भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़
देश में एक बार फिर लोकतंत्र का महापर्व दस्तक देने जा रहा है। चुनाव आयोग ने 'SIR' यानी स्पेशल इन्ट्रिम रीप्रेजेंटेशन चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग की ओर से जारी ताज़ा अधिसूचना के मुताबिक, पहले चरण में 10 राज्यों में मतदान प्रक्रिया शुरू होगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार पारदर्शिता, तकनीकी निगरानी और मतदाता सुविधा पर विशेष ज़ोर रहेगा। इन चुनावों को लेकर न केवल राजनीतिक दलों में हलचल है, बल्कि मतदाताओं के बीच भी उत्साह और चर्चा का माहौल है।सूत्रों के मुताबिक, SIR चुनावों के पहले चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा और असम में मतदान कराया जाएगा। आयोग ने इन राज्यों में मतदाता सूची को अद्यतन करने, मतदान केंद्रों की सुरक्षा जांच और कर्मियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें से कई राज्यों में सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील जिलों की पहचान की गई है। चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय के सहयोग से केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती का भी खाका तैयार किया है, ताकि मतदान के दिन किसी भी तरह की गड़बड़ी या हिंसा की आशंका न रहे। इस बार SIR चुनाव में 100% वीवीपैट और ईवीएम का इस्तेमाल सुनिश्चित किया गया है। आयोग ने कहा है कि हर मतदाता को वोट डालने के बाद अपने मत की पुष्टि के लिए वीवीपैट पर्ची देखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, "ई-निरीक्षण पोर्टल" और "वोट360 ऐप" के ज़रिए मतदाता मतदान केंद्रों, उम्मीदवारों और शिकायत निवारण की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। “इस बार हमारा लक्ष्य है कि मतदान प्रक्रिया न केवल निष्पक्ष हो, बल्कि हर नागरिक के लिए सुलभ और पारदर्शी भी हो। हमने डिजिटल टूल्स और जमीनी निगरानी दोनों को मज़बूत किया है।” आयोग ने पहली बार ब्लॉक स्तर पर डिजिटल पर्यवेक्षक प्रणाली लागू की है, जिसमें मतदान से लेकर मतगणना तक की हर गतिविधि रियल टाइम ट्रैक की जाएगी। एस आई आर चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। सभी प्रमुख दलों — भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों — ने अपने उम्मीदवारों की सूची तय करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। दिल्ली, लखनऊ, जयपुर और पटना में लगातार बैठकों का दौर जारी है। सूत्र बताते हैं कि कई दल इस चुनाव को “लोकसभा 2026 के सेमीफाइनल” के रूप में देख रहे हैं।चुनाव विश्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव राष्ट्रीय राजनीतिक समीकरणों की दिशा तय कर सकता है। इस बार एस आई आर चुनावों में मतदाताओं के लिए “सुगम मतदान अभियान” चलाया जा रहा है। इसके तहत 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा मिलेगी। आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर शुद्ध पेयजल, छाया, चिकित्सा सहायता और व्हीलचेयर सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही, पहली बार वोट डालने वाले युवाओं के लिए ‘मेरा पहला वोट - मेरा गौरव’ अभियान शुरू किया गया है, ताकि युवा पीढ़ी लोकतंत्र की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभा सके। 10 राज्यों में कुल मिलाकर 1.25 लाख से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें से लगभग 20% केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। चुनाव आयोग ने बताया है कि मतदान के दौरान ड्रोन कैमरे, बॉडी-वॉर्न कैमरे और सी सी टी वी लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ और अफवाहों की रोकथाम के लिए एक विशेष साइबर मॉनिटरिंग टीम भी गठित की गई है। एस आई आर चुनाव को भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण संक्रमणकालीन प्रक्रिया माना जा रहा है। इन चुनावों का मकसद है कि राज्यों और केंद्र के बीच प्रशासनिक प्रतिनिधित्व और नीतिगत निरंतरता बनी रहे। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रक्रिया न केवल राजनीतिक दिशा तय करेगी, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी पुनः स्थापित करेगी।राजनीतिक विश्लेषक डॉ. रजनीश सिंह कहते हैं —“ एस आई आर चुनाव उस खाली जगह को भरने का काम करेंगे जो कई राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता के कारण बनी थी। इससे प्रशासनिक दक्षता और शासन में स्थायित्व लौटेगा।” चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इस बार पंजीकृत मतदाताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 48% और पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या 1.2 करोड़ है। महिला मतदाताओं को विशेष रूप से प्रेरित करने के लिए आयोग ने ‘शक्ति बूथ’ नामक योजना शुरू की है, जहां मतदान केंद्रों का संचालन केवल महिला अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों द्वारा किया जाएगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आचार संहिता उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई होगी। राजनीतिक विज्ञापनों, सोशल मीडिया प्रचार और उम्मीदवारों के खर्च की जांच के लिए “इलेक्शन मॉनिटरिंग यूनिट्स” गठित की गई हैं। आयोग ने सभी दलों से अनुरोध किया है कि वे ‘स्वच्छ और सम्मानजनक चुनाव अभियान’ चलाएं और किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक या विभाजनकारी भाषण से बचें। एस आई आर चुनावों को लेकर पूरे देश में तैयारियां अपने चरम पर हैं। आयोग ने हर चरण को पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने का खाका तैयार कर लिया है। जनता की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि राजनीतिक दल मतदाताओं के मुद्दों को किस गंभीरता से लेते हैं।जहां एक ओर चुनाव आयोग तकनीकी और पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, वहीं दूसरी ओर यह चुनाव भारत के भविष्य के राजनीतिक नक्शे को भी नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।रा है।