दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGI Airport) पर सुरक्षा और तकनीकी प्रबंधन से जुड़ी लापरवाही को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) गिल्ड ने दावा किया है कि उसने हवाई यातायात संचालन में संभावित तकनीकी जोखिमों के बारे में महीनों पहले ही अधिकारियों को आगाह किया था, लेकिन उस पर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
गिल्ड के अनुसार, रनवे पर लगे उपकरणों और संचार प्रणाली में बार-बार तकनीकी खामियाँ सामने आ रही थीं, जिनकी जानकारी संबंधित विभागों को दी गई थी। इसके बावजूद सुधारात्मक कदमों में देरी हुई, जिससे हाल के दिनों में कुछ विमान परिचालन में दिक्कतें आईं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ मामलों में रडार और ग्राउंड कम्युनिकेशन सिस्टम में अस्थायी गड़बड़ी देखी गई, जिसे समय पर दुरुस्त नहीं किया गया।
ATC गिल्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगातार बढ़ते एयर ट्रैफिक के बावजूद आवश्यक मानव संसाधन और तकनीकी उपकरणों का उन्नयन नहीं हुआ है। “हमने कई बार लिखित रूप में चेताया कि इस तरह की स्थिति से उड़ान सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, लेकिन हमारी बातों को नजरअंदाज किया गया,” उन्होंने कहा।
वहीं, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा और तकनीकी मानकों का पालन सख्ती से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी अस्थायी तकनीकी दिक्कतें आती हैं, लेकिन इससे उड़ानों की सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं होता।
हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई कुछ उड़ानों की देरी और तकनीकी रुकावटों के बाद यात्रियों में भी असंतोष बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट पर किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। ऐसे में ATC गिल्ड के आरोपों की जांच जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है और कहा है कि यदि किसी स्तर पर लापरवाही साबित होती है तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।