशेष अभियान चलाकर दो माह में सभी बेसहारा गोवंश को गौशालाओं में करें संरक्षित - नायब सिंह सैनी

 चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब  सिंह सैनी ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण हरियाणा में अग्निशमन केंद्रों की आवश्यकता का आंकलन किया जाए ताकि आवश्यकतानुसार नए फायर स्टेशनों की स्थापना सुनिश्चित की जा सके।

 मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज यहां सीएम घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

 बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों को सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। भले ही किसी क्षेत्र में एक ही घर हो, संबंधित विभाग वहां मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि किसी भी निवासी को असुविधा का सामना न करना पड़े।

 बैठक में श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश को बेसहारा गोवंश मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी विभाग को शहरी स्थानीय निकाय विभाग और गौ सेवा आयोग के साथ समन्वय करते हुए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए ताकि दो माह के भीतर सभी बेसहारा गोवंश को सड़कों और सार्वजनिक स्थलों से हटाकर गौशालाओं में संरक्षित किया जा सके।

 मुख्यमंत्री ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए बताया कि पंचकूला, पानीपत और हिसार जिलों में नंदीशालाएँ स्थापित की जा चुकी है। शेष जिलों में भी इस दिशा में कार्य में तेजी लाई जाए। इसके लिए विभाग द्वारा कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (CSR) के तहत नंदीशालाओं की स्थापना के लिए संभावनाएं तलाशी जाएँ । साथ ही, पहले से स्थापित सभी नंदीशालाओं में एक-एक वेटरनरी क्लिनिक की स्थापना सुनिश्चित की जाए, जहां विजिटिंग पशु चिकित्सक की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो।

 अधिकारी विकास कार्यों में गुणवत्ता करें सुनिश्चित

 सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास कार्यों को तीव्र गति से और गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए ताकि आमजन को इन कार्यों का प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कलेसर क्षेत्र से यमुना नदी के जल को चैनल के माध्यम से पंचकूला सहित अन्य स्थानों तक लाने के लिए सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया जाए, जिससे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘नदी जोड़ो अभियान’ को मूर्त रूप प्रदान करते हुए जल का उपयोग कृषि सहित अन्य कार्यों में किया जा सके। 

किसानों को बागवानी के लिए प्रोत्साहित करते हुए आवश्यक मार्गदर्शन करें प्रदान 

मुख्यमंत्री ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सब्सिडी से जुड़ी सभी योजनाओं का डाटाबेस नियमित रूप से अद्यतन रखा जाए, ताकि योजनाओं का लाभ पारदर्शी रूप से किसानों को सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सुझाव दिया कि विभाग कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से उन्नत गुणवत्ता वाले बीजों के विकास हेतु विशेष योजना तैयार करे, जिससे किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त, बागवानी विभाग को भी इस वर्ष के एक्शन प्लान के तहत किसानों को बागवानी की ओर प्रोत्साहित करते हुए किसान उत्पादक संगठनों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाए और आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाए।

 सभी लंबित घोषणाओं को शीघ्र पूर्ण करवाएं 

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014 से अब तक की गई सभी घोषणाओं की विभागवार समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को लंबित घोषणाओं को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

 इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  विनीत गर्ग, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, सेवा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव  विकास गुप्ता सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा का 4 अधिकारियों पर एक्शन 

विश्राम गृह का किया था औचक निरीक्षण, एसडीई और जेई को चार्जशीट किया 

दोनों ही विभागों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी: कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा 

चंडीगढ़,29 जुलाई-हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा द्वारा बहादुरगढ़ स्थित पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह के औचक निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर 4 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

 कैबिनेट मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने बहादुरगढ़ स्थित पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के विश्राम गृह का जब औचक निरीक्षण किया था तो मौके पर गंदगी के अलावा वीआईपी कमरों में दीमक जैसी गंभीर खामियां पाई गईं। मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और एसडीई श्री राजेश तंवर जो बहादुरगढ़ में अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे, और जेई श्री मोहित चौहान के खिलाफ हरियाणा सिविल सेवा (पीएंडए) नियम 2016 के तहत चार्जशीट करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, एसडीई श्री मुकेश शर्मा सीडीसी, जिन्होंने 24 जुलाई 2025 को कार्यभार संभाला था, उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के एक्सईन श्री अनिल रोहिल्ला को चेतावनी जारी की गई है।

 लापरवाही किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं: गंगवा

 जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी बीएंडआर की बात हो या फिर पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की, दोनों ही विभागों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कार्य के प्रति सजग रहे और अपनी जिम्मेवारी को समझे। उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्राम गृह आमजन की सहूलियत के लिए बनाएं है, लेकिन अगर वीआईपी कमरों में ही लापरवाही बरती जा रही तो अन्य कमरों में क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लापरवाही की वजह से दीमक वहां फर्नीचर को खराब कर रही थी, साफ—सफाई थी नहीं, ऐसे में लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई बनती हैं। क्योंकि जिन अधिकारियों को इसकी सार संभाल करनी चाहिए थी, वो लापरवाही बरत रहे थे। श्री गंगवा ने दोनों विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जितने भी कार्यालय, विश्राम गृह एवं अन्य बिल्डिंग विभाग की हैं, उनमें व्यवस्थाएं बना कर रखे, समय समय पर उनकी जांच करें क्योंकि सार—संभाल करवाना उनकी जिम्मेवारी है।

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चंडीगढ़ , 29 जुलाई -हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबद्ध सभी संबंधित विद्यालय शैक्षिक सत्र 2025-26 हेतु कक्षा दसवीं एवं बारहवीं में सीधा प्रवेश लेने वाले अथवा विद्यालय परिवर्तन किए जाने वाले छात्रों/छात्राओं के अनिवार्य दस्तावेज विद्यालय में प्रवेश दिए जाने की तिथि से एक माह तक बोर्ड की आधिकारिक वेबसाईट www.bseh.org.in पर दिए गए लिंक पर अपलोड करवाना सुनिश्चित करें।

 बोर्ड प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा दसवीं में दाखिला लेने के लिए कक्षा नौवीं/दसवीं की अंकतालिका/रिपोर्ट कार्ड, एस.एल.सी./टी.सी. की प्रमाणित प्रति एवं अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों की सक्षम अधिकारी से प्रतिहस्ताक्षरित एस.एल.सी./टी.सी. अपलोड करवाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार कक्षा बारहवीं में दाखिला लेने हेतु कक्षा दसवीं का प्रमाण पत्र, कक्षा ग्यारहवीं/बारहवीं की अंकतालिका/रिपोर्ट कार्ड, एस.एल.सी./टी.सी. की प्रमाणित प्रति एवं अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों की सक्षम अधिकारी से प्रतिहस्ताक्षरित एस.एल.सी./टी.सी. अपलोड करें। इसके अतिरिक्त विद्यालय ऐसे सभी छात्रों/छात्राओं के माता-पिता द्वारा नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र भी साथ में अपलोड करवाना जरूरी है।

 

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हरियाणा का नीति आयोग के सम्पूर्ण विकास में एक और कदम

 मुख्यमंत्री नायब सैनी होंगे सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि

 चंडीगढ़, 29 जुलाई— भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा देश के सबसे पिछड़े जिलों और ब्लॉकों में छह प्रमुख संकेतकों के माध्यम से समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए विकासशील भारत के मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए आरंभ किए गए ‘सम्पूर्णता अभियान’ में हरियाणा ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।

 हरियाणा सरकार के योजना विभाग द्वारा इस संबंध में 1 अगस्त, 2025 को हरियाणा निवास, चंडीगढ़ में ‘सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह’ का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।

 नूंह जिला बना राज्य का प्रेरणास्रोत

 राज्य सरकार की प्रभावी रणनीतियों और स्थानीय प्रशासन की मेहनत से आकांक्षी जिला नूंह ने दो संकेतकों शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रदर्शन  किया है जिनमें माध्यमिक विद्यालयों में बिजली की 100% उपलब्धता, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक माह के भीतर विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों की समय पर आपूर्ति पूर्णता उपलब्ध करवाना है।

 इसके अलावा, राज्य के पाँच आकांक्षी खंडों ने शत—प्रतिशत मृदा स्वास्थ्य कार्ड सृजित किए हैं। इन खंडों में भिवानी जिले का बहल, लोहारू तथा चरखी दादरी जिले का बाढड़ा, नूंह जिले का नूंह, पुन्हाना, हथीन और रेवाड़ी जिले का नाहड़ ब्लॉकों को आकांक्षी खंड के रूप में चिन्हित किया गया है।

 इस दिन मुख्यमंत्री सम्पूर्णता अभियान 2.0 का शुभारंभ करेंगे। यह अभियान 1 अगस्त से 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, जिसका लक्ष्य  गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच, टीबी रोगियों को समुचित और पूर्ण उपचार, बच्चों का समय पर टीकाकरण, स्कूली छात्रों के प्रदर्शन में सुधार, प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना शामिल है।

 संवाद एवं समर्पण का प्रतीक बनेगा यह आयोजन

 सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह, विकास की दिशा में हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट प्रशासनिक कार्यशैली का प्रतिबिंब है। यह मंच, देश की आकांक्षी जिलों/खंडों को प्रोत्साहित करने और ‘विकसित भारत - 2047’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध होगा।

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हरको बैंक द्वारा ऋणों पर प्रोसेसिंग फीस व दस्तावेज शुल्क माफ, गृह ऋण 7.50% से शुरू

 हरको बैंक द्वारा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के महाप्रबंधकों और विकास अधिकारियों के लिए आयोजित हुई बिजनेस मीट / वर्कशॉप-2025

 वर्कशॉप में बैंक योजनाओं की दी गई जानकारी, एनपीए में कमी और जमा राशि बढ़ाने के लिए निर्धारित किए गए नए लक्ष्य

 चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरको बैंक के प्रबंध निदेशक/सी.ई.ओ. डॉ. प्रफुल्ल रंजन ने कहा कि हरको बैंक ने अपने ग्राहकों हेतु 31 अगस्त, 2025 तक सभी प्रकार के ऋणों पर प्रोसेसिंग फीस व दस्तावेज शुल्क माफ कर दिए हैं। बैंक द्वारा ग्राहकों को सिब्बल स्कोर के आधार पर बहुत कम ब्याज दर पर गृह ऋण 7.50 प्रतिशत, वाहन ऋण 7.75 तथा व्यक्तिगत ऋण 10 प्रतिशत वार्षिक दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। ग्राहक इस अवधि के दौरान बैंक की किसी भी शाखा से ऋण प्राप्त करने हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। हरको बैंक सदैव जनहित में कार्य करता है।

 डॉ  प्रफुल्ल रंजन सोमवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के महाप्रबंधकों और विकास अधिकारियों के लिए आयोजित बिजनेस मीट / वर्कशॉप-2025 को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान महाप्रबंधक श्री रमेश पुनिया, उप महाप्रबंधक श्रीमती उर्वशी गुप्ता, श्रीमती सुधा शर्मा, श्री सुनील पातड, प्रबंधक श्री यशवीर सिंह अहलावत अन्य अधिकारी व कर्मचारी सम्मिलित हुये। इस दौरान, प्रबंधक श्री यशवीर सिंह अहलावत ने सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के महाप्रबंधकों, विकास अधिकारियों व अन्य अधिकारियों का स्वागत किया।

 डॉ. प्रफुल्ल रंजन ने हरको बैंक द्वारा चलाई जा रही डिपोजिट व ऋण सम्बंधी विभिन्न योजनाओं को पी.पी.टी. के माध्यम से अधिकारियों को अवगत करवाया तथा सभी अधिकारियों को सलाह दी कि वे सभी नई स्कीमों को जनता तथा बैंक हित में लागू करें।

 इस वर्कशॉप के दौरान सभी महाप्रबंधकों ने अपने-अपने बैंक से सम्बंधित प्रगति रिपोर्ट जिसमें डिपॉजिट, ऋण, सी.आर.ए.आर. पैक्स कम्प्यूटरीकरण, सी.एस.सी., पी.एम.के.एस.के. जन औषधि केन्द्र इत्यादि की प्रस्तुति दी। सभी बैंकों की प्रगति रिपोर्ट के अवलोकन उपरांत डॉ. रंजन ने सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के 31 मार्च 2026 तक के अमानती ऋणों, एन.पी.ए. वसूली इत्यादि के लक्ष्य निर्धारित किए तथा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए रणनीति बनाई गई।

 वर्कशॉप के दौरान, डॉ. रंजन द्वारा उत्कृष्ट उपलब्धियों व उल्लेखनीय कार्य हेतु पुरस्कार भी वितरित किये गये, जिसमें प्रथम स्थान पर भिवानी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, द्वितीय पर गुरुग्राम व तृतीय स्थान पर हिसार बैंक को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त श्री यशवीर सिंह अहलावत, प्रबंधक हरको बैंक को किसान ऋण पोर्टल के उत्कृष्ट कार्य हेतु स्टेट नोडल अधिकारी के तौर पर ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

 इस अवसर पर बैंक के महाप्रबंधक श्री रमेश पुनिया ने सभी महाप्रबंधकों को सम्बोधित करते हुये उन्हें अपने एन.पी.ए. कम करने व डिफाल्टरों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने तथा बैंकों की अमानते बढ़ाने की हिदायत दी। इसके साथ-साथ बैंक की उप-महाप्रबंधक श्रीमती सुधा शर्मा ने सभी महाप्रबंधकों व विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों का वर्ष 2024-25 का निरीक्षण इस वर्ष अवश्य पूर करें। श्रीमती उर्वशी गुप्ता उप महाप्रबंधक ने कहा कि इस प्रकार की बिजनेस मीट/ वर्कशॉप सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।

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एसटीएफ ने सख्त कदम उठाते हुए सबसे खराब लिंगानुपात वाले 5 जिलों के सीएमओ की पीएनडीटी शक्तियां ली जाएंगी  वापस

 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 जिलों के नोडल अधिकारियों को किया जाएगा चार्जशीट

 अवैध गर्भपात प्रथाओं में शामिल डॉक्टरों की सटीक जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये का दिया जाएगा नकद प्रोत्साहन

 अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल ने हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के लिए राज्य टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता की

 चंडीगढ़, 29 जुलाई - हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव के निर्देश पर हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के लिए राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक आज यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने तथा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के प्रयासों को तेज करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

 बैठक में कहा गया कि सरकार के निरंतर प्रयासों से उत्साह जनक परिणाम सामने आए हैं। इस वर्ष 1 जनवरी से 28 जुलाई तक राज्य का लिंगानुपात सुधरकर 905 हो गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 899 था।

 अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें दोषी पाए गए डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करना और ऐसे सभी केंद्रों/क्लिनिकों को सील करना शामिल है, जो इस तरह के कदाचार में शामिल पाए जाते हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे अस्पतालों और केन्द्रों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध करने से हटा दिया जाए तथा ऐसे केन्द्रों को दी जाने वाली अन्य सरकारी सुविधाएं भी बंद कर दी जाएं। डायलेशन और क्यूरेटेज (डी एंड सी) प्रक्रिया की आड़ में अवैध गर्भपात करने वाले केंद्रों की भी पहचान की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

 उन्होंने कहा कि राज्य सभी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग लागू कर रहा है, विशेषकर जहां महिलाओं की पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं। पिछले सप्ताह रिवर्स ट्रैकिंग के संदिग्ध मामलों में 10 और एफआईआर दर्ज की गईं।

 बैठक में बताया गया कि 15 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो छापेमारी और डेकोय ओपरेशन जैसे लगातार क्षेत्रीय अभियानों का परिणाम है। हालांकि, पांच जिलों अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, पलवल और सिरसा ने उम्मीद से कम प्रदर्शन किया है और पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। सख्त कार्रवाई के आदेश देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि पीएनडीटी अधिनियम के तहत इन पांच जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की सभी शक्तियां वापस ले ली जाएं और पड़ोसी जिलों के सीएमओ को दे दी जाएं। उन्होंने कहा कि नए सीएमओ तुरंत इन जिलों का कार्यभार संभालें और लिंगानुपात में सुधार के लिए काम शुरू करें।

 उन्होंने यह भी आदेश दिया कि इन जिलों में पीएनडीटी अधिनियम के नोडल अधिकारियों को चार्जशीट किया जाए तथा उनके स्थान पर नए अधिकारी नियुक्त किए जाएं। इन जिलों में अवैध गर्भपात को रोकने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की निगरानी के लिए एचसीएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित विशेष राज्य दस्ते (स्कवॉड) गठित किए जाएंगे। जिन जिलों ने लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हासिल किया है, उन जिलों को उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया जाएगा।

 अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि लिंग निर्धारण परीक्षण सहित अवैध गर्भपात प्रथाओं में शामिल डॉक्टरों/झोलाछाप डॉक्टरों की प्रामाणिक और सटीक जानकारी संबंधित सीएमओ को प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति को 1 लाख रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।

 बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री रिपुदमन सिंह ढिल्लों तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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अभ्यास सुरक्षा चक्र: हरियाणा के पाँच जिलों में 1 अगस्त को मेगा बहु-राज्यीय आपदा तैयारी मॉक ड्रिल

 चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर), डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ मिलकर 1 अगस्त, 2025 को पूर्ण पैमाने पर मॉक ड्रिल 'अभ्यास सुरक्षा चक्र' का आयोजन करेगा। यह अभ्यास हरियाणा के पाँच जिलों गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में होगा।

 उन्होंने बताया कि यह व्यापक आपदा प्रबंधन अभ्यास पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए 1 अगस्त, 2025 तक चार दिवसीय पहल के तहत चल रहा है, जिसका उद्देश्य भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों जैसी बड़े पैमाने की आपदाओं की स्थिति में वास्तविक समय की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का गहन मूल्यांकन और सुदृढ़ीकरण करना है। इस अभ्यास में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 18 जिलों के साथ-साथ भारतीय सेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय और दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय की भागीदारी शामिल है।

 उन्होंने आगे कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य अंतर-एजेंसी समन्वय को मज़बूत करना, मौजूदा आपदा प्रबंधन योजनाओं को मान्य करना और प्रशासन, सशस्त्र बलों, आपातकालीन सेवाओं और सामुदायिक हितधारकों, सभी स्तरों पर घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को शामिल करते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से वास्तविक समय की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का कठोर परीक्षण करना, आपातकालीन सहायता कार्यों (ईएसएफ) को मज़बूत करना और संसाधन अंतराल की पहचान करना है।

 डॉ. मिश्रा ने ज़ोर देकर कहा, "यह पहल हरियाणा में आपदा लचीलेपन के लिए एक मानक स्थापित करती है और इससे सक्रिय योजना, प्रभावी समन्वय और समावेशी भागीदारी के माध्यम से वास्तविक जीवन की आपात स्थितियों के प्रबंधन की राज्य की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।"

 डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह अभ्यास चरणों में होगा। 30 जुलाई को, मानेकशॉ केंद्र और विभिन्न केंद्र, राज्य और ज़िला अधिकारियों के प्रतिक्रियाकर्ताओं के साथ एक टेबल टॉप अभ्यास (टीटीईएक्स) एक साथ आयोजित किया जाएगा ताकि परिदृश्यों पर चर्चा की जा सके और घटना कार्य योजनाएँ (आईएपी) तैयार की जा सकें। यह अभ्यास 1 अगस्त को सभी प्रतिभागी जिलों में एक साथ आयोजित पूर्ण पैमाने पर मॉक अभ्यास के साथ समाप्त होगा, जिसमें प्रत्येक जिले में पाँच स्थानों पर लाइव सिमुलेशन होंगे , इनमें  एक स्कूल, सरकारी भवन, आवासीय क्षेत्र, अस्पताल और औद्योगिक क्षेत्र शामिल होंगे।

 उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को आपातकालीन संचालन केंद्रों (ईओसी) को सक्रिय करने और मॉक अभ्यास से पहले जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश मिले हैं, ताकि मंचन क्षेत्रों, चिकित्सा सहायता चौकियों, राहत शिविरों और सुरक्षित निकासी मार्गों का स्पष्ट सीमांकन सुनिश्चित किया जा सके। उन्हें आपदा मित्र, रेड क्रॉस, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस स्वयंसेवकों और गैर सरकारी संगठनों को सक्रिय रूप से शामिल करने और स्थानीय हितधारकों के साथ व्यापक समन्वय करने का भी काम सौंपा गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नागरिकों के लिए सभी जोखिम भरे वास्तविक जीवन सिमुलेशन से बचा जाएगा और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के प्रशिक्षित कर्मी सभी बचाव अभियान चलाएंगे। डॉ. मिश्रा ने आगे कहा कि 1 अगस्त को पूर्ण पैमाने पर अभ्यास के दौरान सुबह 9:00 बजे सायरन बजेगा, जिससे अभ्यास शुरू होगा और उसके बाद तत्काल निकासी प्रक्रिया शुरू होगी।

 अभ्यास के बाद, वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक राज्य-स्तरीय डीब्रीफिंग और फीडबैक सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें अभ्यास का मूल्यांकन किया जाएगा। पर्यवेक्षक प्रदर्शन समीक्षा और स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे ताकि शक्तियों, कमजोरियों और सुधार के क्षेत्रों की पहचान की जा सके, और भविष्य में संदर्भ के लिए वीडियो और तस्वीरों सहित एक व्यापक अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

 'अभ्यास सुरक्षा चक्र' प्रधानमंत्री द्वारा बड़े पैमाने पर बहु-राज्यीय, बहु-एजेंसी तैयारी अभ्यास आयोजित करने के राष्ट्रव्यापी निर्देश का हिस्सा है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) पर विशेष रूप से केंद्रित पहला बड़े पैमाने का आपदा सिमुलेशन है, जिसमें तकनीकी, प्रशासनिक और समुदाय-आधारित प्रतिक्रियाओं को एकीकृत करने पर ज़ोर दिया गया है, जिससे क्षेत्र की समग्र आपदा प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

 

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उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा— वोकल फॉर लोकल से साकार होगा विकसित भारत का सपना

 चंडीगढ़, 29 जुलाई — हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री राव नरबीर सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए "वोकल फॉर लोकल" मंत्र को अपनाना अनिवार्य है। इसी दिशा में लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने हेतु राज्यों में उद्योग विभाग के अंतर्गत एमएसएमई निदेशालय की स्थापना की गई है।

 राव नरबीर सिंह आज यहां हरियाणा सिविल सचिवालय स्थित  एनआईसी केंद्र, चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के एमएसएमई अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

 औद्योगिक विकास के लिए कलस्टर आधारित अप्रोच पर जोर

 उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि कलस्टर मॉडल के माध्यम से लघु उद्योगों को सशक्त किया जाए। केंद्र सरकार ने इसके लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें राज्यों की हिस्सेदारी व सब्सिडी प्रावधान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जिम्मेवारी बनती है कि इन योजनाओं की जानकारी उद्यमियों व आमजन तक समय रहते पहुंचाई जाए।

 अधिकारियों का व्यवहार उद्यमी अनुकूल होना चाहिए

 उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिकारी अपने व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएं। उन्होंने कहा उद्यमी आपसे कुछ मांगने नहीं, बल्कि राज्य को देने आया है। इसलिए उसे सम्मान और सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उद्यमियों को कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाने पड़ें, इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज एक बार में ही तैयार कर मुख्यालय को भेजे जाएं। 

15-15 दिन में जिलास्तरीय उद्योग बैठकें हों: उद्योग मंत्री 

उद्योग मंत्री ने सभी डिस्ट्रिक्ट मैनेजर कॉर्डिनेटर्स (DMCs) को निर्देश दिए कि वे हर 15 दिन में अपने जिलों के उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें। उन्होंने कहा कि बैठकें केवल कार्यालयों तक सीमित न रहें, बल्कि सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित की जाएं, और उनके आयोजन की सूचना स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से पहले से दी जाए। 

बैठक में उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की एक विस्तृत बुकलेट तैयार की जाए और उसे हर संबंधित हितधारक तक वितरित किया जाए।

 बैठक में मंत्री ने जिन योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की उनमें हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति (HEEP) 2020, राज्य मिनी क्लस्टर विकास स्कीम, पदमा योजना, प्लग एंड प्ले स्कीम के अंतर्गत कलस्टर निर्माण, हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाइल पॉलिसी 2022–25, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएम-एफएमई योजना शामिल है।

 बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक श्री डी. के. बेहरा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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अब दक्षिणी हरियाणा में पैदा होगा उत्कृष्ट गुणवत्ता का आलू बीज़

  उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु हुआ समझौता

  "अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र" और बागवानी विभाग के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

 चंडीगढ़ , 29 जुलाई - हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा की उपस्थिति में आज राज्य के बागवानी विभाग और अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र (CIP) के बीच एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं इस समझौता का  मुख्य उद्देश्य दक्षिणी हरियाणा में उच्च गुणवत्ता वाले आलू बीज़ का उत्पादन बढ़ाना है।

 इस अवसर पर कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण,  "अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र" के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।

 कृषि मंत्री ने बताया कि आज हुए एमओयू के तहत यह सहयोग प्रधानमंत्री कृषि योजना–राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के अंतर्गत प्रस्तावित है। इसके तहत वर्ष 2025–26 में ₹4.48 करोड़ की राशि केंद्र सरकार से अनुमोदित की जा चुकी है, तथा कुल ₹18.70 करोड़ की परियोजना 4 वर्षों की अवधि में क्रियान्वित की जाएगी।

 श्री राणा ने बताया कि एमओयू का उद्देश्य हरियाणा के दक्षिणी जिलों जैसे दादरी, भिवानी, महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी में  आलू का ‘एरली जेनेरेशन सीड’ का उत्पादन कर किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला व रोगमुक्त बीज उपलब्ध कराना है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और हरियाणा आलू बीज उत्पादक राज्य के रूप में उभर सकेगा।

 उन्होंने बताया बागवानी विभाग द्वारा करनाल के शामगढ़ में स्थापित पो्टेटो टेक्नोलॉजी सेंटर (PTC) को इस परियोजना का क्रियान्वयन केंद्र बनाया गया है, जहाँ एआरसी तकनीक, एरोपोनिक्स यूनिट्स और कंट्रोल्ड क्लाइमेट फैसिलिटीज जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

  कृषि मंत्री ने कहा कि "अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र" और हरियाणा सरकार के बीच यह समझौता किसानों के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह परियोजना राज्य के दक्षिणी जिलों में आलू बीज उत्पादन को नई दिशा देगी, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता का रोगमुक्त बीज उपलब्ध हो सकेगा।”

 उन्होंने आगे कहा, “इस परियोजना से न केवल हरियाणा आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश के अन्य राज्यों को भी गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।”

 उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के इस संयुक्त प्रयास से राज्य के किसानों को जलवायु के अनुकूल व रोगप्रतिरोधी बीज मिल सकेंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश व झारखंड जैसे अन्य राज्यों तक बीज की आपूर्ति की भी संभावना बढ़ेगी।

 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि इस एमओयू से किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी, बाजार से सीधा संपर्क और बेहतर मूल्य प्राप्त होंगे, जिससे उत्पादन और आय दोनों में सुधार सुनिश्चित होगा।

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स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के अथक प्रयास से हरियाणा के पैरा खिलाड़ियों को मिला 31.72 करोड़ रुपये का नकद इनाम

 चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री और पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष आरती सिंह राव के अथक प्रयास से प्रदेश सरकार ने चौथे पैरा एशियन गेम्स 2022 में भाग लेने वाले प्रदेश के 17 खिलाड़ियों को कुल 31.72 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया है।

स्वर्ण पदक विजेता प्रणव सूरमा, रमन शर्मा, सुमित (एथलेटिक्स) और तरुण ढिल्लो (पैरा बैडमिंटन) को 3-3 करोड़ रुपये रुपये दिए गए हैं। नितेश कुमार को पैरा बैडमिंटन में स्वर्ण और रजत पदक जीतने के लिए 4.5 रुपये करोड़ मिले हैं। इसी तरह से सरिता अढाना, पूजा, योगेश कथुनिया सहित कई अन्य खिलाड़ियों को रजत पदक जीतने पर 1.5-1.5 करोड़ रुपये दिए गए। जबकि अंजू बाला (पैरा लॉन बॉल), जसबीर (एथलेटिक्स) और जयदीप (कैनोइंग) को भागीदारी के लिए 7.5-7.5 लाख रुपये दिए गए हैं।

मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि हमारे पैरा खिलाड़ियों ने पदक जीतकर हरियाणा और पूरे देश का नाम रोशन किया है। उन्हें समय पर सम्मानित और पुरस्कृत करना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने तुरंत कार्रवाई की और खिलाड़ियों को पुरस्कार देने का काम किया है। हरियाणा सरकार हर उस खिलाड़ी के साथ है जो कठिनाइयों को पार कर देश का गौरव बढ़ाता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पैरा खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी नीति से सरकार प्रदेश में खेलों को भी बढ़ावा दे रही है।

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नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के अधिकारियों ने हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन का किया दौरा 

डिजिटल नवाचार और ऑटो अपील प्रणाली की सराहनाहरियाणा मॉडल को बताया प्रेरणास्रोत 

चंडीगढ़, 29 जुलाई – भारत सरकार के नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के छह सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन, चंडीगढ़ का दौरा किया। आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता के नेतृत्व में आयोग के अधिकारियों द्वारा प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया गया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के महानिदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े ,आईएएस द्वारा किया गया।

इस दौरे का उद्देश्य राइट टू सर्विस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन में राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान के साथ-साथ हरियाणा राज्य में सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी की दिशा में किए जा रहे नवाचारों को समझना रहा।

मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल को आयोग की कार्यप्रणाली, कानूनी ढांचे, शिकायत निवारण तंत्र, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम, RTS डैशबोर्ड, तथा सेवा प्रदाय में विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई की व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग द्वारा  ऑटो अपील की व्यवस्था भी की गई है, जिससे नागरिकों को स्वतः ही न्याय प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आने वाले समय में और अधिक नागरिक सेवाओं को आयोग के अधिकार क्षेत्र में लाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।

बैठक में दोनों संस्थानों  हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन और नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस  के अधिकारी उपस्थित रहे। उपस्थित अधिकारियों के बीच सेवा वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिकोन्मुख बनाने पर सार्थक विमर्श हुआ।

नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के अधिकारियों ने हरियाणा में राइट टू सर्विस अधिनियम के क्रियान्वयन की प्रगति की सराहना की और इसे अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणास्पद मॉडल बताया। उन्होंने आयोग की डिजिटल पहलों और संस्थागत नवाचारों को नागरिक अधिकारों की रक्षा और सुशासन की दिशा में अत्यंत प्रभावशाली कदम बताया।

अंत में, मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के प्रतिनिधिमंडल का आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि इस प्रकार की आपसी सहभागिता देशभर में राइट टू सर्विस अधिनियमों की प्रभावशीलता को और अधिक सुदृढ़ करेगी।

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