भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़
इस में कोई दो राय नहीं है कि बॉलीवुड हमेशा से भारतीय समाज के लिए ग्लैमर, सफलता और सपनों का प्रतीक रहा है। लेकिन इसी चमक-धमक के पीछे एक अंधेरा पहलू लगातार उजागर होता रहा है—ड्रग्स का प्रचलन। ताजा मामला उस समय सामने आया, जब एक नामी अभिनेता को 35 करोड़ रुपये मूल्य की 3.5 किलो कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया। इस घटना ने एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में फैलते नशे के नेटवर्क और सरकार की नाकामी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी बड़े अभिनेता का नाम ड्रग्स विवाद में आया हो। इससे पहले भी कई नामी अभिनेताओं, अभिनेत्रियों और यहां तक कि उनके परिजनों के नाम इस तरह के मामलों में सामने आ चुके हैं। कई हाई-प्रोफाइल पार्टियों पर छापे पड़े और वहां से बॉलीवुड के कई चेहरे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की जांच के घेरे में आए। हालांकि, ज्यादातर मामलों में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आरोपी जमानत पर बाहर आ गए या मामले ठंडे पड़ गए। इसी वजह से यह बहस तेज होती रही है कि क्या जांच एजेंसियां केवल “नाम उजागर” करने तक सीमित हैं या फिर सच में इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई कर रही हैं। यह भी सच है कि पिछले एक दशक में बॉलीवुड और ड्रग्स के रिश्ते पर कई बार परतें खुल चुकी हैं। कई बड़े स्टार, निर्माता और यहां तक कि उभरते कलाकार भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस की रडार पर रहे हैं। बड़े शहरों में ड्रग्स के कारोबार का सबसे आसान और आकर्षक बाजार फिल्म इंडस्ट्री को ही माना जाता है। यहां ग्लैमर, पार्टियों और नेटवर्किंग के नाम पर नशे का खुला खेल चलता है। फिल्म इंडस्ट्री के जानकार मानते हैं कि ड्रग्स केवल मनोरंजन का साधन नहीं रहा, बल्कि यह एक “स्टेटस सिंबल” बन चुका है। नए कलाकार अकसर दबाव में आते हैं और इंडस्ट्री में फिट होने के लिए नशे की लत का शिकार हो जाते हैं। ताजा गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी के अनुसार, अभिनेता के पास से 3.5 किलो कोकीन जब्त की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 35 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह केवल व्यक्तिगत खपत का मामला नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर तस्करी और वितरण नेटवर्क से जुड़ा प्रतीत होता है। शुरुआती जांच से यह भी संकेत मिले हैं कि अभिनेता के संपर्क कई देशों में फैले ड्रग माफिया से जुड़े हो सकते हैं। इस घटना ने साफ कर दिया है कि बॉलीवुड में ड्रग्स की पैठ कितनी गहरी हो चुकी है और यह केवल व्यक्तिगत लत का मसला नहीं बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा है। भारत सरकार और उसकी एजेंसियां बीते कुछ वर्षों से लगातार ड्रग्स पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठा रही हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एंटी-नारकोटिक्स सेल और पुलिस ने कई हाई-प्रोफाइल छापे मारे हैं। लेकिन बड़े मामलों के बाद भी इंडस्ट्री में ड्रग्स का कारोबार पूरी तरह थमता नहीं दिख रहा।यहां तक कि हर बार जब किसी बड़े नाम का खुलासा होता है, समाज में बहस तेज हो जाती है, पर कुछ हफ्तों बाद यह मामला ठंडा पड़ जाता है। यही वजह है कि ड्रग्स माफिया और सप्लाई चेन को लेकर ठोस और स्थायी कार्रवाई की आवश्यकता है। बॉलीवुड केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह देश की युवा पीढ़ी पर गहरा प्रभाव डालता है। सितारों को युवा अपना आदर्श मानते हैं और उनके तौर-तरीकों की नकल करते हैं। जब यही सितारे नशे के जाल में फंसते हैं, तो इसका नकारात्मक असर सीधे युवाओं पर पड़ता है। देश में पहले ही ड्रग्स का बढ़ता इस्तेमाल एक गंभीर समस्या है। पंजाब, हिमाचल, गोवा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ड्रग्स की लत सामाजिक और पारिवारिक ताने-बाने को तोड़ रही है। ऐसे में बॉलीवुड से निकलने वाले नशे के संदेश हालात को और बिगाड़ते हैं। बॉलीवुड हमेशा से समाज को संदेश देने की भूमिका निभाता रहा है। लेकिन जब खुद इंडस्ट्री के भीतर नशे का जाल फैले, तो इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। फिल्म उद्योग को अपने स्तर पर भी आत्मनिरीक्षण करना होगा। प्रोडक्शन हाउस, यूनियन और संगठनों को अपने सदस्यों पर नजर रखनी होगी। साथ ही, फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों को ऐसे कलाकारों को बढ़ावा देने से बचना चाहिए, जो बार-बार ड्रग्स विवाद में पकड़े जाते हैं। इस तरह के कदम से ही समाज को सही संदेश जाएगा। इस समय केवल गिरफ्तारी कर लेना काफी नहीं है। सरकार को तीन मोर्चों पर समानांतर कदम उठाने होंगे— सख्त कानूनी कार्रवाई – ड्रग्स मामले में दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ त्वरित और कठोर दंड सुनिश्चित करना होगा। सप्लाई चेन पर हमला – केवल उपभोक्ताओं पर नहीं बल्कि ड्रग्स सप्लाई करने वाले नेटवर्क और माफिया को जड़ से खत्म करना होगा। जागरूकता अभियान – युवाओं और खासकर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर कैंपेन चलाने की जरूरत है। मीडिया का काम केवल सनसनी फैलाना नहीं बल्कि लगातार दबाव बनाए रखना है। अगर समाज और मीडिया सक्रिय रहेंगे तो ही इस तरह के मामलों में ढिलाई नहीं बरती जाएगी। अंत में कह सकते हैं कि बॉलीवुड अभिनेता की गिरफ्तारी और 35 करोड़ रुपये की कोकीन बरामदगी सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि एक गंभीर चेतावनी है। यह बताता है कि फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स की समस्या कितनी गहरी हो चुकी है। यदि अब भी सरकार और समाज ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या आने वाली पीढ़ियों के लिए और खतरनाक रूप ले सकती है।बॉलीवुड को अपनी छवि बचाने और युवाओं को सही दिशा दिखाने के लिए नशे के खिलाफ सख्त और स्पष्ट रुख अपनाना होगा। वहीं, सरकार को भी ड्रग्स नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।