Friday, October 03, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

संपादकीय

Trump's 100% tax on pharmaceuticals threatens Indian companies' survival!: ट्रंप द्वारा दवाओं पर 100% टैक्स से भारतीय कंपनियों के सामने अस्तित्व का संकट ! मोदी सरकार के लिए कड़ा इम्तिहान

September 26, 2025 08:01 PM

भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़   

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी माहौल में एक बार फिर से भारतीय उद्योगों को झटका देने वाला फैसला किया है। इस बार निशाने पर है भारतीय दवा उद्योग, जो लंबे समय से अमेरिकी बाज़ार पर अपनी पकड़ बनाए हुए है। ट्रंप ने घोषणा की है कि भारतीय दवाओं पर अब 100% टैरिफ लगाया जाएगा। यह फैसला न केवल भारतीय कंपनियों के लिए आर्थिक संकट का संकेत है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य बाज़ार पर भी दूरगामी असर डाल सकता है। सवाल यह है कि मोदी सरकार और भारतीय उद्योग जगत इस असहनीय दबाव का सामना कैसे करेंगे? याद रहे डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल (2017-2021) में भी "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत कई बार भारतीय आईटी और फार्मा कंपनियों को निशाना बना चुके थे। अब एक बार फिर से उन्होंने चुनावी राजनीति के लिए संरक्षणवादी रुख अपनाया है। अमेरिकी मतदाताओं को यह संदेश दिया जा रहा है कि ट्रंप अमेरिकी कंपनियों और रोज़गार की रक्षा करेंगे। मगर असल में यह फैसला अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकता है क्योंकि भारत से आयातित दवाएं अपेक्षाकृत सस्ती होती हैं। यह सच है कि भारत दुनिया का "फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड" कहलाता है। यहाँ बनी जेनेरिक दवाएं न केवल अमेरिका बल्कि अफ्रीका, यूरोप और एशिया के कई देशों में लाखों-करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बचाती हैं। अमेरिकी बाज़ार भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। अनुमान है कि भारत हर साल लगभग 8-10 अरब डॉलर की दवाएं अमेरिका को निर्यात करता है। इनमें कैंसर, डायबिटीज़, एचआईवी और ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों की सस्ती दवाएं शामिल हैं। ऐसे में ट्रंप का यह कदम भारतीय निर्यात पर सीधा प्रहार है। दूसरी ओर भारत पर इस टैरिफ का असर गहरा हो सकता है। 2025 की पहली छमाही में ही भारत ने अमेरिका को करीब 3.7 अरब डॉलर (32,505 करोड़ रुपये) की दवाएं निर्यात कीं, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 3.6 अरब डॉलर (31,626 करोड़ रुपये) रहा। यानी अमेरिकी बाज़ार भारत के लिए लगातार बड़ा और स्थिर राजस्व स्रोत रहा है। प्रमुख कंपनियां—डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, ल्यूपिन और ऑरोबिंदो फार्मा—अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिका से हासिल करती हैं। 100% टैरिफ लागू होने पर इन कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त खत्म होगी और राजस्व में गिरावट से पूरे भारतीय फार्मा उद्योग को झटका लग सकता है। ट्रंप का फैसला केवल भारतीय कंपनियों को ही नहीं, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचाएगा। भारत से आयातित दवाएं अमेरिकी उपभोक्ताओं को किफ़ायती दामों पर उपलब्ध होती हैं। 100% टैरिफ लगने के बाद उनकी कीमतें दोगुनी हो जाएंगी। इसका सीधा असर अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ेगा, खासकर उन मरीजों पर जो बीमा कवर के बिना महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर होंगे। यह फैसला अमेरिकी समाज में भी बहस का विषय बन सकता है। इससे मोदी सरकार के लिए चुनौती होना लाजमी है। भारत सरकार के सामने अब बड़ी चुनौती है। एक तरफ उसे अमेरिकी प्रशासन के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत करनी होगी ताकि इस फैसले को रोका जा सके। दूसरी तरफ उसे भारतीय कंपनियों के लिए वैकल्पिक बाज़ार तलाशने होंगे। मोदी सरकार "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" की बात करती रही है, मगर दवा उद्योग का वैश्विक व्यापार इतना जटिल है कि केवल घरेलू बाज़ार पर निर्भर रहना संभव नहीं। सरकार के पास कुछ विकल्प हैं— अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों में दबाव बनाना। यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाज़ारों में निर्यात बढ़ाना। घरेलू स्तर पर अनुसंधान और विकास में निवेश को प्रोत्साहित करना ताकि भारतीय कंपनियां हाई-एंड दवाओं का उत्पादन कर सकें। विश्व व्यापार संगठन में इस मुद्दे को उठाना। यह फैसला भारत-अमेरिका संबंधों की गर्मजोशी पर भी सवाल खड़ा करता है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग गहरा हुआ है। मगर जब भी आर्थिक हितों की बात आती है, अमेरिकी राजनीति अक्सर संरक्षणवादी हो जाती है। ट्रंप के इस रुख से यह साफ हो गया है कि भारत को केवल दोस्ती और साझेदारी की बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी। दूसरी ओर भारतीय दवा उद्योग के भविष्य की बात करें तो भारत का दवा उद्योग केवल निर्यात पर निर्भर नहीं है, बल्कि देश की अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए भी अहम है। अगर कंपनियों के मुनाफ़े पर असर पड़ेगा, तो इसका असर अनुसंधान और उत्पादन क्षमता पर भी पड़ेगा। इससे भारत की दवा कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, यह संकट भारतीय कंपनियों को नए अवसर भी दे सकता है। चीन और रूस जैसे बाज़ारों में भारत अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है। साथ ही, बायोटेक्नोलॉजी और वैक्सीन के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर काम करने का मौका मिलेगा। अंत में कह सकते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने का फैसला न केवल भारतीय कंपनियों बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी खतरे की घंटी है। यह कदम अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचाएगा। भारत सरकार को अब संतुलित और आक्रामक रणनीति अपनानी होगी। मोदी सरकार के लिए यह समय केवल बयानबाज़ी का नहीं, बल्कि ठोस कूटनीतिक और आर्थिक कदम उठाने का है। दुनिया की "फार्मेसी" कहलाने वाले भारत को यह साबित करना होगा कि वह केवल अमेरिकी बाज़ार पर निर्भर नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य की अनिवार्य धुरी है। यह संकट भारत के लिए चुनौती भी है और अवसर भी।

 

Have something to say? Post your comment

और संपादकीय समाचार

 Question on the value of every vote: Why is it necessary to clean up the voter list?: हर वोट की कीमत पर सवाल: क्यों जरूरी है मतदाता सूची की सफाई?

Question on the value of every vote: Why is it necessary to clean up the voter list?: हर वोट की कीमत पर सवाल: क्यों जरूरी है मतदाता सूची की सफाई?

Democracy's biggest challenge—the battle for accurate voter lists: लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती—सटीक मतदाता सूची की जंग

Democracy's biggest challenge—the battle for accurate voter lists: लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती—सटीक मतदाता सूची की जंग

Bollywood's drug empire! Cocaine worth 35 crores seized, police failure questioned: बॉलीवुड में ड्रग्स का साम्राज्य! 35 करोड़ की कोकीन बरामद, पुलिस की नाकामी पर उठे सवाल

Bollywood's drug empire! Cocaine worth 35 crores seized, police failure questioned: बॉलीवुड में ड्रग्स का साम्राज्य! 35 करोड़ की कोकीन बरामद, पुलिस की नाकामी पर उठे सवाल

Trump's tariff war shakes America's 'Mini India', Diwali celebrations threatened! Government worried: ट्रंप के टैरिफ वार से हिला अमेरीका का ‘मिनी इंडिया’, दीपावली की रौनक पर संकट ! सरकार परेशान

Trump's tariff war shakes America's 'Mini India', Diwali celebrations threatened! Government worried: ट्रंप के टैरिफ वार से हिला अमेरीका का ‘मिनी इंडिया’, दीपावली की रौनक पर संकट ! सरकार परेशान

The unrest on the streets of Ladakh, demanding jobs, land, identity and full statehood, requires the immediate attention of the central government: नौकरी, ज़मीन, पहचान और पूर्ण राज्य का दर्जा मांगते लद्दाख की सड़कों के उबाल पर केंद्र सरकार को तुरंत ध्यान देने की जरूरत

The unrest on the streets of Ladakh, demanding jobs, land, identity and full statehood, requires the immediate attention of the central government: नौकरी, ज़मीन, पहचान और पूर्ण राज्य का दर्जा मांगते लद्दाख की सड़कों के उबाल पर केंद्र सरकार को तुरंत ध्यान देने की जरूरत

BSNL takes a big leap with 97,500 towers, transforming digital connectivity: 97,500 टावरों के साथ बी एस एन एल की बड़ी छलांग, डिजिटल कनेक्टिविटी में आएगा बदलाव

BSNL takes a big leap with 97,500 towers, transforming digital connectivity: 97,500 टावरों के साथ बी एस एन एल की बड़ी छलांग, डिजिटल कनेक्टिविटी में आएगा बदलाव

Why did the riots erupt in Ladakh – public anger or a pre-planned game?: लद्दाख में बवाल क्यों भड़का – जनता की नाराज़गी या पूर्व नियोजित खेल?

Why did the riots erupt in Ladakh – public anger or a pre-planned game?: लद्दाख में बवाल क्यों भड़का – जनता की नाराज़गी या पूर्व नियोजित खेल?

Parliament's masterstroke on fake news: Now false news will be curbed!: फेक न्यूज़ पर संसद का मास्टरस्ट्रोक: अब झूठी खबरों पर लगेगी लगाम !

Parliament's masterstroke on fake news: Now false news will be curbed!: फेक न्यूज़ पर संसद का मास्टरस्ट्रोक: अब झूठी खबरों पर लगेगी लगाम !

100% Tax Refusal: India and EU Together Writing a New Story of Global Stability: 100% टैक्स से इनकार: भारत-ईयू मिलकर लिख रहे वैश्विक स्थिरता की नई कहानी

100% Tax Refusal: India and EU Together Writing a New Story of Global Stability: 100% टैक्स से इनकार: भारत-ईयू मिलकर लिख रहे वैश्विक स्थिरता की नई कहानी

Modi's masterstroke on inflation! 99% of items attract less than 5% GST.: महंगाई पर मोदी का मास्टरस्ट्रोक ! 99% चीजें 5% से भी कम जी एस टी में

Modi's masterstroke on inflation! 99% of items attract less than 5% GST.: महंगाई पर मोदी का मास्टरस्ट्रोक ! 99% चीजें 5% से भी कम जी एस टी में

By using our site, you agree to our Terms & Conditions and Disclaimer     Dismiss