दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर जहरीली हवा की गिरफ्त में है। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जिससे हवा “गंभीर” श्रेणी में दर्ज की जा रही है। बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि स्कूल कब तक खुले रहेंगे और माता-पिता अपने बच्चों की सेहत की सुरक्षा कैसे करें?
🔸 स्कूल बंद करने पर विचार
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने या ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प शुरू करने पर विचार किया है। पर्यावरण विभाग के सूत्रों के अनुसार, यदि AQI लगातार 400 से ऊपर जाता है, तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्कूल बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है। एनसीआर के कई निजी स्कूल पहले ही बच्चों की आउटडोर गतिविधियाँ रोक चुके हैं, जबकि कुछ संस्थानों ने ‘हाफ डे शेड्यूल’ लागू कर दिया है।
🔸 बच्चों पर प्रदूषण का खतरा
डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) बच्चों के फेफड़ों में जम जाते हैं, जिससे खांसी, आंखों में जलन, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। लगातार ऐसे वातावरण में रहने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है और अस्थमा जैसी बीमारियाँ भी बढ़ सकती हैं।
🔸 माता-पिता के लिए ज़रूरी सावधानियाँ
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मास्क का उपयोग करें: बच्चों को बाहर जाने पर N95 या N99 मास्क पहनाना आवश्यक है।
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स्कूल ट्रैफिक से बचाएँ: सुबह के पीक ट्रैफिक समय में बच्चों को लंबे समय तक बस या कार में न बैठाएँ।
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घर में एयर प्यूरीफायर लगाएँ: इनडोर प्रदूषण को कम करने के लिए प्यूरीफायर या पौधों का उपयोग करें।
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डाइट पर ध्यान दें: विटामिन C, तुलसी, अदरक और शहद जैसी चीजें बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं।
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बाहर खेलने से बचाएँ: जब तक AQI 200 से नीचे न आए, तब तक बच्चों को घर के अंदर ही खेलने दें।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3-4 दिनों तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना कम है। सरकार ने जनता से अपील की है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाहनों का सीमित उपयोग करें और पराली जलाने जैसी गतिविधियों से दूर रहें।
दिल्ली-एनसीआर की हवा में हर सांस अब चुनौती बन चुकी है। बच्चों की सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि हर माता-पिता की जिम्मेदारी भी है। सावधानी और सहयोग ही इस “धुंध संकट” से बचाव का एकमात्र उपाय है।