दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार, 13 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में इस धमाके को “आतंकी घटना” घोषित किया गया। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी और एनआईए के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विस्फोट में इस्तेमाल हुए विस्फोटक पदार्थ और उसकी तकनीक के आधार पर इसे आतंकी साजिश बताया गया। जांच में यह भी सामने आया कि ब्लास्ट में प्रयोग की गई सामग्री विदेशी मूल की हो सकती है। एनआईए ने घटना की जांच औपचारिक रूप से अपने हाथ में ले ली है, जबकि दिल्ली पुलिस की विशेष सेल पहले से ही सुराग जुटाने में लगी है।
सूत्रों के अनुसार, यह धमाका राजधानी के संवेदनशील इलाके में हुआ था, जहां कई महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तर और राजनयिक मिशन स्थित हैं। इस कारण सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इसका उद्देश्य देश में दहशत फैलाना और बड़े हमले की पूर्व तैयारी हो सकता है। केंद्र सरकार ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया है ताकि किसी संभावित साजिश को समय रहते रोका जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में साफ निर्देश दिए कि इस हमले में शामिल हर व्यक्ति को सख्त सजा दी जाए। उन्होंने एजेंसियों को सीमा पार से आने वाले संचार नेटवर्क, धन के प्रवाह और संदिग्ध कड़ियों की गहन जांच करने के आदेश दिए। गृह मंत्रालय ने राज्यों को भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में निगरानी तेज करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच, एनआईए ने घटनास्थल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल सिम और सीसीटीवी फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह ब्लास्ट किसी बड़े आतंकी नेटवर्क की कोशिश का हिस्सा हो सकता है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए समन्वित रणनीति अपनाई जाएगी।