पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आई भीषण बाढ़ ने नारोवाल जिले को बुरी तरह प्रभावित किया है। बाढ़ के पानी में करतारपुर साहिब कॉरिडोर पूरी तरह डूब गया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि गुरुद्वारा दरबार साहिब में स्थापित गुरु ग्रंथ साहिब सुरक्षित है। प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने समय रहते पवित्र ग्रंथ को ऊंचे स्थान पर सुरक्षित कर दिया।
नारोवाल में भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। बाढ़ का पानी करतारपुर कॉरिडोर परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुंच चुका है। पार्किंग क्षेत्र, यात्री सुविधाएं और आसपास के इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इस कारण से भारत और पाकिस्तान के बीच कॉरिडोर के जरिए श्रद्धालुओं की आवाजाही को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं। कई इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पाकिस्तान की आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने नारोवाल सहित आसपास के जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर भारत और पाकिस्तान के बीच एक धार्मिक और भावनात्मक सेतु है। 2019 में शुरू हुआ यह कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बाढ़ के कारण इसके बंद होने से हजारों श्रद्धालु निराश हुए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार हो रही भारी बारिश और जल निकासी की अपर्याप्त व्यवस्था से हालात और बिगड़ सकते हैं। फिलहाल मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक नारोवाल और आसपास के इलाकों में और बारिश की चेतावनी दी है।
गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब को ऊंची मंजिल पर स्थानांतरित कर दिया गया है और पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सोशल मीडिया पर बाढ़ग्रस्त करतारपुर कॉरिडोर की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं में चिंता बढ़ गई है।