दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने झारखंड एटीएस और रांची पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में राजधानी रांची से ISIS के संदिग्ध आतंकी अशहर उर्फ अशरफ दानिश को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार दानिश पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर के इशारे पर काम कर रहा था और पैन इंडिया आतंकी मॉड्यूल का मुखिया था। उसके नेटवर्क से देशभर में युवाओं को जोड़ने और उन्हें कट्टरपंथ की राह पर ले जाने की साजिश रची जा रही थी।
‘सीईओ’ कोडनेम और ‘गजवा लीडर’
जांच में सामने आया है कि आतंकी संगठन में दानिश को ‘सीईओ’ नाम से जाना जाता था। वह इस मॉड्यूल का तथाकथित ‘गजवा लीडर’ था। उसकी गिरफ्तारी को एजेंसियां बड़ी सफलता मान रही हैं।
प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक
बोकारो जिले के पेटरवार थाना क्षेत्र के उत्तासारा गांव निवासी दानिश का पारिवारिक बैकग्राउंड चौंकाने वाला है। उसके पिता मजहर जानी तेनुघाट कोर्ट में वकील हैं और पहले कव्वाली गाया करते थे। मां शिक्षिका हैं, जबकि बहन पटना में एलएलबी और छोटा भाई हजारीबाग में अमीन की पढ़ाई कर रहा है। यह परिवार अपनी शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है। गांववालों के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं कि ऐसा परिवार का बेटा आतंकी संगठन से जुड़ा मिला।
पढ़ाई से आतंकी नेटवर्क तक
दानिश की शुरुआती पढ़ाई पेटरवार के एक पब्लिक स्कूल में हुई थी। बाद में उसने स्नातक के बाद एमए और पीएचडी करने के लिए रांची का रुख किया और जेआरएफ की तैयारी भी कर रहा था। परिवार का कहना है कि वह अक्सर पढ़ाई में व्यस्त रहता था और गांव में कम आता-जाता था। हाल ही में वह ईद मिलादुन्नबी पर घर आया था और कुछ दिन बाद फिर रांची लौट गया।
पिता ने जताई हैरानी
गिरफ्तारी की खबर पर पिता मजहर जानी ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा आतंकी गतिविधियों में शामिल था। उन्होंने बताया कि दानिश सामान्य जीवन जीता था और पढ़ाई में ही ध्यान देता था। अब वह पुलिस से मामले की सच्चाई सामने आने का इंतजार कर रहे हैं।
पहले भी हुई थीं गिरफ्तारियां
अशरफ दानिश से पहले, धनबाद के वासेपुर से आतंकी गतिविधियों में शामिल पांच संदिग्ध पकड़े गए थे। इनमें शबनम परवीन नाम की महिला भी थी, जो मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने का काम करती थी। एटीएस ने अप्रैल और मई में इस नेटवर्क से जुड़े कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था।
अशरफ दानिश की गिरफ्तारी एक बार फिर साबित करती है कि आतंकी संगठन समाज के शिक्षित तबके तक अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी है और परिवारों के लिए भी संदेश कि वे युवाओं की गतिविधियों पर सतर्क नजर रखें।