उत्तराखंड में बारिश ने गुरुवार को फिर कहर बरपाया। कई जिलों में बादल फटने और लगातार झमाझम से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों पर भूस्खलन और नदियों के उफान से सड़कों के टूटने के कारण संपर्क मार्ग बाधित हैं। प्रशासन ने आपदा नियंत्रण टीमों को अलर्ट पर रखा है और संवेदनशील इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
उत्तराखंड की स्थिति
देहरादून, टिहरी और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के चलते कई घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाने वाले मार्ग पर भूस्खलन से यात्री फंसे रहे। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह मलबा जमा होने से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश में संकट गहराया
हिमाचल में भी लगातार हो रही बारिश ने तबाही का रूप ले लिया है। शिमला, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में भूस्खलन से कई घर जमींदोज हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग-5 और 305 पर मलबा आने से यातायात पूरी तरह ठप है। भारी बारिश की वजह से ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है।
जम्मू-कश्मीर में भी असर
जम्मू-कश्मीर में भी आसमान से आफत बरस रही है। दक्षिण कश्मीर में पहलगाम और अनंतनाग क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। श्रीनगर-लेह हाईवे और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर फिसलन और मलबे की वजह से आवागमन बाधित है। पहलगाम में बाढ़ जैसी स्थिति के चलते पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है।
प्रशासन की तैयारियां और अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में अगले 48 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन दल लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं।
उत्तराखंड से लेकर हिमाचल और कश्मीर तक बारिश ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। पहाड़ों पर हो रही तबाही से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल राहत की उम्मीद कम है और आने वाले दिनों में लोगों को और अधिक सावधानी बरतनी होगी।