हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भारी बारिश की चपेट में है। लगातार हो रही वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य में अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़क धंसने जैसी घटनाओं ने हालात को और गंभीर बना दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि बीते 24 घंटों में शिमला, मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज किया गया है।
भूस्खलन और सड़क अवरुद्ध
भारी वर्षा के चलते जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। नेशनल हाईवे समेत कई मुख्य सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। मंडी और कुल्लू में तो हालात ऐसे हैं कि राहत व बचाव दल को भी प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अभी दो दिनों तक और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
शिक्षण संस्थान बंद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शिमला, मंडी, कुल्लू और चंबा समेत कई जिलों में बुधवार (3 सितंबर, 2025) को सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए फिलहाल स्कूल-कॉलेज खोलने का जोखिम नहीं लिया जाएगा।
बचाव और राहत कार्य
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं। कई जगह फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। आपातकालीन नंबर सक्रिय कर दिए गए हैं ताकि लोग तुरंत मदद मांग सकें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत सामग्री पहुंचाने और बेघर हुए लोगों के लिए अस्थायी शिविर बनाने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। खासतौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों और निचले इलाकों में अत्यधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विभाग ने कहा है कि नदियों और नालों के किनारे बसे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं से लगातार जूझ रहा है। हर बार की तरह इस बार भी भारी बारिश ने न सिर्फ जन-धन का नुकसान किया है बल्कि शिक्षा और आवागमन व्यवस्था को भी प्रभावित किया है। प्रशासन और सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि हालात जल्द सामान्य हों, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के चलते राहत की उम्मीद अभी थोड़ी दूर दिखाई दे रही है।