केंद्र सरकार ने भारत के निर्यातकों को मजबूती देने के लिए बड़ा आर्थिक पैकेज घोषित किया है। बुधवार, 13 नवंबर 2025 को वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि निर्यातकों को अब ₹20,000 करोड़ तक का कोलेटरल फ्री लोन (बिना गारंटी ऋण) मिलेगा, जिसकी पूरी 100% गारंटी सरकार स्वयं लेगी। यह फैसला ऐसे समय आया है जब वैश्विक व्यापार में मंदी और अमेरिकी टैरिफ नीतियों ने भारतीय निर्यात पर दबाव बढ़ा दिया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह योजना माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एक्सपोर्टर्स (MSMEs) के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगी, ताकि वे पूंजी संकट के बिना अपने कारोबार का विस्तार कर सकें। सरकार इस योजना के तहत ब्याज दर को भी नियंत्रित रखेगी ताकि ऋण सुलभ और किफायती हो। इसके साथ ही, अमेरिका के साथ हुई नई व्यापारिक बातचीत में भारत को 50% टैरिफ छूट मिली है, जो विशेष रूप से वस्त्र, रसायन और फार्मा सेक्टर के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक समीक्षा बैठक के बाद लिया गया। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि निर्यात भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रमुख इंजन है और इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाने के लिए नीतिगत सहूलियतें जरूरी हैं।
वाणिज्य मंत्रालय ने भी संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में निर्यातकों को डिजिटल सपोर्ट, क्रेडिट गारंटी विस्तार और लॉजिस्टिक सुधार जैसी अतिरिक्त सुविधाएं मिल सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल भारतीय निर्यातकों को राहत देगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने निर्यात परिषदों को निर्देश दिया है कि वे छोटे उद्यमों को नए बाजारों तक पहुंचाने में मदद करें और उन्हें अमेरिकी तथा यूरोपीय मानकों के अनुरूप उत्पाद विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें।
यह योजना 1 दिसंबर 2025 से लागू होगी और उम्मीद है कि इससे करीब 40,000 छोटे व मध्यम निर्यातकों को सीधे लाभ मिलेगा।