Thursday, September 11, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

संपादकीय

A unique confluence of crime and power: 47% of the country's ministers are involved in criminal cases!: अपराध और सत्ता का अनोखा संगम: देश के 47% मंत्री आपराधिक मामलों में फंसे !

September 05, 2025 07:58 PM

 भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़  

इस में कोई दो राय नहीं है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे बड़ी शक्ति उसका नेतृत्व होता है। जनता अपने प्रतिनिधियों को न केवल शासन की बागडोर सौंपती है, बल्कि उनसे आदर्श आचरण और जवाबदेही की भी अपेक्षा करती है। किंतु चुनाव सुधारों पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स  यानि एडीआर की ताज़ा रिपोर्ट ने भारतीय राजनीति की सच्चाई को एक बार फिर सामने ला दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 643 मंत्रियों में से 302 (47 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 174 मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों, जैसे हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आरोपी हैं। यह आंकड़ा न केवल चिंता का विषय है, बल्कि लोकतंत्र की साख और जनता के विश्वास के लिए भी खतरे की घंटी है। रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन विधेयक पेश किए हैं। इनमें प्रावधान है कि यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक मामले में दोष सिद्ध होकर 30 दिनों से अधिक जेल में रहता है, तो उसे पद से हटाना अनिवार्य होगा। लेकिन सवाल यह है कि जब तक दोषसिद्धि नहीं होती, तब तक गंभीर आरोपों में घिरे नेता सत्ता की कुर्सी पर कैसे बैठे रह सकते हैं? गर हम राजनीतिक पार्टियों के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो एडीआर ने जिन हलफनामों का विश्लेषण किया, उसमें भाजपा के 336 मंत्रियों में 136 (40 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज पाए गए, जिनमें से 88 (26 प्रतिशत) गंभीर अपराधों से जुड़े हैं। कांग्रेस की तस्वीर और भी चिंताजनक है—45 मंत्रियों में से 33 (74 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले हैं, जिनमें 18 (30 प्रतिशत) पर गंभीर आरोप हैं। द्रमुक (डी एम के) के 31 मंत्रियों में से 27 (87 प्रतिशत) पर आरोप हैं, जिनमें 14 गंभीर मामले शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस के 40 मंत्रियों में 13 (33 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले और 8 (20 प्रतिशत) पर गंभीर मामले दर्ज हैं। सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा तेलुगु देशम पार्टी (टी डी पी) का है—इसके 23 में से 22 (96 प्रतिशत) मंत्रियों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी है, जिनमें से 13 गंभीर आरोप झेल रहे हैं। आम आदमी पार्टी भी इससे अछूती नहीं है। उसके 16 में से 11 (69 प्रतिशत) मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं और पांच (31 प्रतिशत) पर गंभीर आरोप हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 72 केंद्रीय मंत्रियों में से 29 (40 प्रतिशत) आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। वहीं 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों—आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी—में मंत्रियों का 60 प्रतिशत से अधिक आपराधिक मामलों में फंसा हुआ है।

इसके विपरीत, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड और उत्तराखंड जैसे राज्यों के मंत्रियों ने अपने खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं होने की सूचना दी है। यह असमानता बताती है कि राजनीति में अपराधीकरण की जड़ें कितनी गहरी और असमान रूप से फैली हुई हैं। एडीआर ने रिपोर्ट में मंत्रियों की संपत्ति का भी विश्लेषण किया है। औसतन प्रत्येक मंत्री की संपत्ति 37.21 करोड़ रुपये है, जबकि सभी 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति करीब 23,929 करोड़ रुपये है। 30 विधानसभाओं में से 11 में अरबपति मंत्री हैं। कर्नाटक में सबसे अधिक आठ, आंध्र प्रदेश में छह और महाराष्ट्र में चार अरबपति मंत्री मौजूद हैं। देश के सबसे अमीर मंत्री टीडीपी के डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी हैं, जिनकी संपत्ति 5,705 करोड़ रुपये से अधिक है। कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार 1,413 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू 931 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति के मालिक हैं। वहीं दूसरी ओर, त्रिपुरा के मंत्री शुक्ला चरण नोआतिया ने मात्र दो लाख रुपये और पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरबाहा हांसदा ने तीन लाख रुपये से कुछ अधिक की संपत्ति घोषित की है। यह विषमता राजनीति में आर्थिक असमानता और धनबल की भूमिका पर सवाल खड़े करती है। एडीआर की पिछली रिपोर्ट ने बताया था कि देश के 40 प्रतिशत मुख्यमंत्रियों पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी 89 मामलों के साथ सबसे ऊपर हैं। उनके बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (47 मामले), आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (19 मामले), कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (13 मामले) और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (5 मामले) आते हैं। इस से स्पष्ट है कि भारतीय राजनीति में अपराधीकरण की समस्या कितनी व्यापक है। एक तरफ आम जनता अपराध-मुक्त समाज और पारदर्शी शासन की उम्मीद करती है, दूसरी तरफ गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे नेता न केवल चुनाव लड़ते हैं बल्कि मंत्रीपद की शपथ भी लेते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे हालात में लोकतंत्र की नैतिकता बची रह सकती है? गर इस समस्या के हल की बात करें तो इनके लिए केवल कानून बनाना पर्याप्त नहीं है। चुनाव आयोग को कठोर नियम लागू करने होंगे ताकि गंभीर मामलों में आरोपित व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोका जा सके। राजनीतिक दलों को भी आत्मनिरीक्षण करना होगा और उम्मीदवार चयन में नैतिकता को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही, जनता को भी ऐसे उम्मीदवारों को नकारने की जागरूकता विकसित करनी होगी जिन पर गंभीर आरोप हैं। भारतीय लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं, लेकिन उन पर अपराध और धनबल का साया दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। लोकतंत्र की विश्वसनीयता तभी सुरक्षित रहेगी, जब जनता के प्रतिनिधि न केवल विधिक रूप से, बल्कि नैतिक रूप से भी बेदाग हों।

 

 

Have something to say? Post your comment

और संपादकीय समाचार

After Oli, Sushila Karki is front runner for the interim PM, hopes of improving relations between Nepal and India have risen: ओली के बाद सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री के पद के लिए सबसे बड़ी दावेदार, नेपाल-भारत के बीच रिश्ते सुधरनें की जगीं उम्मीदें

After Oli, Sushila Karki is front runner for the interim PM, hopes of improving relations between Nepal and India have risen: ओली के बाद सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री के पद के लिए सबसे बड़ी दावेदार, नेपाल-भारत के बीच रिश्ते सुधरनें की जगीं उम्मीदें

CP Radhakrishnan becomes the 15th Vice President of India: BJP's strategic victory will change the political equation!: सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति: भाजपा की रणनीतिक जीत से बदलेगा राजनीतिक समीकरण!

CP Radhakrishnan becomes the 15th Vice President of India: BJP's strategic victory will change the political equation!: सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति: भाजपा की रणनीतिक जीत से बदलेगा राजनीतिक समीकरण!

Why is the anger of the youth simmering from Dhaka to Kathmandu?: ढाका से काठमांडू तक क्यों सुलग रहा युवाओं का गुस्सा?

Why is the anger of the youth simmering from Dhaka to Kathmandu?: ढाका से काठमांडू तक क्यों सुलग रहा युवाओं का गुस्सा?

Silicosis – a ‘silent killer’ disease that is taking away the lives of mining workers: Now the government needs to take appropriate and strict steps: खनन मजदूरों की सांसें छीन रही ‘साइलेंट किलर’ बीमारी– सिलिकोसिस : अब सरकार से उचित व कड़े कदम उठाने की दरकार

Silicosis – a ‘silent killer’ disease that is taking away the lives of mining workers: Now the government needs to take appropriate and strict steps: खनन मजदूरों की सांसें छीन रही ‘साइलेंट किलर’ बीमारी– सिलिकोसिस : अब सरकार से उचित व कड़े कदम उठाने की दरकार

Diplomacy of leniency and friendship in India-US trade war or a new game?: बाबू जी धीरे चलना ..ज़रा संभलना-बड़े धोखे हैं इस राह मेः भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध में नरमी-दोस्ती की डिप्लोमेसी या नया खेल?

Diplomacy of leniency and friendship in India-US trade war or a new game?: बाबू जी धीरे चलना ..ज़रा संभलना-बड़े धोखे हैं इस राह मेः भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध में नरमी-दोस्ती की डिप्लोमेसी या नया खेल?

Coral microatolls reveal the secret: Sea level in Indian Ocean is rising faster than expected, Maldives-Lakshadweep on the verge of sinking!: कोरल माइक्रोएटोल्स ने खोला राज़: हिंद महासागर में उम्मीद से तेज़ बढ़ रहा समुद्र-स्तर, डूबने की कगार पर मालदीव-लक्षद्वीप !

Coral microatolls reveal the secret: Sea level in Indian Ocean is rising faster than expected, Maldives-Lakshadweep on the verge of sinking!: कोरल माइक्रोएटोल्स ने खोला राज़: हिंद महासागर में उम्मीद से तेज़ बढ़ रहा समुद्र-स्तर, डूबने की कगार पर मालदीव-लक्षद्वीप !

Distance from America, closeness to Russia-China: Will India's global future really change?: अमरीका से दूरी, रूस-चीन से नजदीकी: क्या सच में बदल जाएगा भारत का वैश्विक भविष्य?

Distance from America, closeness to Russia-China: Will India's global future really change?: अमरीका से दूरी, रूस-चीन से नजदीकी: क्या सच में बदल जाएगा भारत का वैश्विक भविष्य?

Helmet before fuel! UP government's historic step to save millions of lives: ईंधन से पहले हेलमेट ! यू पी सरकार का ऐतिहासिक कदम लाखों जिंदगियां बचाने की तैयारी

Helmet before fuel! UP government's historic step to save millions of lives: ईंधन से पहले हेलमेट ! यू पी सरकार का ऐतिहासिक कदम लाखों जिंदगियां बचाने की तैयारी

Signs of new global power: China-Russia-India give a befitting reply to Trump through BRICS in SCO: नई वैश्विक ताकत के संकेत: एस सी ओ  में चीन-रूस-भारत का ट्रंप को ब्रिक्स के जरिए करारा जवाब

Signs of new global power: China-Russia-India give a befitting reply to Trump through BRICS in SCO: नई वैश्विक ताकत के संकेत: एस सी ओ में चीन-रूस-भारत का ट्रंप को ब्रिक्स के जरिए करारा जवाब

New India-China diplomacy in Tianjin amid Trump tariff war, pressure on America: ट्रंप टैरिफ वार के बीच तियानजिन में भारत-चीन की नई कूटनीति, अमेरिका पर दबाव

New India-China diplomacy in Tianjin amid Trump tariff war, pressure on America: ट्रंप टैरिफ वार के बीच तियानजिन में भारत-चीन की नई कूटनीति, अमेरिका पर दबाव

By using our site, you agree to our Terms & Conditions and Disclaimer     Dismiss