Saturday, May 31, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

संपादकीय

Northeast cut off from mainstream economy: Now is the time for change!: अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से कटा पूर्वोत्तर: अब वक्त है बदलाव का!

May 26, 2025 09:18 PM

 भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़  

जी हां इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र न केवल भौगोलिक दृष्टि से दूरस्थ है, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी। वह लंबे समय तक मुख्यधारा के विकास मॉडल से कटकर रहा है। हालाँकि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने, कनेक्टिविटी सुधारने और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं, परंतु चुनौतियाँ अब भी जटिल और बहुआयामी हैं। वर्तमान परिस्थिति में यह आवश्यक हो गया है कि भारत अपने पूर्वोत्तर को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में केवल जोड़ने का प्रयास न करे, बल्कि उसे विकास के नेतृत्वकारी मॉडल में रूपांतरित करे — ऐसा मॉडल जो स्थानीय आवश्यकताओं, सांस्कृतिक विविधता और पर्यावरणीय संतुलन के अनुरूप हो। आइये समझते हैं पूर्वोत्तर भारत: रणनीतिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण कैसे है। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर भारत की 98% सीमाएँ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरी हुई हैं, जो चीन, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल से सटी हैं। यह क्षेत्र चीन के प्रभाव को संतुलित करने और भारत की हिंद-प्रशांत नीति को क्रियान्वित करने के लिहाज से रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। 2017 में डोकलाम गतिरोध और चिकन नेक क्षेत्र की भौगोलिक भेद्यता ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि पूर्वोत्तर अस्थिर रहता है, तो भारत की सुरक्षा नीति भी कमजोर हो सकती है। इतना ही नहीं पूर्वोत्तर में विशाल मात्रा में तेल, प्राकृतिक गैस और जलविद्युत की क्षमता मौजूद है। अकेले अरुणाचल प्रदेश में ही 50,000 मेगावाट से अधिक जलविद्युत क्षमता आंकी गई है। इसके अतिरिक्त, अनुमानित 7,600 मिलियन मीट्रिक टन तेल समतुल्य में से अब तक मात्र 2,000 मिलियन मीट्रिक टन तेल समतुल्य का ही अन्वेषण हुआ है। यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा संक्रमण की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। पूर्वोत्तर भारत में 135 से अधिक जनजातियाँ निवास करती हैं, जिनकी अपनी-अपनी भाषाएँ, पहनावा, रीति-रिवाज़ और लोक कला हैं। यह सांस्कृतिक बहुलता दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को सशक्त करती है।नॉर्थ-ईस्ट फेस्टिवल (2022) में 100 से अधिक एम एस एम ईज़ की भागीदारी से न केवल पर्यटन बल्कि हस्तशिल्प निर्यात को भी नई गति मिली। पूर्वोत्तर भारत भारत-बर्मा जैवविविधता हॉटस्पॉट में स्थित है। यहाँ हूलॉक गिब्बन, एक सींग वाला गैंडा और रेड पांडा जैसी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। अरुणाचल प्रदेश वन क्षेत्र के मामले में भारत में दूसरे स्थान पर है।यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भारत के प्रयासों का आधार बन सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी  का आधार है। भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अन्य संपर्क परियोजनाएँ एसियान देशों के साथ व्यापार को सुलभ बनाएंगी। पूर्वोत्तर भारत की कई प्रमुख चुनौतियाँ भी हैं। यह सच है कि पूर्वोत्तर में दशकों से कई जनजातीय समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा, असमान संसाधन वितरण और पहचान की राजनीति ने उग्रवाद को जन्म दिया है। मणिपुर संकट इसका ताज़ा उदाहरण है, जहाँ जातीय संघर्षों ने सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर दिया। सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम का लंबे समय तक लागू रहना यह दर्शाता है कि राज्य अब भी अस्थिरता से ग्रस्त है। सड़क, रेल, वायु और डिजिटल कनेक्टिविटी की भारी कमी के कारण यह क्षेत्र मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से अलग-थलग पड़ गया है।पूर्वोत्तर में इंटरनेट एक्सेस केवल 43% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 55% है। वर्ष 2014 से 2023 तक केवल 4950 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का विस्तार हुआ है, लेकिन रेल संपर्क अभी भी सीमित है। पूर्वोत्तर की 5,182 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और फेंसिंग की कमी से अवैध आप्रवासन, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी होती है। भारत-म्यांमार सीमा पर अभी तक फेंसिंग अधूरी है, जिससे रोहिंग्याओं जैसे समूहों की घुसपैठ जारी है।जलविद्युत और खनन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में स्थानीय समुदायों की सहमति को दरकिनार कर दिया गया है। इससे पर्यावरणीय असंतुलन के साथ-साथ सामाजिक विरोध भी बढ़ा है। सियांग नदी पर नियोजित जलविद्युत परियोजना से स्थानीय समुदायों में विस्थापन और सांस्कृतिक नुकसान का डर व्याप्त है। पूर्वोत्तर के राज्यों में भूमि स्वामित्व को लेकर स्पष्टता का अभाव है। इससे विकास परियोजनाओं को मंजूरी देने और अमल में लाने में बाधा आती है। असम-मेघालय सीमा विवाद में कई आयोगों की रिपोर्ट के बावजूद कोई सर्वमान्य समाधान नहीं निकल सका है। गर हम समाधान की बात करें तो इस दिशा में संभावित उपाय कई हैं जैसे पूर्वोत्तर के विकास में स्थानीय लोगों को भागीदार बनाना होगा। केंद्र द्वारा थोपी गई योजनाओं के बजाय जनजातीय स्वायत्तता और स्थानीय आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाए।मिज़ोरम में ग्राम परिषद आधारित निर्णय प्रक्रिया और नगालैंड की पारंपरिक संस्थाओं को सशक्त करने से विकास में स्थानीय स्वामित्व बना है। शांति वार्ता केवल राज्य और विद्रोही गुटों के बीच न रहकर नागरिक समाज, महिलाओं, युवाओं और धार्मिक नेताओं को भी शामिल करके होनी चाहिए। पूर्वोत्तर को भारत के औद्योगिक हब, बंदरगाहों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों से जोड़ने वाली कनेक्टिविटी परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करना होगा। इंफाल से मोरे और फिर म्यांमार तक सड़क मार्ग को एसियान कनेक्टिविटी का मुख्य गलियारा बनाया जा सकता है। डिजिटल डिवाइड को पाटने के लिए ब्रॉडबैंड, मोबाइल कनेक्टिविटी और डिजिटल शिक्षा की पहुँच गाँवों तक होनी चाहिए। इससे युवाओं को रोजगार, स्वास्थ्य और वित्तीय सेवाओं तक सीधा पहुँच मिलेगी। विकास परियोजनाओं से पहले पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन और स्थानीय जनसहमति को बाध्यकारी बनाना चाहिए। ग्रीन इनफ्रास्ट्रक्चर की अवधारणा को अपनाया जाना चाहिए। इंटरनेशनल बॉर्डर पर स्मार्ट फेंसिंग, ड्रोन निगरानी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। स्थानीय एम एस एम ईज़, हस्तशिल्प, पर्यटन, बांस और जैविक कृषि जैसे क्षेत्रीय संसाधनों को बढ़ावा देकर स्थानीय रोजगार सृजन किया जा सकता है। त्रिपुरा में बांस आधारित उद्योगों ने हज़ारों युवाओं को स्वरोजगार दिया है।अंत में कह सकते हैं कि भारत की संप्रभुता और समृद्धि पूर्वोत्तर के आत्मनिर्भर विकास से जुड़ी है। पूर्वोत्तर भारत को केवल एक 'सीमा क्षेत्र' के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उसे भारत की विविधता, शक्ति और विकास की आधारशिला के रूप में मान्यता देनी चाहिए। इसके लिए एक ऐसा विकास मॉडल आवश्यक है जो स्थानीय संसाधनों, समुदायों और आकांक्षाओं को केंद्र में रखे।भारत की क्षेत्रीय अखंडता, ऊर्जा सुरक्षा, पारिस्थितिक संतुलन और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति – सब कुछ पूर्वोत्तर के सक्षम और समावेशी विकास से जुड़ा है।

 

Have something to say? Post your comment

और संपादकीय समाचार

India's global role in balancing principle and pragmatism: सिद्धांत और व्यावहारिकता के संतुलन में भारत की वैश्विक भूमिका

India's global role in balancing principle and pragmatism: सिद्धांत और व्यावहारिकता के संतुलन में भारत की वैश्विक भूमिका

we are safe only when everyone is safe: देश में कोरोना के 1200 से अधिक केस, अब तक 12 मौतों के बावजूद याद रखने वाली अहम बात-हम सुरक्षित तभी हैं जब हर कोई सुरक्षित है

we are safe only when everyone is safe: देश में कोरोना के 1200 से अधिक केस, अब तक 12 मौतों के बावजूद याद रखने वाली अहम बात-हम सुरक्षित तभी हैं जब हर कोई सुरक्षित है

Need to create a well-organized integrated urban network at the national level: विकसित भारत के लक्ष्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुव्यवस्थित एकीकृत शहरी नेटवर्क  बनाने की जरूरत

Need to create a well-organized integrated urban network at the national level: विकसित भारत के लक्ष्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुव्यवस्थित एकीकृत शहरी नेटवर्क बनाने की जरूरत

Corona's return?: कोरोना की वापसी? देश में दो दिन में दो मौतें, नए वैरिएंट्स पर बढ़ी चिंता, डरने की जरूरत नहीं मगर एहतियात फिर भी जरूरी

Corona's return?: कोरोना की वापसी? देश में दो दिन में दो मौतें, नए वैरिएंट्स पर बढ़ी चिंता, डरने की जरूरत नहीं मगर एहतियात फिर भी जरूरी

We need efficiency in logistics sector to take our exports to US$ 2 trillion: हमें निर्यात को 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने के लिए लॉजिस्टिक्स सेक्टर में पानी होगी दक्षता

We need efficiency in logistics sector to take our exports to US$ 2 trillion: हमें निर्यात को 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने के लिए लॉजिस्टिक्स सेक्टर में पानी होगी दक्षता

Corona is spreading again in India: भारत में फिर पैर पसारने लगा कोरोना : जे एन.1 वेरिएंट से खतरे की आहट

Corona is spreading again in India: भारत में फिर पैर पसारने लगा कोरोना : जे एन.1 वेरिएंट से खतरे की आहट

"India is becoming a global hub of Artificial Intelligence – are you ready for this revolution?" "भारत बन रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ग्लोबल हब – क्या आप तैयार हैं इस क्रांति के लिए?"

India-GCC relations: Important in view of energy security, economic development and regional stability: भारत-जी सी सी संबंध: ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के मद्देनजर खासे महत्वपूर्ण

India-GCC relations: Important in view of energy security, economic development and regional stability: भारत-जी सी सी संबंध: ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के मद्देनजर खासे महत्वपूर्ण

Ethanol is becoming a very effective medium towards making India a self-reliant energy nation: इथेनॉल बन रहा है भारत को आत्मनिर्भर ऊर्जा राष्ट्र बनाने की दिशा में एक बेहद प्रभावशाली माध्यम

Ethanol is becoming a very effective medium towards making India a self-reliant energy nation: इथेनॉल बन रहा है भारत को आत्मनिर्भर ऊर्जा राष्ट्र बनाने की दिशा में एक बेहद प्रभावशाली माध्यम

Beluchistan seeks support from India: बेलुचिस्तान ने भारत से मांगा समर्थन: आज़ादी की ओर बढ़ता एक संघर्षशील राष्ट्र

Beluchistan seeks support from India: बेलुचिस्तान ने भारत से मांगा समर्थन: आज़ादी की ओर बढ़ता एक संघर्षशील राष्ट्र

By using our site, you agree to our Terms & Conditions and Disclaimer     Dismiss