देशभर में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो आने वाले 48 घंटों में चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस सिस्टम के असर से ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह चक्रवाती तंत्र फिलहाल दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है और इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना जताई गई है। यदि यह तूफान तेज़ी पकड़ता है, तो इसे ‘तूफान महारुद्र’ नाम दिया जा सकता है। इसके प्रभाव से तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें ऊंची उठ सकती हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। ओडिशा और आंध्र के कई तटीय ज़िलों में प्रशासन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।
इधर, उत्तरी भारत में मौसम का मिज़ाज अलग तरह से बिगड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। AQI 450 के पार चला गया है, जिससे सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। पर्यावरण विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे बाहर निकलते समय मास्क और चश्मा पहनें, ताकि प्रदूषक कणों से बचाव हो सके। स्कूलों में खेल गतिविधियों को सीमित करने और दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू करने की सिफारिश की गई है।
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में दृश्यता कम हो गई है। डॉक्टरों ने विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों को सावधानी बरतने की अपील की है। वहीं, पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं के बावजूद इस बार प्रदूषण पर आंशिक नियंत्रण देखा गया है, हालांकि मौसम में ठहराव और हवा की धीमी रफ्तार से हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं।
मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि अगर बंगाल की खाड़ी से उठने वाला यह सिस्टम आगे बढ़ा, तो इसके असर से पूर्वी हवाएं उत्तर भारत तक पहुंच सकती हैं, जिससे अगले हफ्ते हल्की बारिश और ठंडक का अहसास बढ़ सकता है।