बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम से लोकसभा चुनाव प्रचार का शंखनाद करेंगे। इसे भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी शुरुआत माना जा रहा है। कर्पूरी ठाकुर की कर्मभूमि से प्रचार आरंभ करना पार्टी के लिए प्रतीकात्मक रूप से भी अहम है, क्योंकि भाजपा इसे सामाजिक न्याय और विकास के संतुलन का संदेश देने का अवसर मान रही है।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की इस सभा में लगभग दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। मंच पर प्रधानमंत्री के साथ एनडीए के 10 प्रत्याशी मौजूद रहेंगे, जिनमें भाजपा, जदयू और एलजेपी (रामविलास) के उम्मीदवार शामिल होंगे। मंच से पीएम मोदी आगामी चुनाव में ‘विकसित बिहार’ और ‘स्थायी सरकार’ का नारा देते हुए विपक्ष पर भी तीखे हमले बोल सकते हैं।
बीजेपी प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों के मुताबिक, पीएम मोदी की यह रैली राज्य के 30 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करेगी। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। जिला प्रशासन ने ट्रैफिक, भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष योजनाएं तैयार की हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कर्पूरी ग्राम से प्रचार की शुरुआत कर भाजपा पिछड़े वर्गों और ग्रामीण वोटबैंक को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। यह वही इलाका है जहां समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़े वर्गों के अधिकारों की आवाज बुलंद की थी। ऐसे में भाजपा का यह कदम एक राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है कि पार्टी सामाजिक न्याय की विचारधारा को विकास के एजेंडे के साथ जोड़ना चाहती है।
विपक्षी दलों ने हालांकि इस रैली को ‘राजनीतिक स्टंट’ करार दिया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के पास 10 वर्षों के शासन के बाद दिखाने के लिए कोई ठोस उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह प्रतीकवाद के सहारे चुनाव जीतने का प्रयास कर रही है।
पीएम मोदी की इस सभा के बाद एनडीए गठबंधन बिहार में अगले चरणों के लिए संयुक्त रैलियों की शृंखला शुरू करेगा।