रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को भारतीय नौसेना को दो अत्याधुनिक युद्धपोत—INS उदयगिरी और INS हिमगिरी—सौंपे। कोलकाता में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा नीति न तो आक्रामकता पर आधारित है और न ही पीछे हटने पर। हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है—हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन अपनी संप्रभुता और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इन युद्धपोतों का शामिल होना नौसेना की शक्ति को नई ऊंचाई देगा। दोनों पोत प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए गए हैं और इनमें अत्याधुनिक रडार सिस्टम, स्टील्थ फीचर और उन्नत हथियार प्रणालियां मौजूद हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलते सुरक्षा परिदृश्य के बीच हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इन पोतों की तैनाती से भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता मजबूत होगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत किसी देश के खिलाफ आक्रामक रवैया नहीं रखता, लेकिन अगर किसी ने हमारी सीमाओं या हितों को चुनौती दी, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत वैश्विक मंच पर नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करता है और समुद्री सुरक्षा को लेकर सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
INS उदयगिरी और हिमगिरी के निर्माण में स्वदेशी तकनीक का व्यापक इस्तेमाल किया गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देता है। इन पोतों की लंबाई 149 मीटर और विस्थापन 6,700 टन है। ये अत्याधुनिक सेंसर और मिसाइलों से लैस हैं, जो सतह, वायु और पनडुब्बी हमलों से निपटने में सक्षम हैं।
कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने कहा कि इन पोतों के शामिल होने से नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारतीय नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
इन दोनों जहाजों की तैनाती हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करेगी और किसी भी आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने में मददगार होगी।