उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गौरव और देश के अंतरिक्ष मिशनों में अहम योगदान देने वाले वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को बड़ा सम्मान दिया है। सरकार ने उन्हें ‘स्टेट गेस्ट’ का दर्जा प्रदान किया है। यह कदम न केवल राज्य के वैज्ञानिकों को सम्मानित करने का संदेश देता है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले हैं। वे इसरो और गगनयान मिशन से जुड़ने के बाद सुर्खियों में आए थे। भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल होकर उन्होंने प्रदेश का नाम रोशन किया। उनका चयन कठोर ट्रेनिंग और कई चरणों की टेस्टिंग के बाद हुआ, जिससे उनकी तकनीकी दक्षता और मानसिक क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
यूपी सरकार का फैसला और संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि शुभांशु शुक्ला के योगदान को देखते हुए उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मान न केवल शुभांशु की उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि राज्य के हर युवा के लिए संदेश है कि कड़ी मेहनत और लगन से अंतरिक्ष तक की यात्रा संभव है।
राज्य में होगी विशेष पहल
सूत्रों के अनुसार, सरकार भविष्य में विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े छात्रों के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है। स्कूल और कॉलेजों में शुभांशु शुक्ला के अनुभव साझा कराने के लिए इंटरैक्टिव सेशन भी आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
राष्ट्रीय गौरव में यूपी की भूमिका
गगनयान मिशन के साथ भारत दुनिया के चुनिंदा देशों की कतार में शामिल होने जा रहा है जो मानव को अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में यूपी के बेटे शुभांशु शुक्ला का योगदान राज्य के लिए गर्व का विषय है।
शुभांशु शुक्ला को ‘स्टेट गेस्ट’ का दर्जा देकर यूपी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वैज्ञानिक प्रतिभाओं को सम्मान देना उसकी प्राथमिकता है। यह कदम निश्चित रूप से युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित करेगा।