Saturday, July 19, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

संपादकीय

जरूरत है हमारे देश में आज प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान केंद्रित करने की--भुपेंद्र शर्मा

November 28, 2022 06:01 PM

दर्पण न्यूज़ सर्विस

चंडीगढ़, 29 नवंबरः ‘नेचुरल फार्मिंग’ या प्राकृतिक खेती पारंपरिक और आधुनिक कृषि अभ्यासों- दोनों में सुधार के लिये एक नया दृष्टिकोण है, जो पर्यावरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और समुदायों की रक्षा पर लक्षित है। इसमें भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं से समझौता किये बिना खाद्य उत्पादन को सक्षम करने की क्षमता है। इससे बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चितता, किसानों की आय में वृद्धि, मृदा स्वास्थ्य का पुनरुद्धार और उत्पादन की न्यूनतम लागत होते हैं।

इसके अलावा नेचुरल फार्मिंग का बजट ज़ीरो होता है। यह कृषि-पारिस्थितिकी पर निर्भर करता है। यह सतत्/संवहनीय कृषि अभ्यासों पर आधारित रसायन मुक्त खेती का आह्वान करता है। 1990 के दशक के मध्य में सुभाष पालेकर ने इसे हरित क्रांति में व्यवहृत रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों तथा सघन सिंचाई विधियों के विकल्प के रूप में विकसित किया था। इस मॉडल का लक्ष्य उत्पादन लागत को कम करना और हरित क्रांति से पहले की कृषि पद्धतियों पर वापस लौटना है जहाँ उर्वरक, कीटनाशक और सिंचाई जैसे महंगे इनपुट की आवश्यकता नहीं होती है।

हमारे देश में खेती से संबंधित कई चुनौतियाँ होती हैं। इनमें प्रति बूंद अधिक फसल, प्राकृतिक आदानों की तत्काल उपलब्धता का अभाव, फसल विविधीकरण का अभाव और पैदावार में गिरावट आदि शामिल रहते हैं। उक्त चुनौतियों के मद्देनजर सरकार ने कृषि के क्षेत्र में कई पहल की हैं जिनमें मुख्यतः राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन, परंपरागत कृषि विकास योजना , कृषि वानिकी पर उप-मिशन , राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये जैविक मूल्य शृंखला विकास मिशन शामिल हैं।

मौजूदा हालात में अब जरूरत है नेचुरल फार्मिंग में महिलाओं की भागीदारी की। विभिन्न अध्ययनों में प्राथमिक उत्पादक के रूप में कृषि संसाधनों पर महिलाओं के नियंत्रण और उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के बीच सीधा संबंध देखा गया है।चूँकि महिलाएँ ही अधिकांशतः अपने परिवारों के लिये खाना बनाती हैं, इसलिये वे अपने बच्चों के पोषण के लिये प्राकृतिक उत्पादों के महत्त्व को समझती हैं। इस परिदृश्य में महिलाओं द्वारा पुरुषों की तुलना में नेचुरल फार्मिंग को जल्द अपनाने की संभावना अधिक है। नेचुरल फार्मिंग में महिलाओं की भागीदारी से निर्णय लेने में उनकी भागीदारी बढ़ेगी। यह परिवार के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

इसके अलावा पारंपरिक और अग्रणी तकनीकों का एकीकरण भी नेचुरल फार्मिंग में काफी आवश्यक है। वर्षा जल संचयन, पादप पोषण के लिये जैविक अपशिष्ट का पुनर्चक्रण, कीट प्रबंधन आदि पारंपरिक तकनीकों के उदाहरण हैं जिनका उपयोग उच्च उत्पादकता प्राप्त करने के लिये टिशू कल्चर, जेनेटिक इंजीनियरिंग जैसी अग्रणी तकनीकों की पूरकता के लिये किया जा सकता है।

यह भी सच है कि भारत कृषि पद्धतियों की विविधता के लिये जाना जाता है, जो उपयुक्त समाधान खोजने के लिये राष्ट्रीय कृषि संवाद में विविध दृष्टिकोणों को शामिल करना महत्त्वपूर्ण बनाता है।एक प्राकृतिक दृष्टिकोण के साथ संतुलित हाई-टेक खेती की दिशा में कुशल और सटीक कदम आगे बढ़ाने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और स्केल संबंधी कई अन्य मुद्दों को संबोधित किया जा सकेगा। रसायन मुक्त कृषि के लिये इनपुट्स का उत्पादन करने वाले लघु उद्यमों को सरकार द्वारा सहायता दी जानी चाहिये ताकि प्राकृतिक इनपुट की अनुपलब्धता की चुनौती को दूर किया जा सके। नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिये ग्रामीण स्तर पर इनपुट तैयार करने और बिक्री की दुकानों की स्थापना के साथ जोड़ा जाना चाहिये।

अंततः हम यह कह सकत हैं कि कृषि उत्पादकता और प्रकृति के संरक्षण के बीच पारस्परिक रूप से सुदृढ़ संबंधों का विकास आवश्यक है। खेती प्रणालियों को एक प्रतिकृति प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिये उनमें संशोधन किये जा सकते हैं। पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से उपयोगी पेड़, झाड़ियाँ और बारहमासी घासों को खेतों में इस प्रकार एकीकृत किया जा सकता है जो प्राकृतिक वनस्पति संरचना का अनुकरण करते हैं।

Have something to say? Post your comment

और संपादकीय समाचार

Three missiles were fired in 24 hours! India's strong display of power resonated across the world: 24 घंटे में तीन मिसाइलें दागीं! भारत का दमदार शक्ति प्रदर्शन पूरी दुनिया में गूंजा

Three missiles were fired in 24 hours! India's strong display of power resonated across the world: 24 घंटे में तीन मिसाइलें दागीं! भारत का दमदार शक्ति प्रदर्शन पूरी दुनिया में गूंजा

Where should the sick people go? Neither support for private treatment nor trust in the government system: बीमार जनता जाए तो जाए कहां? न निजी इलाज का सहारा, न सरकारी व्यवस्था पर भरोसा

Where should the sick people go? Neither support for private treatment nor trust in the government system: बीमार जनता जाए तो जाए कहां? न निजी इलाज का सहारा, न सरकारी व्यवस्था पर भरोसा

The series of brutal murders of journalists continues: पत्रकारों की निर्मम हत्याओं का क्रम जारी- सरकारें मौन, 7 महीनों में तीसरे पत्रकार की हत्या, आखिर कब रुकेगा सच का गला घोंटना?

The series of brutal murders of journalists continues: पत्रकारों की निर्मम हत्याओं का क्रम जारी- सरकारें मौन, 7 महीनों में तीसरे पत्रकार की हत्या, आखिर कब रुकेगा सच का गला घोंटना?

35 lakh voters out of Bihar voter list before elections, opposition questions commission's intentions!: चुनाव से पहले बिहार में 35 लाख वोटर लिस्ट से बाहर, विपक्ष ने उठाए आयोग की मंशा पर सवाल!

35 lakh voters out of Bihar voter list before elections, opposition questions commission's intentions!: चुनाव से पहले बिहार में 35 लाख वोटर लिस्ट से बाहर, विपक्ष ने उठाए आयोग की मंशा पर सवाल!

India's forests are not just greenery, but also the foundation of our economic and climate future!: भारत के वन न सिर्फ हरियाली, बल्कि आर्थिक और जलवायु भविष्य की नींव भी!

India's forests are not just greenery, but also the foundation of our economic and climate future!: भारत के वन न सिर्फ हरियाली, बल्कि आर्थिक और जलवायु भविष्य की नींव भी!

"How many more Changur Babas...their 1000 henchmen? Questions arise on conversion, love jihad and ISI connection": "और कितने छांगुर बाबा...उनके 1000 गुर्गे? धर्मांतरण, लव जिहाद और आई एस आई कनेक्शन पर उठते सवाल"

India's paradise or crisis? Environmental threat looms over Andaman and Nicobar!: भारत का स्वर्ग या संकट? अंडमान-निकोबार पर मंडराता पर्यावरणीय खतरा!

India's paradise or crisis? Environmental threat looms over Andaman and Nicobar!: भारत का स्वर्ग या संकट? अंडमान-निकोबार पर मंडराता पर्यावरणीय खतरा!

Preparedness before disaster is the real protection: Technology and local power are essential in the path of climate-friendly India! : आपदा से पहले तैयारी ही असली बचाव: जलवायु-अनुकूल भारत की राह में तकनीक और स्थानीय शक्ति जरूरी!

Preparedness before disaster is the real protection: Technology and local power are essential in the path of climate-friendly India! : आपदा से पहले तैयारी ही असली बचाव: जलवायु-अनुकूल भारत की राह में तकनीक और स्थानीय शक्ति जरूरी!

Once a bastion of education, now suffering from migration, Bihar is moving away from the mainstream and lagging behind in development: कभी शिक्षा का गढ़, अब पलायन की पीड़ा, मुख्य धारा से हटता और विकास में पिछड़ता बिहार

Once a bastion of education, now suffering from migration, Bihar is moving away from the mainstream and lagging behind in development: कभी शिक्षा का गढ़, अब पलायन की पीड़ा, मुख्य धारा से हटता और विकास में पिछड़ता बिहार

Modi's roar in BRICS: India has brought everyone together on the issue of terrorism!: ब्रिक्स में मोदी की गरज: आतंकवाद पर सबको एक सुर में ला दिया भारत ने!

Modi's roar in BRICS: India has brought everyone together on the issue of terrorism!: ब्रिक्स में मोदी की गरज: आतंकवाद पर सबको एक सुर में ला दिया भारत ने!

By using our site, you agree to our Terms & Conditions and Disclaimer     Dismiss