चंडीगढ़, 22 अगस्त - हरियाणा विधानसभा के सत्र के पहले दिन सदन में पिछले सत्र और इस सत्र की अवधि के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए महान विभूतियों, स्वतंत्रता सेनानी और शहीद जवानों के सम्मान में शोक प्रस्ताव पढ़े गए और शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की गई।
सर्वप्रथम सदन के नेता मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने शोक प्रस्ताव पढ़े। इनके अलावा, विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण के अलावा श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा श्री आदित्य देवीलाल ने अपनी पार्टी की ओर से शोक प्रस्ताव पढ़कर श्रद्धांजलि दी। सदन के सभी सदस्यों, अधिकारियों, मीडियाकर्मियों और सदन में मौजूद सभी कर्मचारियों ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा तथा दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना भी की।
सदन में जिनके शोक प्रस्ताव पढ़े गए, उनमें जम्मू और कश्मीर, मेघालय, गोवा, ओडिशा तथा बिहार के भूतपूर्व राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक, हरियाणा विधानसभा के भूतपूर्ण सदस्य श्री इन्द्र सिंह नैन, श्री हरि राम बाल्मीकि और जिला रेवाड़ी के गांव कोसली के स्वतंत्रता सेनानी श्री मंगल सिंह शामिल हैं।
सदन में 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गये 26 निर्दोष लोगों के दुःखद एवं असामयिक निधन पर भी गहरा शोक प्रकट किया गया। सदन ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निन्दा की और दिवंगतों के शोक-संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट की। इसके अलावा, सदन में 12 जून, 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर मारे गये 260 व्यक्तियों, जिनमें गुजरात के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी भी थे, की असामयिक मृत्यु पर भी गहरा शोक प्रकट किया गया।
सदन में अदम्य साहस व वीरता दिखाते हुए मातृभूमि की एकता व अखंडता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हरियाणा के 43 वीर सैनिकों के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया। इन वीर शहीदों में जिला भिवानी के गांव ढ़ाणी रहीमपुर के कर्नल शमशेर सिंह, रोहतक के स्क्वॉड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंह सिंधु, करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जिला रेवाड़ी के गांव माजरा भालखी के फ्लाईट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव, जिला चरखी दादरी के गांव छप्पार के सब लेफ्टिनेंट प्रवेश सांगवान, जिला रेवाड़ी के गांव सुधराना के निरीक्षक रामअवतार, जिला झज्जर के गांव सांखोल के वारंट ऑफिसर मोतीलाल राठी, जिला सिरसा के गांव झोपड़ा के नायब सूबेदार बलदेव सिंह, जिला चरखी दादरी के गांव मौड़ी के उप निरीक्षक जयभगवान, जिला सोनीपत के गांव उदेशीपुर के उप निरीक्षक कृष्ण कुमार, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव झूक के सहायक उप निरीक्षक कृष्ण कुमार, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव गोद के हवलदार महावीर सिंह, जिला भिवानी के गांव दांग कलां के हवलदार विक्रम सिंह, जिला रेवाड़ी के गांव नेहरुगढ़ के हवलदार मनोज यादव, जिला झज्जर के गांव सिवाना के हवलदार राजपाल कादियान, जिला कैथल के गांव कवारतन के हवलदार संजय सिंह, जिला चरखी दादरी के गांव मिसरी के हवलदार वेदपाल सिंह यादव, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव खायरा के हवलदार नन्द कुमार, जिला रोहतक के गांव चुलियाना के हवलदार रविन्द्र दूहन, जिला यमुनानगर के गांव लेदा खादर के हवलदार विजेंद्र संधू, जिला चरखी दादरी के गांव लाड के एल.एम.ई. मनोज कुमार, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव निवाजनगर के एल.ई.एम.आर. विपिन, जिला जींद के गांव डूमरखा खुर्द के नायक मन्नू, जिला रेवाड़ी के गांव प्राणपुरा-गोपालपुरा के इसके अलावा, नायक अमरजीत सैन, जिला पलवल के गांव नगला मोहम्मदपुर के लांस नायक दिनेश कुमार, जिला चरखी दादरी के गांव समसपुर के लांस नायक मनोज फौगाट, जिला झज्जर के गांव भिंडावास के लांस नायक सोनू यादव, जिला चरखी दादरी के गांव काकड़ोली हुक्मी के एल.ए.सी. नवीन श्योराण, जिला हिसार के गांव भिवानी रोहिल्ला के एयरक्राफ्टमैन सचिन रोहिल, जिला हिसार के गांव संडोल के सिपाही अजय कुमार, जिला चरखी दादरी के गांव सारंगपुर के सिपाही अमित सांगवान, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव फतेहपुर के सिपाही अमित कुमार, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव बलाहा कलां के सिपाही अजय यादव, जिला कैथल के गांव करोड़ा के सिपाही गुरमीत सिंह, जिला रेवाड़ी के गांव धारण की ढाणी के सिपाही धर्मेन्द्र ग्रेवाल, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव सैद-अलीपुर के सिपाही इन्द्रजीत, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव धनौंदा के सिपाही रवि कुमार, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव बास किरारोद के सिपाही धर्मवीर सिंह, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव घाटाशेर के सिपाही सुभाष चंद, जिला हिसार के गांव ब्याणा खेड़ा के सिपाही मनदीप कुमार पूनिया, जिला चरखी दादरी के गांव अचीना के सिपाही प्रवीन, जिला हिसार के गांव लोहारी राघो के अग्निवीर कमल कंबोज, जिला झज्जर के गांव साल्हावास के अग्निवीर नवीन जाखड़, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव नौताना के सहायक उप निरीक्षक वीरभान और जिला महेन्द्रगढ़ के गांव मालड़ा सराय के लांस नायक आशीष कुमार के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया।
उपरोक्त के अलावा, सदन में विधान सभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण की चाची श्रीमती गुरबचनी देवी, सांसद श्रीमती किरण चौधरी के चाचा ससुर श्री हरि सिंह, विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की चाची श्रीमती सुप्रभा देवी और भाभी श्रीमती राजवती देवी, विधायक डॉ. रघुवीर सिंह कादियान की भाभी श्रीमती सरोज कुमारी, विधायक श्री रामकुमार गौतम के चचेरे भाई श्री देवेन्द्र कुमार, विधायक श्री घनश्याम दास अरोड़ा की चाची श्रीमती सुदर्शना कुमारी, विधायक श्री सतीश कुमार फागना के साले डॉ. राजेन्द्र मावी, विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा के भाई श्री चन्द्रकांत भनोट तथा विधायक श्री आदित्य सुरजेवाला के ताऊ श्री महाबीर सिंह, ताई श्रीमती रोशनी देवी और चचेरे भाई श्री संदीप सिंह के निधन पर भी गहरा शोक व्यक्त किया गया।
*हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान तीन विधेयक प्रस्तुत किए गए*
चण्डीगढ़, 22 अगस्त - हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान तीन विधेयक प्रस्तुत किए गए। प्रस्तुत किए गए विधेयकों में हरियाणा विधान सभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025, हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 शामिल हैं।
*मनीषा बेटी के नाम पर राजनीति बंद करे विपक्ष – नायब सिंह सैनी*
*कांग्रेस शासन में FIR तक दर्ज नहीं होती थी, आज हो रही तुरंत कार्रवाई*
चंडीगढ़, 22 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मनीषा बेटी के मामले पर राजनीति करना बंद करें। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल अनावश्यक हंगामा कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, जबकि इस विषय पर प्रश्नकाल में सवाल पहले से ही सूचिबद्ध है और उस पर चर्चा भी होनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कि भिवानी की बेटी के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस और वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में जमीन आसमान का अंतर है। कांग्रेस राज में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर थी। उस समय तो एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी, जिससे पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होते थे। इनके विपरीत आज तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आज विपक्ष दिखावा कर रहा है, जबकि जनता को कांग्रेस के कृत्य अच्छी तरह याद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार सदन में कुछ युवा विधायक चुनकर आए हैं, जिन्हें शायद यह अंदाज़ा भी नहीं होगा कि कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी शर्मनाक और दयनीय थी।
वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान जुलाई माह तक अनुसूचित जाति के 426 लाभार्थियों को 326.19 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की प्रदान
चण्डीगढ़, 22 अगस्त – हरियाणा के सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान जुलाई माह तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुसूचित जाति के 426 लाभार्थियों को 326.19 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिसमें 31.83 लाख रुपये की सब्सिडी भी शामिल है।
श्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि निगम द्वारा अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत ऋण मुहैया करवाया जाता है ताकि वे अपना कारोबार और स्व-रोजगार स्थापित कर सकें। इन श्रेणियों में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, व्यापार और कारोबार क्षेत्र तथा स्व-रोजगार क्षेत्र शामिल हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत भी उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के अंतर्गत 213 लाभार्थियों को डेरी फार्मिंग, भेड़ पालन और सूअर पालन के लिए 175.07 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है, जिसमें से 163.12 लाख रुपये बैंक ऋण और 11.95 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में जारी किए गए हैं। इसी प्रकार, औद्योगिक क्षेत्र, व्यापार और कारोबार क्षेत्र के अंतर्गत 207 लाभार्थियों को 146.62 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई गई, जिसमें से 112.68 लाख रुपये बैंक ऋण, 19.28 लाख रुपये की सब्सिडी और 14.66 लाख रुपये मार्जिन मनी के रूप में जारी किए गए।
इसी प्रकार, व्यावसायिक एवं स्व-रोज़गार क्षेत्र के अंतर्गत 6 लाभार्थियों को 4.50 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई गई, जिसमें से 3.45 लाख रुपये बैंक ऋण, 60 हजार रुपये की सब्सिडी और 45 हजार रुपये मार्जिन मनी के रूप में जारी किए गए।
स्वावलंबी भारत की ओर अभियान के तहत 5 दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का हुआ सफलतापूर्वक समापन
चंडीगढ़, 22 अगस्त- “स्वावलंबी भारत” अभियान के तहत जिला स्वावलंबन केंद्र पंचकूला के मार्गदर्शन में हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड द्वारा 18 से 22 अगस्त 2025 तक पांच दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का सफल आयोजन किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमिता की भावना विकसित करना और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना था।
इस दौरान उद्यमिता एवं ग्रामीण विकास केंद्र (ERDC), चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को उद्यमिता की मूलभूत अवधारणाएं, व्यवसाय स्थापना की प्रक्रिया, नवाचार, नेतृत्व क्षमता, वित्तीय प्रबंधन तथा विपणन रणनीतियों की जानकारी दी। छात्रों को समूह गतिविधियों, विचार-सृजन अभ्यास तथा व्यवसाय योजना निर्माण जैसी व्यावहारिक गतिविधियों में शामिल कर व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किया गया।
समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड पंचकूला के सचिव डॉ. राजेश गोयल ने भारत की पुरातन औद्योगिक श्रेष्ठता और स्वदेशी अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि स्वदेशी के विचार को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना समय की मांग है।
इस अवसर पर हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सीओएएफ श्री हितेश के. अरोड़ा ने कहा कि आज देश को नौकरी तलाशने वालों से अधिक नौकरी देने वाले युवाओं की आवश्यकता है। यह शिविर छात्रों को सफल उद्यमी बनने के लिए सही दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करने का काम करेगा।
इस मौके पर उद्योग एवं शिक्षा जगत के अनुभवी विशेषज्ञ श्री चेतन सहोड़, श्री सत्यम शर्मा, श्री विजय सिंह तथा श्री ओ.पी. सिंह ने विद्यार्थियों के साथ संवाद कर उन्हें पारंपरिक करियर विकल्पों से हटकर नए दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। व्यक्तित्व मूल्यांकन, बिजनेस मॉडल कैनवास, मॉक पिचिंग और प्रोजेक्ट रिपोर्ट जैसी गतिविधियों ने छात्रों को अपने विचारों को व्यवहारिक रूप से प्रस्तुत करने का अवसर दिया।
संस्थान के प्राचार्य श्री रणबीर सांगवान ने इस पहल को विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को उद्योग और व्यवसाय जगत में सशक्त भूमिका निभाने के लिए तैयार करेंगे।
एचकेआरएन के माध्यम से लगे कर्मचारियों की सेवा अवधि बढ़ी
चंडीगढ़, 22 अगस्त- हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों की सेवा अवधि 30 सितम्बर, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया गया है।
हरियाणा में बढ़ी आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के कर्मचारियों की सेवा अवधि
चंडीगढ़, 22 अगस्त-हरियाणा सरकार ने विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत कार्यरत कर्मचारियों की सेवा अवधि 30 सितम्बर, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया गया है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा पहले इन कर्मचारियों की सेवा अवधि 01 जुलाई, 2025 से 31 जुलाई, 2025 तक बढ़ाने के आदेश जारी किए गए थे।
आयुष्मान भारत योजना गरीब मरीजों के लिए साबित हुई संजीवनी, परिवारों ने मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए सरकार का किया धन्यवाद
अस्पताल ने एक भी रुपया नहीं लिया, आयुष्मान कैशलेस इलाज से परिवारों को राहत मिली
हरियाणा सरकार ने अस्पतालों को आयुष्मान और चिरायु योजना के लंबित भुगतान को मंजूरी दी, 5 अगस्त से अब तक 225 करोड़ रुपये जारी
चंडीगढ़, 22 अगस्त - हरियाणा सरकार आयुष्मान भारत-हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण के माध्यम से राज्य में 45 लाख से अधिक पात्र परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इनडोर उपचार प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) और चिरायु को क्रियान्वित कर रही है।
प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए), हरियाणा से सेवाएं वापस लेने के आह्वान के संबंध में प्राप्त संचार के जवाब में, यह सूचित किया जाता है कि सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सभी लंबित भुगतान एनएचए, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से संसाधित और वितरित किए जा रहे हैं। यह आश्वासन दिया जाता है कि सभी बकाया राशि का बिना किसी देरी के भुगतान किया जाएगा, जिसमें छोटे अस्पतालों/स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों के बकाया भुगतान के लिए पर्याप्त धनराशि स्वीकृत और प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि अब तक, जून 2025 के दूसरे सप्ताह तक जमा किए गए दावों का भुगतान किया जा चुका है। योजना की शुरुआत से अब तक अस्पतालों को 3,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 18 अगस्त, 2025 तक केंद्र और राज्य सरकारों से लगभग 480 करोड़ रूपये प्राप्त हुए हैं और पात्र दावा निपटान के लिए इसका पूर्ण उपयोग किया गया है। 5 अगस्त, 2025 से राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों को 225 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। चिरायु योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों के लंबित भुगतान के लिए राज्य सरकार द्वारा 291 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी करने की मंजूरी दी गई है।
हाल ही में विभिन्न जिलों से आयुष्मान/चिरायु कार्ड के माध्यम से निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की कई सफलता की कहानियां सामने आई हैं।
मेवात के गांव मोहम्मदपुर अहीर निवासी 18 वर्षीय परीक्षा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को आयुष्मान भारत योजना शुरू करने के लिए धन्यवाद किया। ‘‘मैं लंबे समय से कान में दर्द और कान से पानी बहने की समस्या से पीड़ित था। मैंने कई उपचार करवाए, लेकिन मुझे राहत नहीं मिली। मैंने कई डॉक्टरों से सलाह ली। कुछ डॉक्टरों ने बहुत ज्यादा पैसे मांगे, लेकिन मैं उन्हें पैसे देने की स्थिति में नहीं था। फिर मुझे आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के बारे में पता चला। इस योजना के तहत मेरी सर्जरी हुई। ऑपरेशन सफल रहा और अब मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूँ। अस्पताल ने मुझ से इलाज के लिए कोई पैसा नहीं लिया।‘‘
मेवात क्षेत्र के निवासी साबिर के परिवार में पांच बच्चे हैं। सबसे छोटा बेटा आर्यन सरकारी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता है। आर्यन के दिल में छेद (एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट-एएसडी) का निदान किया गया। डॉक्टरों ने कहा कि उसकी जान बचाने के लिए तत्काल सर्जरी जरूरी है। आयुष्मान भारत योजना उनके लिए संजीवनी बनकर आई। 14 अगस्त, 2025 को आर्यन का एएसडी क्लोजर (हार्ट सर्जरी) सफलतापूर्वक हुआ और 19 अगस्त को वह स्वस्थ होकर घर लौट आए। इलाज, दवाइयां और भोजन-सब कुछ पूरी तरह से निःशुल्क था। “मेरी छोटी सी दुकान से ही हमारा घरेलू खर्च चलता है। उनके पिता साबिर ने योजना शुरू करने के लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘अगर आयुष्मान भारत योजना नहीं होती तो मेरे बेटे का इलाज कराना असंभव हो जाता।‘‘
इस बीच, दावा प्रस्तुत करने में सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा की गई अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए, 18 और 20 अगस्त 2025 को राज्य भर के विभिन्न सूचीबद्ध अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि यदि ऐसे औचक निरीक्षणों के दौरान कोई अनियमितता पाई जाती है तो नियमों/दिशा-निर्देशों के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ई-भूमि नीति बनी किसानों की जीवनरेखा
ई-भूमि नीति पारदर्शिता और स्वैच्छिक भागीदारी पर आधारित
चंडीगढ़, 22 अगस्त – पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया कि ई-भूमि नीति के अंतर्गत किसानों की इच्छा के विरुद्ध एक इंच भी भूमि कभी अधिग्रहित नहीं की गई है। सरकार ने जोर देकर कहा कि यह नीति न केवल पारदर्शी है बल्कि उन किसानों के लिए वरदान है, जो सार्वजनिक विकास परियोजनाओं के लिए स्वेच्छा से अपनी भूमि बाज़ार दरों पर बेचना चाहते हैं।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ई-भूमि (सरकारी विकास परियोजनाओं हेतु स्वेच्छा से भूमि उपलब्ध कराने की नीति) पहली बार वर्ष 2017 में अधिसूचित की गई थी और 9 जुलाई, 2025 को संशोधित की गई। इसने वर्ष 2013 के केंद्रीय अधिनियम के तहत होने वाले विवादित अनिवार्य भूमि अधिग्रहण की प्रथा को समाप्त कर दिया। पहले की व्यवस्था में किसान अक्सर खुद को बेदखल महसूस करते थे, जबकि वर्तमान नीति पूरी तरह किसान की सहमति पर आधारित है। प्रवक्ता ने कहा कि ई-भूमि नीति पारदर्शिता और स्वैच्छिक भागीदारी पर आधारित है।
उन्होंने बताया कि पुरानी प्रणाली के विपरीत ई-भूमि नीति किसानों को अंतिम निर्णय लेने का अधिकार देती है। किसान चाहें तो सरकार को अपनी भूमि बाज़ार मूल्य पर बेच सकते हैं, भूमि पूलिंग के माध्यम से विकसित भूखंड ले सकते हैं या फिर बाय-बैक विकल्प का उपयोग कर सकते हैं, जिसके तहत वे तीन वर्ष बाद प्रचलित दर पर भूखंड हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) को पुनः बेच सकते हैं। यह आपसी सहमति है, थोपने की प्रक्रिया नहीं है। संभवतः पहली बार किसान विकास परियोजनाओं के निर्माण में सच्चे भागीदार बने हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस व्यवस्था के अंतर्गत निजी कॉलोनाइज़र, डेवलपर या उद्योगों के लिए भूमि क्रय की अनुमति नहीं है। भूमि केवल सार्वजनिक उद्देश्य हेतु स्वीकार की जाती है, चाहे वह राज्य स्तरीय अवसंरचना हो या केंद्र सरकार की परियोजनाएँ। यह प्रावधान किसानों की उस लंबे समय से चली आ रही शिकायत को दूर करता है कि उनकी भूमि निजी मुनाफ़े के लिए इस्तेमाल हो रही थी।
किसानों की भागीदारी को आसान बनाने के लिए सरकार ने लैंड एग्रीगेटर्स की व्यवस्था शुरू की है, जो किसानों को पोर्टल पर भूमि विवरण निःशुल्क अपलोड करने में मदद करते हैं। अब तक 353 एग्रीगेटर्स पंजीकृत किए जा चुके हैं। किसान स्वतंत्र रूप से भी अपनी भूमि का विवरण और मूल्य पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अब तक किसानों ने स्वेच्छा से 1,850 एकड़ भूमि पोर्टल पर उपलब्ध कराई है।
इस सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर सरकार ने छह नई परियोजनाओं के लिए 35,500 एकड़ भूमि की मांग हेतु नए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। प्रस्ताव भेजने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2025 तय की गई है और पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में किसानों की सहमति मिल रही है। इस नीति ने किसानों को जबरन अधिग्रहण के भय से मुक्त कर दिया है। आज किसान स्वयं निर्णय ले रहे हैं कि अपनी भूमि के साथ क्या करना है, और वे यह निर्णय पारदर्शी व गरिमामय तरीके से ले रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि पर्यवेक्षकों का मानना है कि भारत में ई-भूमि मॉडल अद्वितीय है, क्योंकि इसमें न्यायसंगत बाज़ार मूल्यांकन और स्वैच्छिक भागीदारी का मेल है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि विकास किसानों के अधिकारों को प्रभावित ना करे। किसानों को पीड़ित की बजाय भागीदार बनाकर हरियाणा ने भूमि नीति में एक नया मानक स्थापित करने का प्रयास किया है।