उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के दोहरे प्रकोप से जूझ रहा है। पहाड़ों से उतर रही बर्फीली हवाओं ने मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ा दी है। दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में सुबह और रात के समय घना कोहरा लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कई जिलों में घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे जनजीवन और यातायात दोनों प्रभावित होने की आशंका है।
राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है। कई इलाकों में दृश्यता बेहद कम दर्ज की गई, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ। एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन रेंगते नजर आए, जबकि कुछ ट्रेनों और उड़ानों पर भी कोहरे का असर पड़ा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक सुबह के समय कोहरे की तीव्रता बनी रह सकती है।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, आगरा और प्रयागराज समेत कई शहरों में शीतलहर का असर तेज है। ठंडी हवाओं के साथ घना कोहरा किसानों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। प्रशासन ने वाहन चालकों को सावधानी बरतने, फॉग लाइट का उपयोग करने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
वहीं, पहाड़ी राज्यों में मौसम का मिजाज अलग है। जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर बर्फबारी की संभावना जताई गई है। गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग और कुपवाड़ा जैसे क्षेत्रों में बर्फ पड़ने से तापमान और गिर सकता है। कश्मीर घाटी में शीतकालीन ‘चिल्लई कलां’ के प्रभाव से ठंड चरम पर पहुंच रही है। बर्फबारी से जहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, वहीं दुर्गम इलाकों में आवागमन बाधित होने की आशंका भी बनी हुई है।
मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत में ठंड का यह दौर कुछ और दिन जारी रह सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने, गर्म कपड़े पहनने और सुबह-शाम बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।