दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से छोड़े गए पानी ने राजधानी की चिंता बढ़ा दी है। हालात को संभालने के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है और बाढ़ से बचाव के लिए छह सुरक्षा कवच (Flood Defence Mechanisms) सक्रिय कर दिए गए हैं।
यमुना का जलस्तर खतरे से ऊपर
मौसम विभाग और बाढ़ नियंत्रण प्राधिकरण के अनुसार, यमुना का जलस्तर मंगलवार देर रात 207 मीटर से ऊपर पहुंच गया। यह खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा और बढ़ गया है। विशेष रूप से आईटीओ, कश्मीरी गेट, मजनूं का टीला और यमुना बाजार क्षेत्र को संवेदनशील घोषित किया गया है।
बाढ़ रोकने के लिए छह कवच
राजधानी को बाढ़ से बचाने के लिए दिल्ली सरकार और प्रशासन ने छह प्रमुख उपाय लागू किए हैं—
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अस्थायी तटबंधों की मजबूती: रेत के बोरों और मिट्टी से यमुना किनारे अस्थायी बैरिकेडिंग।
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पंपिंग स्टेशन अलर्ट: निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए पंपिंग स्टेशनों को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है।
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नौकाओं और रेस्क्यू टीमों की तैनाती: एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं।
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सुरक्षित शिविर: बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकाले जा रहे लोगों के लिए अस्थायी शिविर और चिकित्सा सुविधाएं।
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पानी छोड़ने पर निगरानी: हरियाणा से हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
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आईटी सिस्टम मॉनिटरिंग: जलस्तर की लगातार ऑनलाइन मॉनिटरिंग और अलर्ट सिस्टम की व्यवस्था।
निचले इलाकों से लोगों का स्थानांतरण
दिल्ली प्रशासन ने यमुना किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजना शुरू कर दिया है। अब तक हजारों लोग अस्थायी राहत शिविरों में पहुंचाए जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि इन शिविरों में दवाइयों, स्वच्छ पेयजल और भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। ऐसे में जलस्तर और बढ़ने की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
राजधानी में यमुना का उफान एक बार फिर खतरे की घंटी बजा रहा है। हालांकि प्रशासन ने छह मजबूत सुरक्षा कवच के सहारे हालात से निपटने की तैयारी कर ली है, लेकिन मौसम की चुनौती ने चिंता बढ़ा दी है। आने वाले दो दिन दिल्ली के लिए बेहद अहम साबित होंगे।