दिल्ली में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रशासन की सख्ती का असर अब ज़मीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। 18 दिसंबर 2025 को लागू की गई कड़ी निगरानी और अभियान के पहले ही दिन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) को लेकर रिकॉर्ड गतिविधि दर्ज की गई। राजधानी में एक ही दिन में करीब 61 हजार PUCC जारी किए गए, जो यह दर्शाता है कि वाहन चालकों में नियमों के पालन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। वहीं, नियमों का उल्लंघन करने वाले 3700 से अधिक वाहनों के चालान काटे गए, जिससे साफ है कि प्रशासन किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।
दिल्ली लंबे समय से गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। सर्दियों के मौसम में हालात और बिगड़ जाते हैं, जब स्मॉग की मोटी चादर शहर को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। ऐसे में सरकार और प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर सख्ती बढ़ाई है। PUCC जांच अभियान इसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि राजधानी में वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी बड़ी मानी जाती है।
अभियान के तहत ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमें प्रमुख सड़कों, चौराहों और व्यस्त इलाकों में तैनात रहीं। बिना वैध PUCC पाए जाने पर मौके पर ही चालान काटे गए। कई मामलों में पुराने या अमान्य प्रमाणपत्र दिखाने पर भी कार्रवाई की गई। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आने वाले दिनों में और तेज़ किया जाएगा, ताकि हर वाहन पर्यावरण मानकों का पालन करे।
प्रशासन के अनुसार, पहले दिन जारी हुए 61 हजार PUCC यह संकेत देते हैं कि बड़ी संख्या में वाहन चालक नियमों के तहत अपने दस्तावेज़ अपडेट कराने आगे आए। इससे न सिर्फ नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि प्रदूषण के स्तर में कमी लाने में भी मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तरह की सख्ती लगातार जारी रहती है, तो दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार संभव है।
हालांकि, आम जनता की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पर्यावरणविदों का कहना है कि केवल चालान और कार्रवाई से ही समस्या का समाधान नहीं होगा। लोगों को सार्वजनिक परिवहन अपनाने, कारपूलिंग करने और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ने की भी ज़रूरत है। इसके साथ ही नियमित वाहन सर्विसिंग और वैध PUCC रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
कुल मिलाकर, दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर दिखाई गई यह सख्ती एक सकारात्मक संकेत है। यदि प्रशासन की यह मुहिम निरंतर और पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ती रही, तो आने वाले समय में राजधानी को जहरीली हवा से राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है।